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सालभर भी नहीं टिक सका अच्छे दिन का वादा

पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रीता बहुगुणा जोशी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनाव से पहले अच्छे दिन आने का जो वादा किया था, वो एक साल भी नहीं टिक सका। दो करोड़ की जगह सालभर में सिर्फ 17.5 लाख नौकरियों के मौके पैदा हुए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 26 May 2015 04:29 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2015 04:35 AM (IST)
सालभर भी नहीं टिक सका अच्छे दिन का वादा

भोपाल [ब्यूरो]। केंद्र में मोदी सरकार के एक साल पूरे होने को लेकर कांग्रेस ने असफलता गिनाने को जो सिलसिला 20 मई से शुरू किया था वो सोमवार को पूरा हो गया। पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रीता बहुगुणा जोशी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनाव से पहले अच्छे दिन आने का जो वादा किया था, वो एक साल भी नहीं टिक सका। दो करोड़ की जगह सालभर में सिर्फ 17.5 लाख नौकरियों के मौके पैदा हुए। निवेशक चिंतित हैं, करों के सरलीकरण का वादा भी जुमला बनकर रह गया।

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प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार की जिन योजनाओं का भाजपा विरोध करती थी उसे सत्ता में आते ही अपना लिया। जनधन योजना में खाते खोलकर रिकार्ड बनाने की बातें फैलाई गईं, पर यह नहीं बताया कि यूपीए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने मिलकर 24 करोड़ खाते खुलवाए। 90 करोड़ मोबाइलधारक पहले से थे। अर्थव्यवस्था को दुरस्त करने, करों में ढांचागत बदलाव जैसे कई कदम उठाने की बातें कही गईं, पर हकीकत में कुछ नहीं हुआ। गेहूं, चावल और मक्का के निर्यात में 11 प्रतिशत की कमी आई है।

एक नई बात देखने को मिली कि प्रधानमंत्री की मौजूदगी में विदेशी धरती पर निजी व्यक्ति ने करार किया। ऑस्ट्रेलिया में खनन क्षेत्र में काम करने अडानी को रियायती दर पर कर्ज दिलाने की पहल की गई। सार्वजनिक क्षेत्र आईओसी और एनटीपीसी के शेयर बेचे गए। सार्वजनिक क्षेत्र की जगह निजी व्यक्तियों को बढ़ावा देने की नीति पर सरकार चल रही है।

सरकार को एक साल पूरा होने पर देश को बताना चाहिए कि औद्योगिक उत्पादन क्यों कम हुआ। निर्यात में कमी क्यों आई। रोजगार के मौके क्यों नहीं पैदा हुए। विकास दर को बढ़ा हुआ बताने के लिए सूचकांक में बदलाव क्यों किया गया।


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