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जूते-मौजे पहनकर आए तो नहीं दे सकेंगे पीएससी की परीक्षा

विदिशा। ठंड के इस मौसम में इस बार युवाओं को लोक सेवा आयोग की परीक्षा देना भारी पड़ेगा। प्रशासन ने रविवार को जिले में आयोजित होने वाली पीएससी परीक्षा में परीक्षार्थियों के जूते-मौजे पहनकर आने पर रोक लगा दी है। अधिकारियों का कहना है कि जूते-मौजे पहनकर आने वाले पहनकर आने वाले परीक्षार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

By Atul GuptaEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2016 05:11 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2016 05:13 AM (IST)
जूते-मौजे पहनकर आए तो नहीं दे सकेंगे पीएससी की परीक्षा

विदिशा। ठंड के इस मौसम में इस बार युवाओं को लोक सेवा आयोग की परीक्षा देना भारी पड़ेगा। प्रशासन ने रविवार को जिले में आयोजित होने वाली पीएससी परीक्षा में परीक्षार्थियों के जूते-मौजे पहनकर आने पर रोक लगा दी है। अधिकारियों का कहना है कि जूते-मौजे पहनकर आने वाले पहनकर आने वाले परीक्षार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

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हालांकि अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि इस संबंध में अब तक उनके पास आयोग से कोई लिखित आदेश नहीं आया है। जिले में आयोजित इस परीक्षा में 2151 परीक्षार्थी शामिल होंगे। इसके लिए शहर में पांच केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में एडीएम अंजू भदौरिया ने अधिकारियों को पीएससी प्रारंभिक परीक्षा के संबंध में दिशा-निर्देश दिए।

एडीएम ने बताया कि परीक्षा के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। वे लोग परीक्षा केंद्रों पर सामग्री पहुंचने से लेकर कॉपियों का कलेक्शन तक का कार्य पूरी जिम्मदारी से कराएंगे। प्रारंभिक परीक्षा के दो पेपर होंगे पहला पेपर सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक होगा और दूसरा पेपर दोपहर 2 से 4 बजे होगा। परीक्षा के आधा घंटे पहले से अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। परीक्षा के लिए कलेक्ट्रेट अधीक्षक कक्ष में कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जो परीक्षा के दिन चालू रहेगा। परीक्षा में आयोग द्वारा जारी किए गए प्रवेश पत्र से ही प्रवेश दिया जाएगा।

इस दौरान अभ्यर्थियों को ओरिजनल आईडी प्रमाणपत्र रखना जरूरी होगा। जूते मोजे पहनकर परीक्षा प्रतिबंधित करने के मामले में एडीएम अंजू भदौरिया का कहना है कि अभी तक आयोग की ओर से ऐसा कोई ई मेल नहीं आया है। लेकिन भोपाल में एक समाचार पत्र में खबर पढ़कर इस तरह के निर्देश जारी किए गए हैं। यहां होगी प्रारंभिक परीक्षा एडीएम ने बताया कि जिला मुख्यालय पर पांच परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। उनमें एसएटीआई डिग्री में 600 परीक्षार्थी, एसएटीआई पालीटेक्निक में 600 परीक्षार्थी, शासकीय गर्ल्स कालेज में 400, सेन्टमेरी पीजी कालेज में 400 और शासकीय उत्कृष्ट स्कूल में 151 परीक्षार्थी शामिल होंगे।

चश्मा-टोपी ले जाने पर भी रोक परीक्षा केन्द्र में परीक्षार्थियों के लिए आयोग द्वारा वर्जित की गई सामग्री में इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइज चेहरे को ढकने वाले स्कार्फ, रूमाल, दुपट्टा, हेयर क्लिप, क्लचर, घड़ी, हाथ में पहने जाने वाले किसी भी प्रकार के बैंड, कमर में पहने जाने वाले बेल्ट, धूप में पहने जाने वाले चश्में, पर्स, टोपी आदि शामिल हैं। इस बार परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए परीक्षा केन्द्र पर एक-एक काउंटर भी बनाया जाएगा जहां परीक्षार्थी अपने मोबाइल आदि रख सकते हैं। दी भ्रामक जानकारी, पीआरओ को लगी फटकार 19 जनवरी को जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा जारी किए गए समाचार में भ्रामक और गलत जानकारी दी गई थी।

समाचार में बताया गया कि परीक्षा एक केंद्र पर होने वाली थी, जिन्हें बढ़ाकर दो केंद्र कर दिए गए हैं। लेकिन परीक्षा पांच केंद्रों में आयोजित हो रही है। इस बात को लेकर जिला जनसंपर्क अधिकारी को एडीएम ने कड़ी फटकार लगाते हुए सही समाचार जारी करने की बात कही। इस संबंध में जनसंपर्क अधिकारी बीडी अहरवाल का कहना है कि उन्हें जो जानकारी दी गई थी, उसी के आधार पर उन्होंने समाचार जारी किया था। सचिवों ने दिया धरना, सीएम से मांगा अपना अधिकार - आठ सूत्रीय मांगों को लेकर दिया ज्ञापन फोटो 9 विदिशा। कलेक्ट्रेट के पास धरना देते हुए सचिव। विदिशा।

सचिव संघ ने अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना दिया। सचिवों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री, पंचायत मंत्री और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा। धरना स्थल पर सचिवों ने चौपाई, शेरो शायरी आदि के माध्यम से सरकार की नीतियों को कोसते हुए अपनी मांगे मनवाने के लिए जोर दिया। ओवरब्रिज के पास स्थित धरना स्थल पर जिलेभर से बड़ी संख्या में सचिव उपस्थित रहे। यहां पर जिलेभर से आए सचिव संघ के पदाधिकारियों और संघ के सदस्यों ने अपनी छठवां वेतनमान और अन्य मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगाई। साथ ही वक्ताओं ने शेरो शायरी, कविता और दोहे-चौपाइयों के माध्यम से सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया।

सचिवों ने कहा कि सरकार उनसे काम तो पूरा लेती है, लेकिन उन्हें न तो पर्याप्त वेतन दिया जाता है और न ही उन्हें जनपद पंचायत के कर्मचारियों के समान सुविधाएं दी जाती हैं। इससे उनके परिवार पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। धरने के दौरान मप्र पंचायत सचिव संघ के जिला अध्यक्ष रणधीरसिंह रघुवंशी, सुरेश शर्मा, गोविंद दांगी, मनोज डोंगर, देवेंद्र यादव, मनोज तिवारी और रामपालसिंह मालवीय समेत बड़ी संख्या में सचिव मौदूर रहे। सचिवों ने दी सरकार गिराने की धमकी सचिव संगठन ने धरने के दौरान सीधा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर निशाना साधा।

सचिवों ने शेरो शायरी के माध्यम से सरकार को खुली चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी सुनवाई नहीं करती है तो वे लोग सरकार को गिराने की दम रखते हैं। सचिवों ने कहा कि यदि सरकार नहीं चेती तो इसका खामियाजा उन्हें जन्द ही उठाना पड़ेगा। उन्होंने 24 मार्च 2013 को मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा को याद दिलाया और कहा कि उन्हें सहायक अध्यापकों के समान वेतनमान दिया जाए। प्रो. शुक्ला बने बीयू के डीन फोटो नाम से प्रो आरएन शुक्ला विदिशा।

एसएटीआई में केमिस्ट्री विभाग के एचओडी प्रो. आरएन शुक्ला को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के तकनीकि संकाय का डीन बनाया गया है। एसएटीआई केमिस्ट्री डिपार्टमेंट असिस्टेंट प्रोफेसर पंकज शरण श्रीवास्तव ने बताया कि राज्यपाल के द्वारा प्रो शुक्ला की नियुक्ति दो वर्ष के लिए की गई है। प्रो शुक्ला का बेहतर एकेडमिक करियर रहा है। वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्याख्यान दे चुके हैं। उनकी इस नियुक्ति पर एसएटीआई परिवार में खुशी का माहौल है।


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