दिग्विजय की याचिका पर सुनवाई 4 सितंबर के लिए बढ़ी
भोपाल, जबलपुर। हाईकोर्ट ने व्यापमं फर्जीवाडे़ की सीबीआई जांच की मांग संबंधी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित अन्य की जनहित याचिकाओं पर अगली सुनवाई 4 सितंबर को तय की है। इस बीच दिग्विजय सिंह की जनहित याचिका में नए पक्षकार व तथ्य जोड़ने संबंधी संशोधन के लिए एक सप्ताह का समय दे दिया गया है। कोर्ट इस संबंध में पेश होने वाले आवेदन पर विचार कर निर्णय लेगा।
मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर व जस्टिस आलोक आराधे की युगलपीठ ने अपने आदेश में साफ किया कि फिलहाल किसी भी पक्षकार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब नहीं किया गया है। इसके बावजूद महाधिवक्ता आरडी जैन चाहें तो राज्य शासन व अन्य पक्षकारों की ओर से जवाब पेश करने स्वतंत्र हैं।
सभी पक्षकारों को मुहैया करा दी एडवांस कॉपी
हाईकोर्ट ने अपने डेढ़ पृष्ठीय लिखित आदेश के प्रारंभ में साफ किया कि हमने जनहित याचिकाकर्ताओं के वकीलों को सुना। यह जानकारी भी रिकॉर्ड पर ली कि जनहित याचिकाओं की एडवांस कॉपी सभी संबंधित पक्षकारों को मुहैया करा दी गई है। लिहाजा, नोटिस जारी न करते हुए अगली सुनवाई 4 सितम्बर निर्धारित की जाती है।
ओपन कोर्ट में हुई बहस की रिपोर्टिग करने पर रोक
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में इस बात का उल्लेख किया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए ओपन कोर्ट की बहस की किसी भी जनसंचार माध्यम के जरिए रिपोर्टिग न की जाए। हालांकि मीडिया ऑर्डरशीट में दिए गए तथ्यों के आधार पर रिपोर्टिग के लिए स्वतंत्र है।
लगभग एक घंटे चली बहस
इस मामले की बहस लगभग एक घंटे चली। इस दौरान दिग्विजय सिंह की ओर से नई दिल्ली से आए वरिष्ठ अधिवक्ता एमएल वर्मा ने पक्ष रखा। उनका साथ जबलपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने दिया।
अन्य जनहित याचिकाकर्ता पार्षद पंकज पाण्डेय व राजेश सोनकर की ओर से नई दिल्ली से आई वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह व सीनियर एडवोकेट विवेक कृष्ण तन्खा ने पैरवी की। उनका सहयोग नंदिता पुजारी, सुमीर सोढ़ी, भूपेश तिवारी, अर्पित तिवारी ने दिया। एक अन्य मामले में अधिवक्ता शेखर शर्मा ने पक्ष रखा। जबकि राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता आरडी जैन खडे़ हुए।