बेहद खास है अमीर खुसरो का मकबरा
निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के दक्षिण की ओर से निर्मित खुसरो के मकबरे में उनकी रचनाओं का अभिलेख है। संगमरमर से निर्मित चार दीवारी और इसकी चौखट पर लोग सजदा करते हैैं।
हजरत निजामुद्दीन की दरगाह के अहाते में वैसे तो कई लोगों के मकबरे हैं लेकिन अमीर खुसरो का मकबरा खास मुकाम रखता है। निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के दक्षिण की ओर से निर्मित खुसरो के मकबरे में उनकी रचनाओं का अभिलेख है। संगमरमर से निर्मित चार दीवारी और इसकी चौखट पर लोग सजदा करते हैैं। वे औलिया के मुख्य शिष्य थे इसलिए यहां हर साल उर्स का आयोजन किया जाता है।
आर्किटेक्ट राजीव वाजपेयी बताते हैं कि निजामुद्दीन औलिया की दरगाह परिसर में बहुत सारे मुख्य लोगों के मकबरे बनाए गए हैं। लेकिन अमीर खुसरो की कब्र अलग ही पहचान रखती है। इस अहाते में कुछ ही खास लोग जैसे जहां आरा, अमीर खुसरो, मुहम्मद शाह, अकबर के बड़े बेटे मिर्जा जहांगीर की कब्र भी यही हैैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह स्थान कितना महत्वपूर्ण हुआ करता था। अमीर खुसरो की कब्र की चार दीवारी मार्बल के पत्थर से की गई है। इन पत्थरों पर जाली का काम किया गया है जो मुगलकालीन आर्किटेक्चर का मुख्य अंग रहा है। इसके ऊपर चौकोर गुंबद भी बनाया गया है। जिस पर खूबसूरत पेंटिग भी देखी जा सकती है। संगरमरमर के पत्थरों से ही इनकी कब्र भी बनाई गई है जिस पर लोग चादर चढ़ाते हैैं। अमीर खुसरो के मकबरे में उनकी कुछ मशहूर पंक्तियां भी दीवारों पर उकेरी गई हैं। उनके मिजाज और तबीयत के अनुसार ही मकबरा सजा संवरा नजर आता है। इसके साथ संगमरमर और लाल दीवारों पर रंगीन बेलबूटे और व दरवाजे भी अमीर खुसरो के प्रेम रस रंगे नजर आते हैैं।