Move to Jagran APP

आठवीं तक सभी छात्रों को पास करने का नियम बदलेगा: कठेरिया

शिक्षा का अधिकार कानून के तहत आठवीं तक के सभी छात्रों को पास करने का नियम बदला जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ. रामशंकर कठेरिया ने यह ऐलान किया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2015 04:27 AM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2015 04:33 AM (IST)
आठवीं तक सभी छात्रों को पास करने का नियम बदलेगा: कठेरिया

इंदौर। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत आठवीं तक के सभी छात्रों को पास करने का नियम बदला जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ. रामशंकर कठेरिया ने यह ऐलान किया है। शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि देश में प्रायमरी एजुकेशन की स्थिति बहुत खराब है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पढ़े ना पढ़े आठवीं तक सब पास हो जाते हैं। पिछली सरकार के इस कानून को हम जल्द ही बदल देंगे।

loksabha election banner

शनिवार दोपहर प्रेस्टिज कॉलेज के दीक्षा समारोह के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए डॉ. कठेरिया ने कहा, देशभर से ऐसी प्रतिक्रिया हमारे पास आई थी कि बच्चे आठवीं तक तो बिना पढ़े पास हो जाते हैं, लेकिन नौवीं और दसवीं में उन्हें कुछ नहीं आता। मंत्री ने कहा कि अब तक अनिवार्य शिक्षा पर काम हो रहा था। अब हम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं। अच्छे शिक्षकों को बनाने के लिए हम संस्थान खोल रहे हैं। बनारस से इसकी शुरआत होगी। पं. मदनमोहन मालवीय के नाम से वहां संस्थान खुलेगा।

बर्तन धोना गलत नहीं

स्मृति ईरानी को कांग्रेस नेताओं द्वारा काम वाली बाई कहे जाने पर कठेरिया ने कहा कि यदि उन्होंने काम किया और बर्तन भी धोए तो इसमें खराबी क्या है। वे जिस पद पर हैं वह जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी और कलाम भी छोटे काम कर आगे बढ़े हैं। कांग्रेसी सालभर में सरकार के काम देख परेशान हो रहे हंै इसलिए अनर्गल बातें कर रहे हैं।

आईआईएम में मनमानी नहीं चलेगी

प्रस्तावित आईआईएम के बिल पर निदेशकों के विरोध को नकारते हुए उन्होंने कहा कि सरकार आईआईएम की स्वायत्तता में हस्तक्षेप नहीं कर रही है। हम सिस्टम कमजोर नहीं कर रहे बल्कि उसमें मनमानी नहीं चलने देंगे। आईआईएम अहमदाबाद निदेशक के सार्वजनिक विरोध पर उन्होंने कहा कि मैं अंदर की बात नहीं निकालना चाहता।

शिक्षा का भगवाकरण नहीं

शिक्षा में भगवाकरण के आरोपों पर राज्यमंत्री ने कहा कि क्या हम भागवत पढ़वा रहे हैं। मदरसों में विज्ञान की पढ़ाई होगी तभी तो वहां से अब्दुल कलाम निकलेंगे। इसमें गलत क्या है। देश हमारी प्राथमिकता है। एफटीआई में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के राहुल गांधी के विरोध में आने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तो आदत हो गई है आरोप लगाने की।

बेसिक कमजोर हो जाता है

रमेश दाधीज, शासकीय उमा विद्यालय पालिया ने कहा कि आठवीं तक बच्चों को पास करना ही होता है। शिक्षक टेस्ट लेकर पास कर देते हैं। ये छात्र जब नौंवी में जाते हैं तो उनके बेसिक्स कमजोर होते हैं। आगे 12वीं तक की प़$ढाई का स्तर इससे प्रभावित होता है। यदि नियम खत्म होगा तो शिक्षक भी प़$ढाने पर ध्यान देंगे, क्योंकि परीक्षा होगी।

गुणवत्ता प्रभावित हुई है

हरीक्ष बोयत, संभाग संयोजक, अध्यापक-शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने बताया कि नियम लागू होने के बाद से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। परीक्षा का डर नहीं होता तो छात्र भी गंभीरता से पढ़ाई नहीं करते। आगे की कक्षाओं में उन्हें परेशानी आती है। नियम बदलने से स्कूली शिक्षा का स्तर सुधरेगा और छात्रों के साथ शिक्षकों में भी गंभीरता आएगी।

प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने रखी थी मांग

राजेंद्र कुमार आचार्य, अध्यक्ष मप्र शिक्षक संघ ने कहा कि प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री पारस जैन पहले ही इस नियम को बदलने की मांग उठा चुके हैं। अनिवार्य पास करने के नियम के कारण शिक्षा का स्तर गिर रहा है इस बारे में छह महीने पहले उन्होंने एमएचआरडी मंत्री स्मृृति ईरानी को पत्र लिखा था। बाद में वे दिल्ली जाकर इस मसले पर मंत्री से मिलकर आए थे और इस नियम को खत्म करने की मांग भी रखी थी।

ताजा नियम से छात्र और अभिभावकों की मानसिकता ऐसी बन जाती है कि स्कूल जाएं या न जाएं, पास तो होना ही है। इससे शिक्षा का स्तर गिरता है। यदि यह नियम खत्म होता है तो बेसिक एजुकेशन सुधरेगी। हम भी ऐसे निर्णय का स्वागत करेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.