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व्यापमं मामले पर भागवत ने जताया असंतोष

दो दिन से राजधानी में मौजूद संघ प्रमुख डॉ मोहनराव भागवत ने रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश बीजेपी प्रभारी डॉ विनय सहस्रबुद्धे सहित कतिपय अन्य नेताओं को मिलने का समय दिया। उन्होंने सत्ता एवं संगठन के बारे में अलग-अलग फीड बैक लिया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2015 12:59 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2015 01:06 AM (IST)
व्यापमं मामले पर भागवत ने जताया असंतोष

भोपाल [ब्यूरो]। दो दिन से राजधानी में मौजूद संघ प्रमुख डॉ मोहनराव भागवत ने रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश बीजेपी प्रभारी डॉ विनय सहस्रबुद्धे सहित कतिपय अन्य नेताओं को मिलने का समय दिया। उन्होंने सत्ता एवं संगठन के बारे में अलग-अलग फीड बैक लिया। व्यापमं घोटाले सहित प्रदेश के अन्य मुद्दों पर उन्होंने असंतोष भी जता दिया।

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राजधानी के अरेरा कालोनी स्थित संघ मुख्यालय समिधा में ठहरे भागवत ज्यादातर समय अपने कक्ष में ही रहे। सुबह 9 बजे वह मानस भवन में बस्ती प्रमुखों की बैठक लेने पहुंचे। दोपहर का भोजन उन्होंने समिधा से बाहर संघ के पुराने कार्यकर्ता के घर किया। आनुषांगिक संगठनों के प्रमुखों की समीक्षा बैठक में भी उन्होंने अब तक के कामकाज का ब्योरा लिया। उन्होंने बारी-बारी से आनुषांगिक संगठन के नेताओं को समय दिया लेकिन प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान को मुलाकात का समय नहीं मिला।

शाखा का विस्तार करें

सुबह कुटुंब एवं बस्ती प्रमुखों की बैठक में शाखा के विस्तार एवं संघ के कामकाज को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषाएं पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए, ताकि लोग अपनी जड़ों से जुड़े रहें। सीधे व्यापमं का जिक्र न करते हुए उन्होंने सामाजिक वातावरण पर सवाल करते हुए पूछा क्या माहौल है? इसके जवाब में बस्ती प्रमुखों ने भी बताया कि कुछ मसलों पर नकारात्मक वातावरण है। इस वजह से लोग सरकार की ओर शक भरी निगाह से देख रहे हैं। इसके बाद भागवत ने कहा कि लंबे समय तक काम करने से भ्रम की स्थितियां भी बनती हैं। हमें उन पर ध्यान नहीं देना है। धीरे-धीरे जनता के बीच सच्चाई सामने आ जाती है।

सीएम एवं सहस्रबुद्धे पहुंचे

भोपाल प्रवास पर आए प्रदेश बीजेपी प्रभारी डॉ विनय सहस्रबुद्धे भी भागवत से मिलने पहुंचे, उनके साथ संगठन महामंत्री अरविंद मेनन मौजूद थे। मुख्यमंत्री चौहान बीजेपी कार्यालय से निकलकर 5 बजे सीधे समिधा पहुंचे। उन्होंने भागवत के साथ करीब आधा घंटे बंद कमरे में चर्चा की। मुख्यमंत्री के बाद चंद मिनट सहस्त्रबुद्धे को समय दिया गया। दोनों नेताओं से भागवत ने सत्ता एवं संगठन के बारे में अलग-अलग फीडबैक हासिल किया।

पुलिस ने नमस्ते करने से भी रोका!

भागवत की सुरक्षा में तैनात पुलिस इस बार कुछ ज्यादा ही सतर्क है। ई-7 स्थित पुलकित शर्मा के निवास पर दोपहर भोज के लिए पहुंचे भागवत के आसपास पुलिस ने सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की थी। वापसी के समय भागवत जब गा़$डी में बैठने लगे तो वहां मौजूद पुलिस के अफसरों ने भागवत को जानने वालों को भी नमस्ते करने से रोक दिया। उनका कहना था कि ऊपर से सख्त आदेश हैं कि भागवत से कोई नहीं मिल सकता।


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