सिंधिया-कमलनाथ के क्षेत्र में नहीं खुलेंगे मेडिकल कॉलेज
भोपाल [ब्यूरो]। पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेसी दिग्गज कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के इलाके म
भोपाल [ब्यूरो]। पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेसी दिग्गज कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के इलाके में मेडिकल कॉलेज नहीं खुल पाएंगे। छिंदवाड़ा और शिवपुरी में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज दलगत राजनीति की भेंट चढ़ गए। केन्द्र से मंजूरी मिलने के बाद भी राज्य सरकार ने इनकी जगह सतना-सिवनी में मेडिकल कॉलेज खोलने का एमओयू तैयार कर केन्द्र सरकार को भेज दिया है। इसकी भनक लगते ही नाथ और सिंधिया सक्रिय हुए और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात कर आपत्ति भी जताई।
इस मामले में राज्य सरकार का तर्क है कि उन्होंने केन्द्र को जो मूल प्रस्ताव भेजा था, उसमें सतना-सिवनी जिले शामिल थे, लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार ने अपने दो नेताओं नाथ और सिंधिया को उपकृत करने के लिए सतना-सिवनी के नाम काटकर छिंदवाड़ा और शिवपुरी को जो़़ड कर प्रदेश के 7 जिलों के लिए मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दी थी। इसी कारण राज्य सरकार ने फिर मूल प्रस्ताव के अनुसार छिंदवाड़ा-शिवपुरी की जगह सतना-सिवनी, विदिशा, रतलाम, शहडोल, खंडवा और दतिया में मेडिकल कॉलेज का एमओयू तैयार कर केन्द्र को भेजा गया है। विधानसभा चुनाव में भी छिंदवाड़ा-शिवपुरी में मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर काफी राजनीतिक बयानबाजी हुई थी। जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की केन्द्र से मंजूरी मिलने के बाद कांग्रेस के पूर्व मंत्री कमलनाथ और सिंधिया को इसका फायदा भी मिला।
बाद में जोड़ा गया दतिया
राज्य सरकार मूल प्रस्ताव का हवाला देकर छिंदवाड़ा-शिवपुरी जिले का नाम हटाने की बात कह रही है, लेकिन वह यह नहीं बता पा रही है कि आखिर दतिया का नाम कहां से आ गया, क्योंकि राज्य सरकार ने जो मूल प्रस्ताव भेजा था उसमें विदिशा, रतलाम, शहडोल, खंडवा, सतना, सिवनी और देवास जिले का नाम था, लेकिन केन्द्र ने सतना-सिवनी के प्रस्ताव को अमान्य कर छिंदवाड़ा-शिवपुरी का नाम जोड़ दिया। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सक्रिय होकर देवास का नाम कटवाकर अपने विधानसभा क्षेत्र दतिया का नाम शामिल करवा लिया।
300 बेड का अस्पताल 100 सीट का कॉलेज
प्रदेश के सात जिलों में से सतना-सिवनी सहित, खंडवा और दतिया में 300 बेड का अस्पताल और 100 सीटर मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की लागत प्रति मेडिकल कॉलेज 189 करोड़ होगी। इसके लिए केन्द्र सरकार 146.75 और राज्य सरकार 41.25 करोड़ लगाएगी। वहीं विदिशा, रतलाम और शहडोल में राज्य सरकार 400 बेड का अस्पताल और 150 सीटर मेडिकल कॉलेज बनाएगी। पीपीपी मोड पर बनने वाले इन मेडिकल कॉलेजों की ऑफसेट प्राईज सड़क विकास निगम ने 400 करोड़ बताई है। हालांकि केन्द्र सरकार प्रति मेडिकल कॉलेज 146.75 करोड़ रुपए ही देगी। शेष राशि राज्य सरकार निजी निवेशक को तीन साल में 6-6 माह की किश्त पर देगी।
दिल्ली में हुई हेरफेर
डॉ. नरोत्तम मिश्रा, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारे मूल प्रस्ताव में सतना और सिवनी जिले शामिल थे। केन्द्र सरकार ने उनकी जगह छिंदवाड़ा-शिवपुरी जिले के नाम अपने स्तर पर जोड़ दिए। इसलिए हमने अपने मूल प्रस्ताव के अनुसार ही सातों मेडिकल कॉलेजों के एमओयू बनाकर केन्द्र को भेज दिए हैं। इसमें दलगत राजनीति वाली कोई बात नहीं है।