मानसून में वाइल्डलाइफ देखने की 8 जगहें, कहीं बाघ कहीं हाथी तो कहीं देखिए रंग-बिरंगी फूलों की घाटी
मानसून के सीजन में घूमने का मन आपका भी करता है। तो इन आठ मशहूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी का रुख करिए जहां आपको मिलेगा एक अलग अनुभव....
1. Hemis National Park :
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान या (हेमिस हाई आल्टीटयूड राष्ट्रीय उद्यान) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में काफ़ी ऊंचाई में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह भारत में हिमालय के उत्तर में एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है, भारत में सबसे बड़ा अधिसूचित संरक्षित क्षेत्र (और इस प्रकार भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान) और नंदा देवी बायोस्फ़ियर रिजर्व और आसपास के संरक्षित क्षेत्रों के बाद दूसरा सबसे बड़ा सन्निहित संरक्षित क्षेत्र है। पार्क कई लुप्तप्राय स्तनधारियों की प्रजातियों सहित हिम तेंदुए का भी निवास स्थान है। मानसून के सीजन में यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है।
2. Valley of Flower National Park :
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान जिसे आम तौर पर सिर्फ फूलों की घाटी कहा जाता है, भारत का एक राष्ट्रीय उद्यान है जो उत्तराखण्ड के हिमालयी क्षेत्र में स्थित है। यूनेस्को ने नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को सम्मिलित रूप से विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। यह उद्यान 87.50 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। फूलों की घाटी को सन 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। फूलों की घाटी तक पहुँचने के लिए चमोली जिले का अन्तिम बस अड्डा गोविन्दघाट 275 किमी दूर है। जोशीमठ से गोविन्दघाट की दूरी 19 किमी है। यहाँ से प्रवेश स्थल की दूरी लगभग 13 किमी है जहाँ से पर्यटक 3 किमी लम्बी व आधा किमी चौड़ी फूलों की घाटी में घूम सकते हैं।
3. Periyar National Park :
पेरियार राष्ट्रीय उद्यान इलायची हिल्स के एक पहाड़ी क्षेत्र के बीच में स्थित है। उत्तर और पूर्व में यह 1,700 से अधिक मीटर (5,600 फुट) की ऊंचाई के पहाड़ लकीरें से घिरा है और पश्चिम की ओर यह 1,200 मीटर (3,900 फुट) उच्च पठार में फैलता है। इस स्तर की ऊंचाई से रिजर्व, पम्बा नदी की 100 मीटर घाटी के गहरे बात करने के लिए तेजी से चला जाता है। सबसे ऊंची चोटी 2,019 मीटर (6,624 फुट) उच्च Kottamalai है। पेरियार झील में डूबे हुए पेड़ पार्क उष्णकटिबंधीय सदाबहार और नम पर्णपाती जंगलों से बना है, घास के मैदानों, यूकेलिप्टस का खड़ा है और झील और नदी पारितंत्रों. घास के 171 के बारे में प्रजातियों और ऑर्किड की 140 प्रजातियों सहित फूल पौधे taxa की कई सैकड़ों रहे हैं।
4. Ranthambore National Park :
रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान उत्तर भारत के बड़े उद्यानों में से एक है। यह जयपुर से 130 किलोमीटर दक्षिण और कोटा से 110 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में राजस्थान के दक्षिणी जिले सवाई माधोपुर में स्थित है। इसका निकटतम रेलवे स्टेशन और कस्बा सवाई माधोपुर यहाँ से 11 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
5. Corbett National Park :
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय पार्क है और 1936 में लुप्तप्राय बंगाल बाघ की रक्षा के लिए हैंली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था। यह उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले में स्थित है और इसका नाम जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया था जिन्होंने इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बाघ परियोजना पहल के तहत आने वाला यह पहला पार्क था। यहाँ पर शेर, हाथी, भालू, बाघ, सुअर, हिरन, चीतल, साँभर, पांडा, काकड़, नीलगाय, घुरल और चीता आदि 'वन्य प्राणी' अधिक संख्या में मिलते हैं।
6. Tadoba National Park :
ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान भारत के महाराष्ट्र राज्य के चंद्रपुर जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यहां पर रॉयल बंगाल टाइगर देखने को मिलते हैं। बारिश के मौसम में यहां जंगल में घूमते जानवरों को देखने को एक अलग ही एक्सपीरियंस होता है। हालांकि ज्यादा बारिश के चलते यह कभी-कभार बंद कर दिया जाता है। तो ऐसे में जाने से पहले उस बारे में पता कर लें।
7. Gobind Sagar Wildlife Sanctuary :
गोविन्द सागर वाइल्डलाइफ सेंचुरी हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित है। इसका नाम सिखों के दशम गुरु गोविन्द सिंह के नाम पर रखा गया है। इस सेंचुरी की खासियत यह है कि यहां एक मानव-निर्मित झील है। यह झील सतलज नदी पर भाखड़ा बांध के निर्माण के कारण बनी थी। यहां आप फिशिंग कर सकते हैं। यह पार्क तरह-तरह की मछलियों के लिए जाना जाता है। खासतौर पर जुलाई-अगस्त में यहां आने वाले टूरिस्टों की संख्या बढ़ जाता है।
8. Kabini National Park :
कर्नाटक में स्थित नागरहोल अपने वन्य जीव अभयारण्य के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यह उन कुछ जगहों में से एक है जहां एशियाई हाथी पाए जाते हैं। हाथियों के बड़े-बड़े झुंड यहां देखे जा सकते हैं। मानसून से पहले की बारिश में यहां बड़ी संख्या में रंगबिरंगे पक्षी दिखाई देते हैं। उस समय पूरा वातावरण उनकी चहचहाट से गूंज उठता है। पशुप्रेमियों के लिए यहां देखने और जानने के लिए बहुत कुछ है। 640 वर्ग किलोमीटर में फैले नागरहोल अभयारण्य में अनेक जानवर पाए जाते हैं। इसलिए जंगल की सफारी से इनको करीब से देखना रोमांचक अनुभव होता है। यद्यपि यहां बहुत सारे शेर और चीते हैं, फिर भी इन्हें ढूंढ़ और देख पाना इतना आसान नहीं हैं। शेर और चीतों के अलावा हिरन, चार सींग वाला हिरन, कलगी वाला साही और काली गर्दन वाले खरगोश भी यहां देखे जा सकते हैं। पर्यटक अभयारण्य में केवल 30 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में ही घूम सकते हैं। यहां जीप और बस की सफारी उपलब्ध है।