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बरगी को मिलेगा राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा: उमा भारती

By Edited By: Published: Tue, 02 Sep 2014 05:21 AM (IST)Updated: Tue, 02 Sep 2014 01:51 AM (IST)
बरगी को मिलेगा राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा: उमा भारती

भोपाल [ब्यूरो]। प्रदेश की बरगी बांध परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाया जाएगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना पर तेजी से काम किया जाए, ताकि मप्र और उप्र को लाभ मिल सके। नर्मदा नदी का कटाव रोकने और शुद्धिकरण के लिए प्लान बनाया जाए।

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ये बातें केन्द्रीय जल संसाधन एवं गंगा सफाई मंत्री उमा भारती ने मप्र-छग की उच्च स्तरीय बैठक में कहीं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा नर्मदा के दोनों तटों पर सघन वृक्षारोपण कराएंगे। इसके शुद्धिकरण और संरक्षण की योजना बनाकर जल्द ही केन्द्र सरकार को भेजेंगे। पर्यावरण को बगैर नुकसान पहुंचाए नर्मदा का परिक्रमा पथ बनाया जाएगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना की सैद्धांतिक सहमति मिलने से बुंदेलखण्ड क्षेत्र में तेजी से विकास होगा। इस प्रोजेक्ट में बीना नदी को भी शामिल किया जाना चािहए।

बैठक में जल संसाधन के प्रमुख सचिव राधेश्याम जुलानिया ने कहा एआईबीपी [एक्सलेरेटेड इरीगेशन बेनीफिट प्रोग्राम] योजना की जटिलताओं को दूर किया जाए और जो राज्य अधूरी सिंचाई परियोजनाएं पूरी कर चुके हैं, उन्हें नई परियोजनाओं की मंजूरी दी जाए। इस पर केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा जुलानिया के सुझाव क्रांतिकारी हैं। इसके लिए जल्द ही केन्द्र के अधिकारियों के साथ मप्र-छग के अधिकारियों की समन्वय समिति गठित कर इन समस्याओं को दूर किया जाएगा।

ट्रीटमेंट वाटर को नर्मदा में न मिलाएं

बैठक में बताया गया कि नर्मदा में दूषित जल मिलने से रोकने के लिए 1,600 करोड़ रुपए लागत की प्रारम्भिक योजना बनाई गई है। उमा भारती ने कहा कि उद्योगों से निकलने वाले दूषित जल का ट्रीटमेंट कर नर्मदा में न मिलाया जाए। उद्योगपति निरीक्षण के दौरान ट्रीटमेंट प्लांट चालू कर शुद्ध पानी गंगा में छोड़ा जाना बताते हैं, अफसरों के जाने के बाद वे दूषित जल को सीधे गंगा में मिला रहे हैं।

वाटर डिस्प्यूट नहीं, वाटर इश्यु बोलें

केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने केन्द्रीय जल विवाद अधिकरण के नाम पर कहा कि मैं आश्चर्यचकित हूं कि पानी जैसी प्रेम करने वाली वस्तु को वाटर डिस्प्यूट बोला जाता है। इसे वाटर इश्यु बोला जाना चाहिए।

फिर याद आया पंचज

केन्द्रीय मंत्री ने पंचज [जल, जंगल,जमीन, जन और जानवर] का नाम लेकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। वे बोलीं मेरा विभाग इन्हीं पांच वस्तुओं के इर्द-गिर्द है। उमा ने मप्र का मुख्यमंत्री रहते इस अभियान को जोर-शोर से चलाया था।


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