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रिटायरमेंट से 10 मिनट पहले इंस्पेक्टर से बने डीएसपी

पुलिस विभाग में तीस साल नौकरी के बाद रिटायरमेंट के मौके पर शाम को कार्यकाल समाप्त होने के ठीक दस मिनट पहले उनके हाथ एक ऐसा पत्र दिया गया, जिसकी कल्पना भी उन्होंने नहीं की थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 21 Jan 2017 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jan 2017 07:42 AM (IST)
रिटायरमेंट से 10 मिनट पहले इंस्पेक्टर से बने डीएसपी
रिटायरमेंट से 10 मिनट पहले इंस्पेक्टर से बने डीएसपी

भोपाल। अमित देशमुख। पुलिस विभाग में तीस साल नौकरी के बाद रिटायरमेंट के मौके पर शाम को कार्यकाल समाप्त होने के ठीक दस मिनट पहले उनके हाथ एक ऐसा पत्र दिया गया, जिसकी कल्पना भी उन्होंने नहीं की थी। ये था इंस्पेक्टर से डीएसपी बनाने का आदेश पत्र। बात हो रही है पुलिस मुख्यालय के राज्य सांख्यिकी विभाग में काम करने वाले केपी विश्वकर्मा की।
वे 31 दिसंबर 2016 को रिटायर हुए। उन्हें प्रमोशन का इंतजार कई सालों से था, पर एक पद होने के चलते ये संभव नहीं हो पा रहा था। यही वजह है कि उन्होंने उम्मीद भी छा़े$ड दी थी, लेकिन साथियों व अधिकारियों की मदद और डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला की पहल के चलते ये संभव हो सका। मप्र पुलिस के इतिहास में इससे पहले चार पुलिस कर्मचारियों को इस तरह रिटायरमेंट के समय पदोन्नत किया गया।
लायब्रेरी से मिला वो पत्र, जिससे बंधी उम्मीद
विश्वकर्मा को पुलिस लायब्रेरी से नियम 45 की वह कॉपी हाथ लगी, जिससे उनकी उम्मीद बंधी। इस नियम के तहत डीजीपी की अनुशंसा पर वरिष्ठ और महत्वपूर्ण कार्य कर रहे इंस्पेक्टर को रिटायरमेंट के दिन डीएसपी रैंक दी जा सकती है। गजट नोटिफिकेशन की कॉपी को लेकर वे डीजीपी से मिले। इसके बाद डीजीपी ने तत्काल गृृह विभाग से बात की, लेकिन विभाग ने उनसे पुरानी नजीर मांगी। काम मुश्किल था, इसलिए डीजीपी ने कुछ कर्मचारियों को इस काम की जिम्मेदारी सौंपी। ये कर्मचारी रोजाना के काम करने के बाद देर शाम तक नजीर तलाशते रहे, इसके बाद उन्हें पुराना मामला मिला। इसे आधार बनाते हुए डीजीपी ने डीएसपी रैंक दिए जाने का अनुशंसा पत्र लिखा। हालांकि उनका वेतन इंस्पेक्टर रैंक का ही रहेगा।
सीना और चौ़$डा हो गया
नईदुनिया से बात करते हुए विश्वकर्मा ने बताया कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि ऐसा संभव हो पाएगा। उन्होंने इसके लिए डीजीपी , एडीजी प्लानिंग पवन जैन व अन्य साथियों का आभार किया। वे कहते हंै उस वक्त मेरा सीना और चौ़$डा हो गया, क्योंकि मैं इंस्पेक्टर नहीं अब डीएसपी बनकर रिटायर हो रहा था।

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