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सीबीआइ जांच पर झुके शिवराज

मध्य प्रदेश सरकार आखिरकार व्यावसायिक परीक्षा मंडल [व्यापम] घोटाला और इससे जुड़ी मौतों की जांच सीबीआइ से कराने के लिए राजी हो गई है। कल तक एसआइटी जांच पर भरोसा जता रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को एलान किया कि सरकार सीबीआइ जांच के लिए तैयार है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2015 12:38 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2015 12:48 AM (IST)
सीबीआइ जांच पर झुके शिवराज

भोपाल [ब्यूरो]। मध्य प्रदेश सरकार आखिरकार व्यावसायिक परीक्षा मंडल [व्यापम] घोटाला और इससे जुड़ी मौतों की जांच सीबीआइ से कराने के लिए राजी हो गई है। कल तक एसआइटी जांच पर भरोसा जता रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को एलान किया कि सरकार सीबीआइ जांच के लिए तैयार है। शाम को महाधिवक्ता कार्यालय ने हाई कोर्ट में सीबीआइ जांच के संबंध में आवेदन भी दे दिया। इस पर बुधवार को सुनवाई होगी।

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शिवराज ने कहा कि पिछले दिनों आरोपियों की मौत के बाद से कई सवाल उठ रहे हैं। जनता के मन में भी कई प्रश्न हैं। इनका निष्पक्ष उत्तर मिलना जरूरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस का व्यापम अथवा मौतों से कोई लेना-देना नहीं है। शिवराज को घेरो और छवि खंडित करो, यही इनका एकमात्र उद्देश्य है। मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में बताया कि सीबीआइ को केस सौंपने से बचता नहीं, बल्कि रातभर जागता रहा। गंभीरता से विचार किया कि अब जरूरी हो गया है कि सीबीआइ जांच के लिए पत्र लिखा जाए। इसके बाद सुबह फैसला कर लिया।

सरकार पर बन रहा था दबाव

मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार दोपहर अचानक पत्रकार वार्ता बुलाकर सीबीआइ जांच कराने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि बीते चार दिन से व्यापम घोटाले के आरोपियों और इससे जुड़े व्यक्तियों की मौत को लेकर देशभर में चर्चा का बाजार गर्म है। स्वभाविक रूप से सरकार पर भी दबाव बन रहा था। इसलिए हमने व्यापम घोटाले और संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौतों की सीबीआइ जांच कराने का फैसला किया।

उमा बहन हैं, कुछ नहीं कहूंगा

सोमवार को केंद्रीय मंत्री उमा भारती द्वारा सीबीआइ या सक्षम जांच एजेंसी को व्यापम प्रकरण सौंपे जाने की मांग सहित अन्य मुद्दे उठाए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे मेरी बहन हैं। मैं एक शब्द भी नहीं कहूंगा। जब वे भाजपा में नहीं थीं, तब भी मैंने उनके विरुद्ध एक शब्द भी नहीं कहा।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। व्यापम घोटाले की सीबीआइ से जांच कराने के लिए दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की तारीख तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट कांग्र्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और तीन अन्य व्हिसिल ब्लोअर की सीबीआइ जांच की मांग पर नौ जुलाई को सुनवाई करेगा। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास और कुछ वकीलों ने भी व्यापम घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर रखी हैं।

वकीलों की याचिका में मध्य प्रदेश के राज्यपाल राम नरेश यादव को हटाने और उनका बयान दर्ज कराने का आदेश मांगा गया है। इन याचिकाओं पर भी सुप्रीम कोर्ट नौ जुलाई को ही सुनवाई करेगा। मंगलवार को वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष दिग्विजय सिंह व तीन व्हिसिल ब्लोअर आनंद राय, आशीष चतुर्वेदी और प्रशांत पांडेय की याचिकाओं का जिक्र किया। पीठ ने सभी मामलों को अन्य याचिकाओं के साथ सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया।

इतना व्यापक है व्यापम

-55 मामलों की जांच एसटीएफ 2013 से कर रही है

-2,590 लोगों पर 17 मई, 2015 तक मामला दर्ज

-2099 लोग हुए हैं अब तक गिरफ्तार

-491 हैं अबतक फरार।

::गिरफ्तारियों का ब्योरा::

-897 छात्र या अभ्यर्थी

-451 अभिभावक

-241 दूसरे के बदले परीक्षा देने वाले

-489 घोटालेबाज

-21 जालसाज

-755 मामलों में अदालत में दाखिल हो चुके हैं आरोपपत्र

-291 अभियुक्तों पर आरोपपत्र दाखिल होना अभी शेष

-421 फरार आरोपियों पर इनाम घोषित

-1397 टीम बनी पुलिस की, जिसने देशभर में गिरफ्तारी की

-1194 गवाहों के बयान अब तक दर्ज।

शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापम मामले की अब तक सही जांच हुई है। लेकिन यदि कुछ संदेह है, तो सीबीआइ जांच हो जानी चाहिए। इसे देखते हुए हमने हाई कोर्ट को अनुरोध पत्र भेजा है, ताकि भ्रम का कुहासा छंट सके।

ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री सीबीआइ से जांच कराने को लेकर गलतबयानी कर रहे हैं। यह लोगों की आंखों में धूल झोंकने जैसा है। उनको जांच के लिए न्यायालय को पत्र लिखने के बजाय केंद्र सरकार को लिखना चाहिए था।


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