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सट्टे की लत ने पहले जमीन बिकवाई और अब बना दिया चोर

सिटी पुलिस द्वारा 40 दिन पहले हुई चोरी के एक मामले का शुक्रवार को खुलासा किया गया। मामले में जो जानकारी सामने आई उससे यह स्पष्ट हो गया कि इंसान की एक बूरी लत उसे किस हद तक गिरा सकती है। गहाल गांव के एक व्यक्ति को सट्टा खेलने कि ऐसी लत लगी कि पहले तो उसने अपनी सारी जमीन बेंच दी और फिर पैसे नहीं बचे तो चोरी करने लग

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2015 05:17 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2015 05:22 AM (IST)
सट्टे की लत ने पहले जमीन बिकवाई और अब बना दिया चोर

हरदा (ब्यूरो)। सिटी पुलिस द्वारा 40 दिन पहले हुई चोरी के एक मामले का शुक्रवार को खुलासा किया गया। मामले में जो जानकारी सामने आई उससे यह स्पष्ट हो गया कि इंसान की एक बूरी लत उसे किस हद तक गिरा सकती है। गहाल गांव के एक व्यक्ति को सट्टा खेलने कि ऐसी लत लगी कि पहले तो उसने अपनी सारी जमीन बेंच दी और फिर पैसे नहीं बचे तो चोरी करने लगा।

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गहाल गांव में 16 मई को एक सूने घर में संतोष गुर्जर ने 3 लाख रुपए के सोना-चांदी के आभूषणों की चोरी की। पुलिस ने संतोष के पास से और उसने जिन लोगों को आभूषण बेंचे थे, उनके पास से चोरी का सारा माल बरामद कर लिया है। जानकारी के अनुसार संतोष गुर्जर आदत्तन अपराधी नहीं है।

कुछ सालों पहले तक संतोष भी गांव का एक संपन्न किसान था। परिवार का जीवन यापन भी अच्छा खासा चल रहा था। संतोष के घर में जरूरत की लगभग सभी चीजें मौजूद थी, लेकिन गलत संगति में आने के बाद संतोष को सट्टे की लत लग गई। जिसके बाद सबकुछ बर्बाद होता चला गया। कम समय में बिना मेहनत किए करोड़पति बनने की लालच में संतोष ने उसकी 35 एकड़ जमीन तक बेंच डाली। जब सट्टा खेलने के लिए पैसे नहीं बचे तो संतोष ने चोरी करने का रास्ता तक अपना लिया। जिसके चलते संतोष ने अपने ही गांव के एक सुने घर में 16 मई को चोरी की। हालांकि 40 दिनों के अंदर ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

रिश्तेदार के घर ही की चोरी गहाल निवासी संतोष गुर्जर (40) ने अपने ही गांव में रह रहे दूर के रिश्तेदार गोपाल पिता मुरलीधर गुर्जर के सूने घर में 16 मई को चोरी की। संतोष ने जिस समय घटना को अंजाम दिया, उस समय गोपाल अपने किसी रिश्तेदार के घर गमी के एक कार्यक्रम में शामिल होने पूरे परिवार सहित गया था। आपस में रिश्तेदारी होने के कारण संतोष को गोपाल के परिवार की जाने की सूचना थी।

इसका फायदा उठाकर संतोष ने रात के समय गोपाल के घर का पटिया निकालकर घर में रखे 3 लाख रुपए के सोना-चांदी के आभूषणों की चोरी की। गड्ढा खोदकर गढाए थे आभूषण घटना के बाद संतोष गुर्जर ने कुछ आभूषणों को गांव के ही भीलट बाबा के ओटले के पास गड्ढा खोदकर गढा दिए थे। वहीं कुछ आभूषणों को उसने सिराली निवासी रज्जाक पिता रमजान (25) और रिजगांव निवासी प्रकाश पिता गंगाराम को बेंचे। तीनो से सोने-चांदी के जेवर जब्त कर फरियादी गोपाल को दिखाए गए, जिससे आभूषणों की पहचान हुई।

जानकारी के अनुसार आरोपी-फरियादी के बीच दूर के रिश्ते से मांमा-भांजे का रिश्ता बताया जाता है। पुलिस तीनो आरोपियों को शनिवार को न्यायालय पेश करेगी। इस तरह हुआ मामले का खुलासा घटना के बाद से ही संतोष गांव से गायब था। पुलिस को उसके सट्टे खेलने के कारण 35 एकड़ जमीन बिकने वाले मामले की जानकारी लग चुकी थी। जिसके बाद संदेह के आधार पर पूछताछ के लिए उसकी रैकी की गई।

गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने थोड़ी सख्ती दिखाई तो घटना के मुख्य आरोपी संतोष गुर्जर ने पुलिस को सारी बात बता दी। जिसके बाद पुलिस रज्जाक और प्रकाश राजपूत तक भी पहुंच गई। मामले का निकाल करने वाली टीम में नगर निरीक्षक अरविंद रघुवंशी, उप निरीक्षक कंचन ठाकुर, सहायक उपनिरीक्षक मांगीलाल ठाकरे और प्रधान आरक्षक नानकराम कुशवाह शामिल है।


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