चीफ जस्टिस ने खुद को व्यापमं की सुनवाई से किया अलग
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अजय माणिकराव खानविलकर अब व्यापमं से जुड़े मामलों की सुनवाई नहीं करेंगे। यह निर्णय उन्होंने स्वयं लिया है। इस संबंध में हाईकोर्ट में नया रोस्टर भी जारी कर दिया गया है।
जबलपुर [ब्यूरो]। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अजय माणिकराव खानविलकर अब व्यापमं से जुड़े मामलों की सुनवाई नहीं करेंगे। यह निर्णय उन्होंने स्वयं लिया है। इस संबंध में हाईकोर्ट में नया रोस्टर भी जारी कर दिया गया है। यह रोस्टर सोमवार से प्रभावी होगा। इसके तहत अब जस्टिस शांतनु केमकर और जस्टिस केके त्रिवेदी की स्पेशल बेंच व्यापमं से जुड़ी जमानतों और अन्य मामलों की सुनवाई करेगी।
चीफ जस्टिस ने खुद को इस मामले की सुनवाई से अलग क्यों किया, यह स्पष्ट नहीं है। इससे पहले करीब डेढ़ साल से चीफ जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ही व्यापमं की मॉनीटरिंग के साथ ही जमानतों और अन्य मामलों की सुनवाई कर रही थी।
कई जमानत अर्जियां हाईकोर्ट में लंबित
व्यापमं घोटाले से जुड़े कई हाईप्रोफाइल आरोपियों की जमानत अर्जियां मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पेंडिंग हैं। इनमें पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके ओएसडी ओपी शुक्ला, खनन कारोबारी सुधीर शर्मा, डॉ. विनोद भंडारी जैसे लोगों के नाम हैं। लक्ष्मीकांत शर्मा और शुक्ला ने अलग-अलग आधार पर जमानत अर्जियां दायर कर रखी हैं। इन पर भी सुनवाई होनी है।
एसआईटी, एसटीएफ को पेश करनी है चार्जशीट
व्यापमं से जु़$डे करीब 245 आरोपियों के खिलाफ एसआईटी, एसटीएफ को चार्जशीट पेश करनी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई को मामला सौंपे जाने के बाद सीबीआई ने ही अर्जी दी थी कि एसआईटी, एसटीएफ को आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करनी चाहिए वर्ना इन्हें जमानत का लाभ मिल सकता है।