20 हजार की रिश्वत लेते पटवारी धराया
लोकायुक्त पुलिस ने मनासा उपखंड के कुकड़ेश्वर तहसील के पटवारी को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। बाद में उसे 25 हजार के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। पटवारी कमल किशोर चौधरी ने चौकड़ी गांव के किसान बाबूलाल धाकड़ से खसरे में परिवर्तन और
नीमच। लोकायुक्त पुलिस ने मनासा उपखंड के कुकड़ेश्वर तहसील के पटवारी को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया। बाद में उसे 25 हजार के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। पटवारी कमल किशोर चौधरी ने चौकड़ी गांव के किसान बाबूलाल धाकड़ से खसरे में परिवर्तन और नामांतरण के नाम पर 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
10 मार्च को लोकायुक्त एसपी उज्जैन को चौकड़ी गांव के किसान बाबूलाल धाकड़ ने शिकायत की कि खेत के नामांतरण और खसरे में संशोधन के लिए उससे पटवारी कमल किशोर चौधरी ने 20 हजार रुपये रिश्वत की मांग की है। लोकायुक्त ने शिकायत की तस्दीक की और मोबाइल पर कॉल रिकार्ड भी करवाया। मामला सही पाए जाने पर शुक्रवार को आरोपी पटवारी को रंगेहाथ पकड़ने की योजना बनाई गई। किसान ने जब पटवारी से चर्चा की तो उसने राशि मनासा के कोर्ट एरिया स्थित पुरोहित होटल पर आकर देने की बात की।
हाथों का रंग हुआ लाल
योजनाबद्घ ढंग से लोकायुक्त की टीम ने जाल बिछाया और रसायन लगे 20 हजार रुपये के नोट लेकर किसान को पटवारी के पास भेजा। रिश्वत देने के बाद मिले संकेत पर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने पटवारी को धरदबोचा और तुरंत उसके हाथ धुलवाए। पटवारी के हाथों का रंग लाल हो गया और उससे 20 हजार रुपये भी बरामद हो गए। आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। राशि और रसायन नमूने जब्ती की कार्रवाई के बाद आरोपी कमल किशोर चौधरी को 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
लोकायुक्त टीम की दूसरी कार्रवाई
रिश्वतखोर पटवारी को गिरफ्तार करने में लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव, निरीक्षक कमल निगवाल, प्रधान आरक्षक शमीम खान, आरक्षक सुनील परसाई, संदीप कदम, टाइपराइटर मनीष डाबर की भूमिका रही। लोकायुक्त टीम की वर्ष 2015 में यह दूसरी कार्रवाई है। बीते माह लोकायुक्त पुलिस ने नीमच एसडीएम कार्यालय के सहायक ग्रेड 2 साबिर हुसैन मंसूरी को भी 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।
दो माह पूर्व ही निलंबन से बहाल हुआ था
राजस्व सूत्रों के अनुसार पटवारी कमल किशोर चौधरी का पूर्व रिकॉर्ड भी खराब ही रहा है। वह कुकड़ेश्वर टप्पा क्षेत्र में पदस्थ था। 1 जनवरी 2014 को एक किसान ने तत्कालीन एसडीएम नेहा भारतीय को शिकायत की थी कि खेत के नामांतरण के नाम पर उससे 50 हजार रुपये की रिश्वत ली गई है। शिकायत की जांच में तत्कालीन नायब तहसीलदार सीमा मौर्य ने पटवारी द्वारा 30 हजार रुपये की रिश्वत लेने की पुष्टि की थी। इसके बाद पटवारी को निलंबित कर दिया गया था। दो माह पूर्व ही प्रकरण की कार्रवाई के बाद पटवारी को बहाल किया गया था।
[साभार: नई दुनिया]