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आज रमजान का पहला अशरा खत्म

रमजान उल मुबारक का पहला अशरा आज समाप्त हो जाएगा। रमजान में तीन अशरे होते हैं। पहला अशरा अल्लाह की रहमत(कृपा) का माना जाता है। दूसरा अशरा मगफिरत(मुक्ति) का कहलता है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2015 05:45 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2015 05:47 AM (IST)
आज रमजान का पहला अशरा खत्म

भोपाल। रमजान उल मुबारक का पहला अशरा आज समाप्त हो जाएगा। रमजान में तीन अशरे होते हैं। पहला अशरा अल्लाह की रहमत(कृपा) का माना जाता है। दूसरा अशरा मगफिरत(मुक्ति) का कहलता है। अशरा दस दिन का होता है। रमजान का पहला अशरा खत्म होने के साथ ही इबादतों में शिद्दत आ रही है। पहला अशरा खत्म होने के बाद सामूहिक रोजा अफ्तार के कार्यक्रम भी बड़े पैमाने पर आयोजित किए जाएंगे। यह सिलसिला रमजान की आशिरी दिनों तक चलेगा। दूसरे अशरे में खत्म ए तरावीह का दूसरा दौर आएगा। 14 रमजान को शहर की कई मस्जिदों में तरावीह में कुरआन मुकम्मल(पूर्ण) होगा। इससे पहले सात रमजान को तरावीह का पहला दौर खत्म हो चुका है। अदा कर रहे जकात इस्लाम में हर मुसलमान पर पांच चीजे फर्ज की गई हैं,जिसमें अल्लाह पर ईमान लाना, दिन में पांच वक्त की नमाज पढ़ना, रमजान के रोजे रखना, जीवन में एक बार हज करना व हर साल अपनी कमाई का ढाई फीसदी जकात(दान)के रूप में दान देना शामिल है। लोग रमजान के महीने में रोजे रखने के साथ ही जकात भी अदा कर रहे हैं। जकात की राशि तय करने में उलेमा की मदद भी ली जा रही है। जकात की राशि गरीबों,विधवाओं और बेसहारा लोगों को दी जाती है।

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