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आयकर के नोटिस से उड़ी प्रापर्टी खरीदने वालों की नींद

भोपाल [राजीव सोनी]। प्रदेश में महंगे लग्जरी फ्लैट खरीदकर शान बताने वालों की आयकर विभाग के एक नोटिस स

By Edited By: Published: Mon, 03 Nov 2014 06:01 AM (IST)Updated: Mon, 03 Nov 2014 02:47 AM (IST)
आयकर के नोटिस से उड़ी प्रापर्टी खरीदने वालों की नींद

भोपाल [राजीव सोनी]। प्रदेश में महंगे लग्जरी फ्लैट खरीदकर शान बताने वालों की आयकर विभाग के एक नोटिस से नींद उड़ गई है। वजह है विभाग ने टैक्स चोरी की चपेट में आए बिल्डरों के साथ उनसे जुडे़ ग्राहकों को भी निशाने पर ले लिया है। भोपाल-इंदौर सहित अन्य शहरों में जमीन-फ्लैट खरीदने वालों को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। काली कमाई तलाशने के लिए रजिस्ट्री के साथ आमदनी व आय-व्यय का ब्योरा भी मांगा गया है।

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आयकर विभाग ने सैकड़ों की संख्या में ऐसे लोगों को नोटिस देकर तलब किया है, जिन्होंने हाल ही के वर्षो में टैक्स चोरी के मामले में फंसे बिल्डरों से दुकान, मकान व फ्लैट खरीदे थे। इनमें कुछ ऐसे किसान भी हैं, जिन्होंने उन बिल्डरों को अपनी जमीनें बेची और कम दामों में रजिस्ट्री करा ली थी। इन लोगों से पूछा जा रहा है कि उन्होंने संबंधित बिल्डर से मकान-दुकान खरीदने में कालेधन का कितना उपयोग किया। भुगतान किस तरह किया गया, इसमें नकद और चैक से कितना पेमेंट हुआ। पूरा ब्योरा मांगा गया है। इसके अलावा पिछले पांच साल का आयकर रिटर्न भी साथ लाने को कहा है। सौदे की जानकारी विभाग को दी या नहीं यह भी पूछा जा रहा है।

खरीदारों में हड़कंप

विभाग की इस कार्रवाई से ऐसे लोगों में हड़कंप है, जिन्होंने केवल इन्वेस्टमेंट के लिए अपनी काली कमाई को प्रापर्टी में फंसा दिया। वे कस्टमर भी ज्यादा परेशान हैं, जिन्होंने दूसरे के नाम से फ्लैट बुक कर लिखा-पढ़ी करा ली और अब अपनी आमदनी का स्त्रोत विभाग के समक्ष बता नहीं पा रहे।

उल्लेखनीय है कि आयकर ने तीन महीने पहले राजधानी भोपाल में रीगल कंस्ट्रक्शन, शांतिनाथ, द्वारकाधीश एवं कृष्णा बिल्डर्स के घर, दफ्तर व बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स पर छापामार कार्रवाई कर करोड़ों रुपए टैक्स चोरी का खुलासा किया था। इनसे जुडे़ एसएस यादव, अशोक जैन, केएल शर्मा, सुनीता पत्नी अनिल माहेश्वरी, दिनेश राय एवं विजय सिंह से पूछताछ हो चुकी है, अब उनसे जुडे़ सैकड़ों ग्राहकों को तलब कर उनकी अघोषित संपत्ति का ब्योरा पूछा जा रहा है। इंदौर-महू में टोल नाके एवं सड़क निर्माण से जुडे़ ठेकेदारों पाथ ग्रुप, बीआरजी एवं पीडी अग्रवाल के ठिकानों पर भी कार्रवाई की गई थी।

ये है सवालों की बानगी

फ्लैट के एग्रीमेंट व रजिस्ट्री की क्या शर्ते थीं? नंबर दो में कितना भुगतान किया? इसमें कितना डिफरेंस रखा गया? स्टांप ड्यूटी कितनी दी? कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से कितनी ड्यूटी कम दी? मकान अथवा फ्लैट खरीदने के लिए जो पैसा दिया उसका स्त्रोत क्या है? साथ ही पिछले पांच साल की आमदनी का ब्योरा भी। जो संपत्ति खरीदी गई आयकर विभाग को उसकी विधिवत सूचना दी अथवा नहीं?

वसूलेंगे टैक्स व जुर्माना

विभागीय सूत्रों का कहना है कि आयकर अधिनियम की धारा 131 के तहत बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को समन भेजे गए हैं, जिन्होंने जांच के दायरे में आए बिल्डरों से फ्लैट खरीदे हैं अथवा उन्हें जमीन बेची है। पूछताछ के आधार पर इन सभी लोगों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं। जो लोग विभाग के सवालों का सही जवाब नहीं दे पा रहे हैं, उनकी काली कमाई को आमदनी में जोड़कर नए सिरे से असेसमेंट कर टैक्स एवं उस पर जुर्माना वसूला जाएगा।

दीवार में मिले थे लाखों

भोपाल में विभाग को एक बिल्डर के घर की दीवार में 40 लाख रुपए और सोने-चांदी के जेवर मिले थे। साथ ही करीब 400 एकड़ जमीन के दस्तावेज भी मिले थे। अब उन किसानों को बुलाकर सौदे की असलियत व नंबर दो में हुए भुगतान का ब्योरा लिया जा रहा है। विभाग ने अपने स्त्रोतों से ऐसे किसान व ग्राहकों की आमदनी की फाइल पहले ही तैयार कर ली है।


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