पद से हटते ही राज्यपाल के खिलाफ कार्रवाई तय
राज्यपाल रामनरेश यादव का नाम अभी भले ही जबलपुर हाईकोर्ट ने हटवा दिया हो, लेकिन यादव पर कार्रवाई पद से हटने के बाद हो जाएगी। यादव के खिलाफ हमारे पास पुख्ता सबूत थे, इसी आधार पर हमने उन्हें व्यापमं घोटाले में आरोपी बनाने के लिए लिखा था।
भोपाल [नप्र]। राज्यपाल रामनरेश यादव का नाम अभी भले ही जबलपुर हाईकोर्ट ने हटवा दिया हो, लेकिन यादव पर कार्रवाई पद से हटने के बाद हो जाएगी। यादव के खिलाफ हमारे पास पुख्ता सबूत थे, इसी आधार पर हमने उन्हें व्यापमं घोटाले में आरोपी बनाने के लिए लिखा था।
यह बात एसआईटी चेयरमैन जस्टिस चंद्रेश भूषण ने शुक्रवार को मीडिया से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी अपने आदेश में यह कहा है कि यादव से फिलहाल पूछताछ तो की जा सकती है, लेकिन उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई पद पर रहते हुए नहीं की जा सकती। जब वे अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, तब एसटीएफ चाहे तो उनके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई कर सकती है। जस्टिस भूषषण के मुताबिक वैसे भी भारतीय संविधान के मुताबिक पद पर रहते हुए किसी राज्यपाल को न तो गिरफ्तार किया जा सकता है और न ही उनके खिलाफ चालान पेश किया जा सकता है।
हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात पर जस्टिस भूषषण ने कहा है कि अपील करना या करवाना उनका काम नहीं है। अब यह सरकार को तय करना है कि वह हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ अपील करती है या नहीं। एसटीएफ द्वारा हाईकोर्ट से पेन ड्राइव मांगे जाने के मामले में उन्होंने कहा कि प्रथम दृृष्टया मिस्टर एक्स द्वारा दी गई जानकारी गलत निकली है, इसलिए हो सकता है कि एसटीएफ संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करना चाह रही हो।
गौरतलब है कि राज्यपाल यादव पर पांच उम्मीदवारों को वन रक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जी तरीके से पास करने के आरोप लगने पर एसआईटी ने समीक्षा की थी।
एसआईटी ने समीक्षा के आधार पर राज्यपाल के खिलाफ एफआईआर करने की अनुशंसा जबलपुर हाईकोर्ट से की थी। लेकिन राज्यपाल यादव की याचिका पर हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए यादव का नाम एफआईआर से हटवा दिया था।