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एक साल में किसी प्रधानमंत्री ने इतना निराश नहीं किया: शकील अहमद

देश के किसी प्रधानमंत्री ने सरकार बनाने के एक साल बाद इतना निराश नहीं किया, जितना मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। विदेशी धरती पर जाकर देश को अपमानित करने के साथ सुरक्षा को भी ताक पर रखने का काम किया गया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 24 May 2015 02:13 AM (IST)Updated: Sun, 24 May 2015 02:18 AM (IST)
एक साल में किसी प्रधानमंत्री ने इतना निराश नहीं किया: शकील अहमद

भोपाल [ब्यूरो]। देश के किसी प्रधानमंत्री ने सरकार बनाने के एक साल बाद इतना निराश नहीं किया, जितना मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। विदेशी धरती पर जाकर देश को अपमानित करने के साथ सुरक्षा को भी ताक पर रखने का काम किया गया है। पाकिस्तान ने एक साल में 746 बार युद्धविराम का उल्लंघन किया, काश्मीर में पाकिस्तानी झंडे लहराए। रक्षा बजट के 28 हजार करोड़ खर्च नहीं हुए। चीन की आपत्ति के मद्देनजर माउंटेन स्ट्राईक कोर के बजट और आकार में कटौती कर दी।

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यह आरोप कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शकील अहमद ने प्रदेश कांग्रेस में आयोजित पत्रकारवार्ता में लगाए। केन्द्र सरकार के 26 मई को एक साल पूरे होने के मद्देनजर असफलताएं गिनाने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतारा है। इसी सिलसिले में भोपाल आए शकील अहमद ने सुरक्षा से जुड़े विषयों को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि चीन ने अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-काश्मीर के अधिकांश हिस्से को पाकिस्तान में दिखा, फिर भी प्रधानमंत्री चुप रहे। चीन के राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री झूला झूल रहे थे तब चीनी फौज लद्दाख में घुस रही थी। भारत के नक्शे को तोड़-मरोड़ के पेश किया पर केन्द्र सरकार ने आपत्ति करना तक मुनासिब नहीं समझा। राफेल एयरक्राफ्ट्स के सौदे में रक्षा खरीदी की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। चीन के दौरे से पहले माउंटेन स्ट्राईक कोर के बजट और आकार में 50 फीसदी कटौती कर दी। जबकि, यूपीए सरकार ने भारत-चीन की साझी सीमा को देखते हुए इसके गठन का फैसला देश की सुरक्षा के मद्देनजर किया था।

यूपीए सरकार के अंतिम वर्ष में पाकिस्तानी सीमा पर 96 घटनाएं युद्धविराम के उल्लंघन की हुई थी, जबकि भाजपा सरकार के वक्त 746। सेना के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए वन रैंक-वन पोस्ट को लेकर चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री ने कई बातें कहीं थी पर अब तक इस पर अमल नहीं किया। कांग्रेस इस लड़ाई को लड़ेगी। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे, प्रभारी महामंत्री चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी और प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा मौजूद थे।

आरोपों पर नहीं दे पाए सफाई

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा ने चुनाव से पहले यूपीए सरकार पर राष्ट्रमंडल खेल, टूजी स्पेक्ट्रम और कोयला आवंटन को लेकर आरोप लगाए। कैग की रिपोर्ट के आधार पर घेराबंदी की। टूजी स्पेक्ट्रम के समय गठबंधन के सहयोगी कैबिनेट मंत्री और मैं संचार राज्यमंत्री था पर हम अपनी बात सही तरीके से नहीं रख सके। कोयला नीलामी की पारदर्शी प्रक्रिया की शुरुआत तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने ही की थी।

अडानी को पहुंचाया 40 हजार करोड़ का फायदा

शकील अहमद ने कहा कि गुजरात विधानसभा में कैग की रिपोर्ट टेबल हुई है। इसमें बताया गया है कि अडानी को वहां की सरकार ने 40 हजार करोड़ रुपए का फायदा पहुंचा।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अगुआई वाली पूर्ति कंपनी पर भी उंगली उठी है। अडानी को बैंकों से सिर्फ 2 प्रतिशत ब्याज दर पर पैसा दिलाया गया। प्रधानमंत्री के हर दौरे में भले ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज न हो पर अडानी जरूर शामिल रहते हैं। व्यापमं जैसा देश का सबसे बड़ा भर्ती घोटाला भाजपा सरकार के दौरान ही उजागर हुआ है। इसमें भाजपा के लोगों की संलिप्तता है, तभी प्रकरण को सीबीआई को नहीं सौंपा जा रहा है।


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