प्रताड़ना से तंग आदर्श ने लगाई थी फांसी, सीनियर्स करते थे प्रताड़ित
ग्वालियर/पटना। बिहार के सहकारिता मंत्री जयकुमार सिंह के बेटे आदर्श सिंह को प्रताड़ित करने वालों में एक सांसद का नाती, न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारी का बेटा शामिल है। एक अन्य छात्र स्थानीय व्यापारी का बेटा है। सिंधिया स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले आदर्श को सीनियर्स पिछले पंद्रह दिनों से लगातार परेशान कर रहे थे। यह बात उसने चचेरे भाई से भी शेयर की थी। सीनियर्स ने उसकी जमकर पिटाई की, झाड़ू लगवाई और आधा-आधा घंटे मुर्गा बनाकर छोड़ दिया। इसी वजह से उसने खुदकुशी करने की सोची।
आदर्श ने 20 अगस्त को अपने कमरे के बाहर दालान में फांसी लगा ली थी। समय रहते अन्य छात्रों ने देखा और फांसी के फंदे से उतारकर बचा लिया था। अभी वह दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती है। सिंधिया स्कूल प्रबंधन दो दिन तक इस घटना को छिपाता रहा। पुलिस ने जानकारी ली तो स्कूल प्रबंधन ने छात्र के बेहोश अवस्था में मिलने की बात स्वीकार की थी। पुलिस ने आदर्श के साथ कमरे में रहने वाले उसके साथी रमन और ललित से बातचीत की तो पूरे घटनाक्रम का खुलासा हो गया। साथियों ने पुलिस को बताया कि 20 अगस्त को साढ़े आठ बजे वे लोग डिनर के लिए मेस चले गए थे। इस दौरान आदर्श गुमसुम अपने कमरे में था। जब वह मेस में नहीं पहुंचा तो सीनियर्स ने उसे देखने के लिए एक छात्र को भेजा। वह उसे देखने आया तो आदर्श फंदे से लटका था।
मंत्री पुत्र की हालत अब भी नाजुक
अपोलो में आदर्श की हालत में खास सुधार नहीं हुआ है। वह घटना के दिन यानी 20 अगस्त की रात से बेहोश है। शुक्रवार की देर रात और शनिवार को 14 वर्षीय आदर्श ने दो-तीन बार आंखें खोली थीं, पर किसी से बात नहीं की। वह शनिवार को भी आईसीयू में रहा। मंत्री के साथ दिल्ली में मौजूद उनके करीबी रवीश का कहना है कि अभी उसकी हालत खतरे से बाहर नहीं है। डॉक्टरों ने 48 घंटे में सुधार होने की बात कही थी।
मोबाइल फोन मिला तो हद से गुजर गए सीनियर
जांच में पता चला है कि मोबाइल फोन मिलने से मामला बिगड़ गया। स्कूल में मोबाइल पर प्रतिबंध है, कुछ दिन पहले आदर्श ने मोबाइल के जरिए अपना एक फोटो सोशल साइट पर अपलोड कर दिया था। यह बात सीनियर्स को पता चली तो इन्होंने उससे मोबाइल ले लिया और प्रताड़ित करने लगे। पिटाई की, कमरों में झाड़ू लगवाई और आधे घंटे तक मुर्गा भी बनाया। इसके अलावा और भी उल्टा-सीधा उसके साथ किया गया था।
मांझी ने शिवराज से बात की
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इस मामले में मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान से बात की। उन्होंने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया। उन्होंने घटना को लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की। सीएम ने सहकारिता मंत्री से भी बात की। मध्य प्रदेश के सीएम ने उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया।
प्रताड़ना की हद क्या थी, पता करेंगे
सीनियर उसे किस हद तक प्रताड़ित करते थे यह जांच का विषय है। स्कूल प्रबंधन ने पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी, इसके लिए नोटिस दिया जा रहा है-युसुफ कुरैशी, एएसपी ग्वालियर।
जांच के लिए दिल्ली पहुंची पुलिस, परिजनों ने लगाया प्रताड़ना का आरोप
ग्वालियर [ब्यूरो]। छात्र आदर्श के सुसाइड के मामले की जांच के लिए पुलिस दिल्ली पहुंच गई है। पुलिस को दिए बयान में आदर्श के पिता एवं बिहार के सहकारिता मंत्री जय सिंह ने उनके बेटे को प्रता़ि़डत किए जाने का आरोप लगाया है। परिजनों ने संदेह जताया है कि आदर्श की हत्या करने का प्रयास किया गया है। छात्र की मेडिको रिपोर्ट भी अपोलो हॉस्पिटल से ले ली है। विलंब से और गलत जानकारी देने के संबंध में सिंधिया स्कूल प्रबंधन को पुलिस ने लीगल नोटिस भेज कर जवाब देने के लिए बुलाया है, लेकिन रात तक स्कूल प्रबंधन नोटिस का जवाब देने के लिए पुलिस के सामने नहीं आया।
रविवार को पुलिस फिर जांच के लिए सिंधिया स्कूल के कैंपस पहुंची। पुलिस ने आदर्श के रूममेट छात्रों के अलावा हॉस्टल के अन्य छात्रों के बयान लिए हैं। छात्रों के बयानों से लगभग साफ हो गई है आदर्श की रैंगिग हुई थी, लेकिन अधिकारिक रूप से पुलिस पुष्टि करने से बच रही है। आदर्श के परिजनों ने पुलिस को दिए कथनों में प्रता़ि़डत करने का आरोप लगाया है।
-स्कूल प्रबंधन ने पुलिस को गलत और विलंब से जानकारी क्यों दी?
पुलिस ने सिंधिया स्कूल प्रबंधन को लीगल नोटिस भेजकर आदर्श के मामले में बयान दर्ज कराने के लिए बहो़़डापुर थाने बुलाया है। इस पूरे मामले में स्कूल प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध है।
-स्कूल प्रबंधन ने घटना की जानकारी पुलिस को विलंब से क्यों दी?
मामला उजागर होने के बाद स्कूल प्रबंधन ने लिखित में सूचना दी कि आदर्श बेहोशी की हालत में प़़डा मिला जबकि स्कूल प्रबंधन की जानकारी में था कि छात्र को फांसी के फंदे से उतारकर अस्पताल पहुंचाया गया है।
-जिस चादर से छात्र फांसी पर लटका था, उस चादर को पुलिस से छिपाकर सबूत मिटाने की कोशिश क्यों की गई?
पूरे मामले में स्कूल प्रबंधन की संदिग्ध भूमिका से पुलिस को संदेह है कि और भी तथ्य जांच में छिपाने का प्रयास किया जा रहा है।
ग्लोबल हॉस्पिटल ने भी नहीं दिया पुलिस के नोटिस का जवाब
पुलिस ने आदर्श का इलाज करने वाले डॉ. सीपी बंसल व ग्लोबल हॉस्पिटल प्रबंधन को नोटिस भेजकर बयान के लिए बुलाया था, लेकिन कोई भी पुलिस के सामने नहीं पहुंचा। पुलिस ने ग्लोबल हॉस्पिटल में आदर्श का इलाज करने वाले डॉक्टर के लिए सवाल भी तैयार कर लिए हैं।
-छात्र आदर्श के गले पर निशान होने के बाद भी इसकी सूचना हॉस्पिटल प्रबंधन ने पुलिस को क्यों नही दी?
-गले का एक्सरा कराया, तो वह कहां हैं? उस समय गले की हड्डी किस पॉजिशन में थी।
-छात्र के नर्वस सिस्टम की पॉजिशन का पता लगाने के लिए सीटी स्केन कराया था, तो कहां है? नहीं कराया तो क्यों नहीं कराया। क्योंकि नर्वस सिस्टम के कारण छात्र कोमा में जा सकता है। पुलिस इन सवालों में पूरे दिन उलझी रही।