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प्रमाणों की कूट रचना करने वाले नेताओं पर हो कार्रवाई: शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यापमं मामले का विवरण देने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा है। उन्होंने सोनिया को पत्र लिखकर प्रमाणों की कूट रचना करने वाले प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई की अपेक्षा भी की है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2015 02:35 AM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2015 02:54 AM (IST)
प्रमाणों की कूट रचना करने वाले नेताओं पर हो कार्रवाई: शिवराज

भोपाल [ब्यूरो]। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यापमं मामले का विवरण देने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा है। उन्होंने सोनिया को पत्र लिखकर प्रमाणों की कूट रचना करने वाले प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई की अपेक्षा भी की है।

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मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस द्वारा मेरी सरकार और व्यक्तिगत रूप से मेरे विरद्घ व्यापमं मुद्दे को लेकर जो मुहिम चलाई जा रही है, उससे आप अवगत होंगी। इस अभियान का विधानसभा, लोकसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव में प्रदेश के लोगों पर कोई असर नहीं हुआ, लिहाजा कांग्रेस ने मेरे और मेरे परिवार के विरुद्ध पूरी तरह निराधार आरोप लगाना शुरू कर दिया। फरवरी, 2015 में ताजा अभियान का नेतृत्व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने वकीलों की कानूनी मदद से किया।

उन्होंने 16 फरवरी को प्रेस कान्फ्रेंस कर व्यापम में हुई अनियमितताओं से संबंधित आपराधिक प्रकरण में पुलिस द्वारा जब्त की गई हार्ड डिस्क के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया। आरोपों के समर्थन में उन्होंने एक पेनड्राइव, ट्रुथ लैब नामक एक प्राइवेट फोरेंसिक सेंटर की रिपोर्ट तथा कुछ दस्तावेज हाई कोर्ट में प्रस्तुत किए।

जांच को गुमराह करने का प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश से गठित एसआईटी से लिखित में उपरोक्त शिकायत की जांच करने का अनुरोध किया। व्यापम द्वारा ली गई परीक्षाओं में अनियमितताओं से संबंधित आपराधिक प्रकरणों की जांच स्पेशल टॉस्क फोर्स [एसटीएफ] द्वारा की जा रही है, जो एसआईटी के मार्गदर्शन में काम करती है और हाईकोर्ट द्वारा इस पूरी प्रक्रिया की सीधी निगरानी की जाती है।

हाई कोर्ट ने 24 अप्रैल को एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि एसआईटी द्वारा उल्लेखित 7 कारणों के आधार पर, प्रस्तुत प्रमाण प्रथम दृृष्टया कूटरचित हैं। उपरोक्त कूटरचित प्रमाण जांच को गुमराह करने के लिये प्रस्तुत किए गए।

क्या नेताओं पर होगी कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने दुख जताया कि कांग्रेस के इन वरिष्ठ नेताओं ने प्रशांत पाण्डे के साथ मिलकर प्रमाण की कूटरचना की। इसलिए मैं यह जानना चाहता हूं कि क्या इन नेताओं ने मेरे विरद्घ प्रमाणों की कूटरचना करने के पहले आपकी अनुमति ली थी और क्या आपने यह अनुमति दी थी। यदि ऐसा नहीं है, तो क्या इन नेताओं पर आपराधिक आचरण के लिये कार्रवाई की जाएगी।


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