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देखना हो जानवरों को नजदीक से बार-बार, जरूर जाएं यूपी के इन पार्कों में एक बार

उत्‍तर प्रदेश में कई मशहूर नेशनल पार्क हैं। जहां आपको दुर्लभ प्रजाति के पशु-पक्षी देखने को मिल जाते हैं।

By abhishek.tiwariEdited By: Published: Sat, 22 Jul 2017 05:57 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jul 2017 05:57 PM (IST)
देखना हो जानवरों को नजदीक से बार-बार, जरूर जाएं यूपी के इन पार्कों में एक बार
देखना हो जानवरों को नजदीक से बार-बार, जरूर जाएं यूपी के इन पार्कों में एक बार

1. दुधवा नेशनल पार्क :

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लखीमपुर खीरी जनपद में स्थित दुधवा नेशनल पार्क नेपाल की सीमा से लगे तराई-भाभर क्षेत्र में स्थित है। यह प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 230 किमी दूर है। यहां के वन्य क्षेत्र में घने हरे जंगल, लम्बी घास और अन्य पेड़ पाए जाते हैं और हिरनों की कई प्रजातियों के अलावा बाघ, तेंदुआ, बारहसिंघा, हाथी, सियार, लकड़बग्घा और एक सींग वाला गेंडा निवास करते हैं।

2. कतर्निया घाट :

कतर्निया घाट वन्यजीव अभ्यारण वास्तव में दुधवा टाइगर रिज़र्व का हिस्सा है। इसका प्रबंधन दुधवा नेशनल पार्क और किशनपुर वन्यजीव अभ्यारण के साथ किया जाता है। कतर्निया घाट के जंगल भारत में स्थित दुधवा और किशनपुर के जंगलों को नेपाल स्थित बर्दिया नेशनल पार्क से जोड़ने की महत्त्वपूर्ण कड़ी है। यहां जंगल के बीच गिरवा नदी बहती है जिसका उद्गम नेपाल में है। इस नदी को घड़ियाल और मगरमच्छ के लिए शरण स्थल घोषित किया गया है। यहां दुर्लभ प्रजाति के कछुए, ताजे पानी में पाई जाने वाली मछलियां और अन्य कई प्रकार के जलीय प्राणी भी देखे जा सकते हैं।

3. राष्‍ट्रीय चंबल नेशनल पार्क :

राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य उन अभ्यारण्यों में से एक है जो गंगा डॉल्फिन के लिए एक घर है। यहां पर 8 दुर्लभ प्रजाति के कछुए भी पाए जाते हैं। इसके अलावा यह पार्क घड़ियाल और अप्रवासी चिड़ियों के लिए भी जाना जाता है। यह चंबल घाटी के प्राकृतिक और ऐतिहासिक विरासत को अनुभव करने के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। 

4. सुर सरोवर बर्ड सेंचुरी :

यह विहार आगरा के निकट स्थित है और यहां कई प्रकार के स्थानीय और प्रवासी पक्षी देखे जा सकते हैं। यहां करीब 165 प्रजातियों के पक्षी मिल जाते हैं। यहां एक विशाल झील है और अनेक छोटे तालाब भी हैं। यहां एक बड़ी झील और कई मानव निर्मित द्वीप हैं, जो पर्यटकों के लिए बेजोड़ दृश्य पेश करते हैं।

5. पीलीभीत टाईगर रिजर्व :

पीलीभीत टाईगर रिजर्व को सितंबर 2008 में स्थापित किया गया था। यह भारत का 45वां टाईगर रिजर्व प्रोजेक्ट है। रिजर्व का उत्तरी भाग भारत-नेपाल सीमा से लगा हुआ है, जबकि दक्षिण भाग शारदा और खखरा नदी से जुड़ा हुआ है।भारतीय उपमहाद्वीप में लगभग 1300 प्रजातियों के पक्षी देखे जाते हैं, जिनमें से 326 प्रजातियां पीलीभीत टाईगर रिजर्व में देखी जा सकती हैं, जिनमें लाल जंगली मुर्गी, हॉर्नबिल, पी फाउल, फिश ईगल, ब्लैक नेक स्टोर्क, वूली नेक स्टोर्क, ड्रोंगो, नाईट जार, ग्रीन पिजन, स्पॉटड आउल, जंगल बाब्लर, ब्लैक फ्रैंकोलिन, फिश आउल, आदि शामिल है।


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