नर्मदा, चंबल खतरे के निशान के पार, बाढ़ में बह गया 18 पहियों वाला ट्रॉला
नर्मदा खतरे के निशान से ढाई मीटर ऊपर बह रही है। श्योपुर में चंबल खतरे के निशान को पार कर गई। जिला प्रशासन ने नदी से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है।
बड़वानी/ श्याेपुर/शिवपुरी।ओंकारेश्वर व इंदिरा सागर बांध के गेट खुलने से नर्मदा खतरे के निशान से ढाई मीटर ऊपर बह रही है। वहीं राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने से श्योपुर में चंबल खतरे के निशान को पार कर गई। जिला प्रशासन ने नदी से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है। उधर चंबल अंचल में तेज बारिश से मड़ीखेड़ा बांध के दस में से आठ गेट खोले गए हैं। इस बीच दमोह के पास बरसाती नाले में कार बहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
नर्मदा में यदि डेढ़ मीटर पानी और बढ़ा तो बड़वानी का राजघाट पुल डूब जाएगा। इसके पहले 2013 में भी ऐसी स्थिति बनी थी जब यह पुल डूब गया था। तब सड़क पर नाव चलाना पड़ी थी। इस बीच राजघाट पुल पर बड़े वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। इससे चिखल्दा व कड़माल का बड़वानी से संपर्क टूट गया है। कंट्रोल रूम प्रभारी आरएन जम्होरिया ने बताया कि बरगी व तवा बांध के गेट खुलने से वहां का पानी भी इंदिरा सागर में आ रहा है। श्योपुर से कोटा जाने वाला राज्य मार्ग जलालपुरा चौकी पर पार्वती नदी की बाढ़ से 3 दिन से बंद है।
भौंरा नदी की बाढ़ में बह गया 18 पहियों वाला ट्राॅला, ग्रामीणों ने ड्राइवर को बचाया
जान जोखिम में डाल निकलते हैं लोग
लोग जान जोखिम में डाल करेड़ी पुलिया से निकलते रहे। वहीं गुना-बमोरी रोड पर जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी दूर भौंरा नदी में सोमवार को 18 पहियों वाला एक ट्राला बह गया। नदी के पास खड़े गोविंद सिंह और इंदर सिंह ने ट्राले के ड्राइवर को डूबने से बचा लिया। उधर बड़वानी में नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर बहने से राजघाट पुल से आवागमन बंद हो गया।
तेज बहाव में से गुजरना महंगा पड़ा
शिवपुरी : पुल पर से बह रही सिंध
गुना व अशोक नगर में बारिश से सोमवार को पचावली स्थित सिंध नदी के पुल पर 5 फीट पानी पहुंच गया। सिंध नदी के कोलारस स्थित गोरा टीला रपटे पर पानी आने से ट्रैफिक रुक गया।
दमोह : कार बही, एक की मौत
जिले में बरसाती नाले का पुल पार करते समय एक कार फंस गई। उसमें सवार चार लोग जैसे-तैसे सुरक्षित निकल पाए, लेकिन युवक सालिगराम (28) कार समेत बह गया।
नीमच: दो किसानों को बचाया
ब्राह्मणी नदी में आई बाढ़ को देखने आए दो किसान पानी में बह गए। ये किसान एक किमी दूर खजूर के पेड़ पर चढ़कर बैठ गए। बाद में रेस्क्यू कर इन्हें निकाला गया।