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इतिहास को जिंदा देखना है तो घूमिए ये पांच शहर

दुनिया के 287 वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की लिस्ट में भारत के एक शहर अहमदाबाद का नाम भी जुड़ गया है। यह भारत का पहला शहर है, जो इस लिस्ट में जगह बना पाया है।

By abhishek.tiwariEdited By: Published: Thu, 10 Aug 2017 03:57 PM (IST)Updated: Thu, 10 Aug 2017 03:57 PM (IST)
इतिहास को जिंदा देखना है तो घूमिए ये पांच शहर
इतिहास को जिंदा देखना है तो घूमिए ये पांच शहर

कौन-कौन है इस लिस्‍ट में

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भारत के कई शहरों की ऐतिहासिक इमारतों को हेरिटेज का दर्जा मिला हुआ है, लेकिन किसी शहर को पहली बार यह सम्मान मिला है। अहमदाबाद के अलावा, दूसरी कई जगहें भी हैं, जो इस लिस्ट में जगह बनाने में सफल रहा है। आइए जानते हैं, दुनिया की ऐसी ही जगहों के बारे में जिसे इस बार हेरिटेज का दर्जा हासिल हुआ है।

अहमदाबाद, भारत

कहते हैं कि गुजरात के ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद की स्थापना सुल्तान अहमद शाह ने 15वीं शताब्दी में की थी। इसे यूनेस्को ने विश्र्व धरोहर शहर का दर्जा दे दिया था। 600 वर्ष पुराना शहर अब पेरिस, विएना, काहिरा, ब्रसेल्स, रोम और एडिनबर्ग जैसे शहरों की सूची में शामिल हो गया है। इससे भारत विश्र्व के धरोहर शहरों के मानचित्र में आ गया है। साबरमती नदी के किनारे सुल्तान अहमद शाह दारा बनाया गया अहमदाबाद एक ऐतिहासिक एवं आधुनिक शहर है। ऐतिहासिक एवं पुरातन महत्त्व की इमारतों मोहल्लों मकबरों के साथ हिंदू मुस्लिमों की साजा सांस्कृतिक विरासत का बेजोड़ साम्राज्य देखा जा सकता है। वर्तमान में अहमदाबाद देश के बड़े औद्योगिक शहरों में से एक है कपड़ा मिलों की वजह से इसे पूर्व का मैनचेस्टर भी कहा जाता है। महात्मा गांधी के गांधी आश्रम और नमक कानून की वजह से भी अहमदाबाद पर्यटकों को आकर्षित करता है। अहमदाबाद शहर एक ऐसा स्थान है जहां कई ऐतिहासिक स्मारक है, आधुनिक आकर्षण की कोई कमी नहीं है, बड़े- बड़े मॉल और मूवी हॉल है, हटथीसिंग जैन मंदिर, सिदी सैय्यद मस्जिद, स्वा-मी नारायण मंदिर, जामा मस्जिद, महुदी जैन मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, सिटी वॉल्सद और द गेट्स, रानी नो हाजीरो, झूलता मीनारा, सरखेज रोजा, दादा हरी वाव, अदलाज सीढ़ीदार कुंआ आदि यहां के प्रमुख आकर्षण हैं। इसके अलावा, पर्यटक यहां आकर रजवाडु, चौकीधानी, पंतग रेस्टोरेंट, आईआईएम, रिवर फ्रंट, सीजी रोड़, एसजी रोड़, ड्राइविंग सिनेमा, परिमल गार्डन आदि की सैर भी कर सकते है। यहां कई प्रकार के संग्रहालय, नेचुरल ईको - सिस्ट म और फॉरेस्टा जैसे - इंदोरा नेशनल पार्क और कनकरिया झील भी स्थित है जो पर्यटकों के लिए खास आकर्षण है।

द लेक डिस्‍ट्रिक्‍ट (यूके)

द लेक डिस्टि्रक्ट में स्थित विंडरमेरे इंग्लैंड का सबसे बड़ा प्राकृतिक झील है। यह तकरीबन 10 माइल्स में न्यूबाय ब्रिज तक फैला हुआ है। जब 19वीं सदी के मध्य में यहां रेलवे पहली बार पहुंचा था, उसी समय यह एक बड़े पर्यटन आकर्षण के तौर पर उभरा है। खासकर समर सीजन में बड़ी संख्या में टूरिस्ट यहां पहुंचते हैं। यह क्षेत्र लेक डिस्टि्रक्ट नेशनल पार्क के अंतगर्त आता है। विंडरमेरे झील की खासियत है कि इसमें 18 छोटे-बड़े आइलैंड हैं। यहां प्राकृतिक खूबसूरती के साथ बोटिंग का लुत्फ भी उठाया जा सकता है। ड्रोव कॉटेज यहां आने वाले पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है। यह सफेद कॉटेज ग्रासमेरे के करीब है। लेक डिस्टि्रक्ट में यह विलियम वर्ड्सवोर्थ का पहला घर है। पहली बार वे 1799 में यहां पहुंच थे। आज यह कॉटेज वर्ड्सवोर्थ ट्रस्ट के अंतगर्त है। यहां विलियम वड्सवोर्थ से जुड़ी बहुत सी चीजों देखने को मिल जाएगी। इसके अलावा भी यहां देखने लायक काफी कुछ है, विंडरमेरे स्टीमबोट म्यूजियम, बीट्रिक्स पोटर, ग्रेट लैंगडेले, केसविक आदि देखने जाने लायक है।

अफ्रोडिसियस, तुर्की

अगर आप प्राचीन शहरों को घुमने का शौक रखते हैं, तो प्राचीन ग्रीक सिटी अफ्रोडिसियस एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह तुर्की के एनाटोलिया के वेस्टर्न हिस्से में स्थित है। इस पुराने शहर को यूनेस्को ने इस बार विश्र्व धरोहर का दर्जा दिया है। यह गायरे से करीब 100 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह तुर्की के बेहतरीन आर्कियोलॉजिकल साइट्स में से एक है। इस शहर का नाम प्यार के देवता एफ्रोडाइट के नाम पर रखा गया है, जिसे रोमन विनस कहते हैं। 8वीं सेंकुची बीसी में यह शहर गोडेस ऑफ लव के लिए मशहूर था। यहां प्यार के देवता एप्रोडाइट के मंदिर के अवशेष को आज भी देखा जा सकता है, जहां उस जमाने में बड़ी संख्या में लोग पूजा करने के लिए आते थे। यह शहर कभी स्कल्पचर स्कूल के लिए लोकप्रिय था। यहां पर प्राचीनतम कलाकृत्तियों को आज भी देखा जा सकता है, जो 3 सेंचुरी बीसी से जुड़ा है। यहां उस जमाने के दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम को आज भी देखा जा सकता है। इस स्टेडियम में 30 हजार लोगों की बैठने की जगह थी। यह का वाइट मार्वेल थियेटर आज भी अच्छी स्थिति में है। यहां से करीब 150 किमी. की दूरी पर इफेसुस है, जिसे देखना नहीं भूलना चाहिए। यहां के म्यूजियम में आज भी रोमन स्कल्पचर के अच्छे कलेक्शन को देखा जा कहता है।

यज्द, ईरान 

यह ईरान का बेहद खूबसूरत रेगिस्तानी शहर हैं। इस प्राचीन शहर में कई ऐसी ऐतिहासिक जगह है, जिसे ईरान की सैर पर आने वाले पर्यटकों को जरूर देखना चाहिए। इस शहर के बीचोंबीच स्थित आमिर चखमक कॉम्प्लैक्स की खूबसूरती सूर्यास्त के बाद भी निखरने लगती है। हालांकि इस इमारत को कई बार रिनोवेट किया गया है। यहां के पुराने शहर में येलो-ब्राउन मड ब्रिक बिल्डिंग को देख कर यह अहसास हो जाता है कि यह शहर कितना ड्राई है। लेकिन यहां का पारंपरिक वास्तुकला काफी आकर्षक है। 14वीं सदी के जामे मस्जीद के मीनार के बारे में कहा जाता है कि यह देश का सबसे बड़ा मीनार है। यह ईरानी-इस्लामिक आर्किटेक्‍चर का खूबसूरत उदाहरण है। यहां ब्लू-मोजेक टाइल का काम देखते ही बनता है। हालांकि मस्जीद की कुछ चीजें 12वीं सदी के बने हुए हैं। इस शहर में बाग-ए-दौलताबाद भी दर्शनीय जगह है। यहां सरो और अनार के वृक्ष के साथ 18वीं सदी के बने इमारत पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है। आपकी यज्द की यात्रा खारानक गांव को घूमे बिना पूरी नहीं हो सकती है। यह बेहद प्राचान गांव है, जिसके अब केवल अवशेष ही देखे जा सकते हैं। तकरीबन 1000 साल पुराने इस गांव में कजर-इरा-मस्जीद के नीचे की घाटी आपको आकर्षित कर सकती है। अगर फोटोग्राफी का शौक है, तो यह आपके लिए परफेक्ट जगह हो सकता है।

संबोर प्रेई कुक, कंबोडिया

जब कभी कंबोडिया घूमने की बात होती है, तो लोगों का ध्यान वहां के विरासत स्थल अंगकोट बाट पर पहले जाती है। लेकिन अब कंबोडिया में 16वीं और 17वीं शताब्दी के बने फॉरेस्ट टेम्प्ल संबोर प्रेई कुक भी एक नई पहचान बन कर उभरा है। यूनेस्को ने इस मंदिर को वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा दिया है। यह जगह राजधानी फनोम पेन्ह से करीब 206 किमी. की दूरी है। यह जगह कई सारे मंदिरों का घर है। इनमें 10 मंदिर ऑक्टागोनल शेप में हैं। इस जगह की पहचान 6वीं-7वीं सदी के चेनला राजवंश की राजधानी इशानपुरा के तौर पर होती है। यहां पर बनी बहुत सारी मंदिर 7वीं सदी के हैं, जिसे उस समय के राजा इशानवर्मन के दौर में बनाया गया था। इस मंदिर के आसपास करीब 140 मंदिर हैं।


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