एंडरसन की मौत पर भोपाल में जश्न
यूनियन कार्बाइड के पूर्व प्रमुख वॉरेन एंडरसन की मौत पर कई गैस पीडि़तों ने खुशी जाहिर करते हुए जश्न मनाया।
नई दुनिया, भोपाल। हजारों भोपालवासियों को मौत की नींद सुला देने वाला यूनियन कार्बाइड का पूर्व प्रमुख वॉरेन एंडरसन बिना एक दिन भी सजा काटे इस दुनिया से विदा हो गया है। कई गैस पीडि़तों ने उसकी मौत पर खुशी जाहिर करते हुए जश्न मनाया तो अधिकतर ने एंडरसन को सजा नहीं दिला पाने के लिए भारत सरकार व सीबीआइ को जमकर कोसा।
पांच गैस संगठनों के समूह ने यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के सामने प्रदर्शन कर अमेरिका व भारत सरकार को धिक्कारा। उन्होंने कहा कि 30 साल बाद भी गैस पीडि़त मर रहे हैं और उनका हत्यारा चैन की जिंदगी बसर करके चला गया है। उसे एक दिन भी सजा का सामना नहीं करना पड़ा। गैस पीडि़तों की लड़ाई लड़ते आ रहे भोपाल गैस पीडि़त महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने कहा कि भारत सरकार ने कभी भी एंडरसन के प्रत्यर्पण की गंभीर कोशिश नहीं की।
यही वजह रही कि वह अमेरिका में चैन की जिदंगी बसर करता रहा और गैस पीडि़त तिल-तिल कर मरते रहे। अगर भारत सरकार को गैस पीडि़तों की चिंता है तो उसे भोपाल कोर्ट द्वारा यूनाइटेड कार्बाइड के नए मालिक डॉव केमिकल्स के विरुद्ध वारंट तामील करवाना चाहिए।
10 की बजाय 40 टन के बना दिए थे टैंकः
यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री कीटनाशक बनाने के लिए शुरू की गई थी। अमेरिका स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में जहरीली गैसों के भंडारण के लिए केवल दस टन क्षमता वाले टैंक होते थे। लेकिन नियमों की अनदेखी कर उत्पादन बढ़ाने के लिए भोपाल स्थित फैक्ट्री में 40 टन क्षमता वाले टैंक बना दिए गए।
जानकारों का मानना है कि अगर 10 टन क्षमता वाले टैंक बनाए जाते तो दबाव कम रहता है, जिससे टैंक फटने जैसी घटना नहीं होती। अगर होती भी तो कम गैस होने के कारण नुकसान कम होता।