सीएम और मंत्री सुरक्षा में कम पड़ रही फोर्स
भोपाल [ब्यूरो]। मुख्यमंत्री और कैबिनेट सदस्यों के लिए सुरक्षा बल की गंभीर कमी गई है। इससे निपटने पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को पत्र लिखकर 500 अतिरिक्त जवानों के पद तत्काल स्वीकृत करने कहा है। पीएचक्यू के अधीन गठित बल में पिछले वर्ष 500 विशेष प्रशिक्षित जवानों की पदस्थापना की गई थी जो केवल सीएम, मंत्री और एमपी, एमएलए को सुरक्षा देते आए हैं। एमपी हाईकोर्ट सुरक्षा की रिव्यू बैठक के बाद न्यायाधीशों और पूर्व जस्टिस सहित आयोग के चुनिंदा अध्यक्षों को भी सिक्योरिटी मुहैया कराने की जिम्मेदारी पीएचक्यू को सौंप दी गई है जिसके चलते वीआईपी सुरक्षा में जवानों की कमी पैदा हो गई है।
नए विधायकों और कुछ चुनिंदा सांसदों ने ये समस्या बढ़ा दी है। पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर कई जनप्रतिनिधियों ने अतिरिक्त पर्सनल गार्ड की मांग की है। राज्य शासन प्रदेश के बाहर सेवाएं दे रहे सुरक्षा बल को वापस बुलाने पर भी विचार कर रहा है। इसके तहत झांसी से निर्वाचित सांसद एवं प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की सुरक्षा वापस लेने पर भी विचार किया जा रहा है। भारती को अब स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की ओर से सुरक्षा कवर दिया जा रहा है जबकि एमपी से मिले जवान केवल आउटर सर्किल में सुरक्षा दे रहे हैं। उमा को यूपी सरकार की ओर से भी सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे के मुताबिक अतिरिक्त पदों पर तैनाती की औपचारिक सहमति बन चुकी है और जल्द ही मांग की समीक्षा और थ्रेट परसेप्शन के मुताबिक सुरक्षा सेवाएं प्रदान कर दी जाएंगी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले वीआईपी सुरक्षा में जवानों की कमी को दूर करने के लिए जिला पुलिस बल को भी शामिल किया जाता था। प्रकोष्ठ के गठन के बाद से जिला बल को इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया था। इसकी प्रमुख वजह वीआईपी सुरक्षा के चलते सामान्य कानून व्यवस्था का प्रभावित होना बताया जा रहा है।