Move to Jagran APP

मोहब्‍बत का मकबरा देखा है आपने, गुजरात में घूमने की ये 10 चीजें जो आपको हैरान कर दें

चलिए आज आपको कराते हैं गुजरात की सैर जहां कृष्‍ण की द्वारका है तो मोहब्‍बत का मकबरा भी है।

By molly.sethEdited By: Published: Wed, 16 Aug 2017 03:54 PM (IST)Updated: Wed, 16 Aug 2017 03:54 PM (IST)
मोहब्‍बत का मकबरा देखा है आपने, गुजरात में घूमने की ये 10 चीजें जो आपको हैरान कर दें
मोहब्‍बत का मकबरा देखा है आपने, गुजरात में घूमने की ये 10 चीजें जो आपको हैरान कर दें

loksabha election banner

अदालज स्‍टेपवेल
अदालज स्टेप वैल या अदालज वाव राष्ट्रीय राजमार्ग पर गांधीनगर से 15 कि.मी. दूर स्थित एक कुंआ है। यह कुंआ अपनी अदभुद वास्तुकला और नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। इसे वाघेला प्रमुख वीर सिंह की पत्नी रानी रूदाबाई के लिए एक मुस्लिम राजा मोहम्मद बेगदा ने 1499 में बनवाया था। इसकी दीवारों पर पौराणिक पात्रों और कथाओं की नक्काशी की गई हैं।

सिदी सैय्यद मस्जिद

सिदी सैय्यद मस्जिद का र्निमाण 1573 में किया गया था। यह अहमदाबाद की सबसे प्रसिद्ध मस्जिदों में से एक है। इसे सिदी सैय्यद की जाली  के नाम से भी जाना जाता है। इसे एक एबिसिनियन सिद्दी सईद या सिदी सैय्यद द्वारा बनाया गया था, जो सुल्तान शम्स-उद-दीन मुजफ्फर शाह तृतीय की सेना में जनरल बिलार झजर खान के अधीन गुजरात सल्तनत के लिए काम करता था।

कालिको वस्त्रों का संग्रहालय

ये भारत का सबसे चर्चित टेक्‍सटाइल म्‍यूजियम है। कालिको टेक्‍सटाइल म्‍यूजियम भारतीय कपड़ों की विविध संग्रह के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस संग्रहालय में विभिन्‍न डिजाइन, रंग और पैटर्न के वस्‍त्र देखने को मिलते है जो भारत के कोने - कोने आते है, इनका फ्रैब्रिक, इनके बनाने और बुनने का तरीका आदि अलग होता है। इस संग्रहालय को गौतम साराभाई और उनकी बहन गीरा साराभाई ने 1949 में स्‍थापित किया था। पहले इसे कैलिको हाउस में स्‍थापित किया गया था, जिसे बाद में शाहीबाग में स्‍थानांतरित कर दिया गया।

साबरमती आश्रम

गुजरात आयें और साबरमती आश्रम ना जायें तो आपकी यात्रा कहीं ना कहीं अधूरी रह जाती है। राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी द्वारा स्‍थापित इस आश्रम को अब गांधी स्‍मारक संग्राहलय के रूप में बदल दिया गया है। ये गुजरात राज्य अहमदाबाद जिले के समीप साबरमती नदी के किनारे स्थित है। सन् 1917 में कोचरब में महात्मा गांधी ने सत्याग्रह आश्रम के नाम से इसकी स्थापना की थी। सन् 1917 में जब यह आश्रम साबरमती नदी के किनारे वर्तमान स्थान पर स्थानांतरित हुआ, तब से साबरमती आश्रम कहलाने लगा। इतिहासकारों का मानना है कि पौराणिक दधीचि ऋषि का आश्रम भी यही पर था।

द्वारका

मान्‍यता है कि गुजरात का द्वारका शहर वह स्थान है जहाँ 5000 साल पहले भगवान कृष्ण ने मथुरा छोड़ने के बाद द्वारका नगरी बसाई थी। द्वारका में जिस स्थान पर उनका निजी महल 'हरि गृह' था वहीं पर आज प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर स्‍थित है। द्वारका नगरी आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित देश के चार धामों में से एक है। साथ ही द्वारका नगरी पवित्र सप्तपुरियों में से भी एक है। 

जंगली गधा अभयारण्य

गुजरात के कच्छ के रण में 4954 किमी क्षेत्र में फैला जंगली गधा अभ्यारण्य भारत का सबसे बड़ा वन्यजीव अभ्यारण्य है। इसमें विभिन्न प्रजाति के जन्तु और पक्षी पाये जाते हैं जिनमें सबसे महत्‍वपूर्ण भारतीय जंगली गधे की लुप्तप्राय प्रजाति हैं। इसके साथ-साथ चिंकारा, कैराकल्स और एशिया के विशालतम नीलगाय भी यहां देखे जा सकते हैं। अभ्यारण्य में इनकी संख्या लगभग 3000 है और विशेष रूप से प्रजनन काल में ये जानवर अक्सर झुण्ड में देखे जा सकते हैं।

मांडवी

भारत में गुजरात का सबसे शानदार समुद्र तट अहमदपुर-मांडवी बीच है। इस तट पर बेहतरीन वॉटर स्पोर्टस मौजूद हैं। यह स्‍थान अहमदाबाद से 298 किलोमीटर की दूरी पर है। समुद्र का साफ पानी इसे तैराकी के शौकीन लोगों लिए पसंदीदा स्‍थान है। मांडवी में इसके अलावा तोपनसर झील, विजय विलास पैलेस, श्यामजी कृष्णा वर्मा स्मारक, रुकमावती ब्रिज और काशी विश्वनाथ बीच देखने लायक हैं।

मोहब्‍बत का मकबरा

महाबत मकबरा गुजरात में और विशेषकर जूनागढ़ के मशहूर टूरिस्‍ट प्‍लेस में से एक है। इसे शुरूआत में जुनागढ़ के नवाबों द्वारा निजी महल के रूप में प्रयोग किया जाता था। 1878 में महाबत खानजी ने इसका निर्माण शुरू किया था और 1892 में बहादुर कांजी ने इसे पूरा किया था। अपनी कला और वास्तुकला की दृष्‍टि से ये महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक है, और सबसे पुराने मुगल स्मारकों में शामिल है। मकबरे के बारीकी से तैयार किए गए मेहराब, ऊर्ध्वाधर स्तंभ और दीवारें, साथ ही खिड़कियों के पत्थर पर नक्काशी एक उत्कृष्ट कृति है। इसके चांदी से सजे पोर्टल, घुमावदार सीढ़ियां, चार लंबी मीनारों से घिरे मैदान में बने पुराने स्‍टेप वेल और इसका प्याज के आकार का गुंबद इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। 

सोमनाथ मंदिर 

सोमनाथ मंदिर विश्व प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटन स्थल है। लोककथाओं के अनुसार यहीं श्रीकृष्ण ने देहत्याग किया था। ये एक महत्वपूर्ण हिन्दू मंदिर है जिसकी गिनती 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में होती है। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में स्थित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था। इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। अत्यंत वैभवशाली होने के कारण ये मंदिर कई विदेशी आक्रमणों का गवाह और निशाना रहा है। इसीलिए इसका कई बार पुर्नर्निमाण भी किया गया था। 

अक्षरधाम मंदिर

अक्षरधाम मंदिर गुजरात राज्य के गांधीनगर में स्थित है। यह मंदिर गुजरात के प्रमुख तथा प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। 'स्वामीनारायण संप्रदाय' द्वारा बनवाया गया यह मंदिर भक्ति, वास्तुकला, कलाकार्यों ओर प्रदर्शनियों के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर 32 मीटर ऊंचा, 73 मीटर लंबा और 39 मीटर चौड़ा है और इसका निर्माण 6000 गुलाबी बलुआ पत्थरों से हुआ है। सबसे खास बात ये है कि इसके निर्माण में कहीं भी इस्पात या सीमेंट का इस्तेमाल नहीं हुआ है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.