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व्यापमं घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से होगा लोगों का भला

सुप्रीम कोर्ट ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित परीक्षा पास करके मेडीकल कॉलेज में दाखिला लेने वाले 634 स्टूडेंट का एडमिशन खारिज करने का फैसला दिया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 14 Feb 2017 03:31 AM (IST)Updated: Tue, 14 Feb 2017 03:54 AM (IST)
व्यापमं घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से होगा लोगों का भला
व्यापमं घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से होगा लोगों का भला

मुरैना। सुप्रीम कोर्ट ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित परीक्षा पास करके मेडीकल कॉलेज में दाखिला लेने वाले 634 स्टूडेंट का एडमिशन खारिज करने का फैसला दिया। उस दौरान यह पीआईएल लगाने वाले व्हिसिल ब्लोअर प्रशांत पांडे मुरैना में थे। नईदुनिया से बातचीत में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को स्वागत योग्य बताया साथ ही इस फैसले का लाभ सीधे समाज को मिलने की बात कही।
श्री पांडे ने बताया कि उन्होंने साल 2015 में इस मामलेे में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। श्री पांडे के मुताबिक उन्होंने लंबे समय तक एसटीएफ का सहयोग भी किया, जिसके चलते इस मामले की उन्हें बेहतर जानकारी थी। श्री पांडे ने बताया कि इससे पहले इस मामले की सीबीआई जांच भी उन्हीं की याचिका पर हुई थी। इसके बाद उन्होंने न्यायालय में पीआईएल लगाकर इस आशय की मांग की थी कि साल 2008 से लेकर साल 2012 तक जिन संदिगध 634 लोगों के मेडीकल कॉलेज में एडमिशन हुए हैं या उन्हें डिग्रियां मिली हैंं उन्के यह रजिस्ट्रेशन कैंसिल किए जाएं। इसके बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बैंच ने इन 634 लोगों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने के आदेश दे दिए हैं।
समाज को पहुंचता नुकसान
श्री पांडे ने बताया कि अगर ग़$डब़$डी करके एडमिशन और डिग्री पाने वाले डॉक्टर समाज में पहुंच जाते तो गलत इलाज करके यह लोगों को नुकसान पहुंचाते। श्री पांडे ने कहा कि अब कम से कम कुछ हद तक यह नुकसान कम होगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले के कुछ डॉक्टर अभी भी बिना पूरी योग्यता के मेडीकल प्रैक्टिस कर रहे हैं।
यह भी उठी थी बात
श्री पांडे ने कहा कि इससे पहले यइ बात भी उठी थी कि इस तरह से डॉक्टर बनने वाले लोगों से ग्रामीण क्षेत्र में या आर्मी के अस्पतालों में कुछ सालों तक बिना पैसा दिए काम करवाया जाना चाहिए। श्री पांडे ने कहा कि एक नजरिए से यह भी गलत ही होता। श्री पांडे के मुताबिक इसलिए भी उन्होंने इस तरह की पीआईएल सुप्रीम कोर्ट में फाइल की थी, जिसमें सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का सराहनीय फैसला आया है।

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