हवा से पानी बनाएगा यह उपकरण
अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने सौर ऊर्जा से संचालित एक उपकरण विकसित किया है जो पानी निकालने में सक्षम है।
दुनिया में साफ पानी की कमी पूरी करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक क्रांतिकारी तरीका खोज निकाला है। अमेरिका
के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने सौर ऊर्जा से संचालित एक उपकरण विकसित किया है। यह शुष्क हवा से बड़ी मात्रा में पानी निकालने में सक्षम है। रूफटॉप हार्वेस्टर नाम के इस उपकरण से न ही किसी प्रकार का प्रदूषण होता है और न ही पानी की बर्बादी।
और बेहतर बनाने की तैयारी
फिलहाल यह उपकरण केवल दिन के वक्त काम करता है। चौबीसों घंटे इस्तेमाल के लिए इसको और उन्नत बनाने की कोशिशें जारी हैं। इससे यह उपकरण रात के वक्त नमी सोखेगा और दिन में सूर्य की रौशनी मिलते ही पानी की आपूर्ति करेगा।
आरओ से आगे का आविष्कार
यह आरओ से आगे का आविष्कार है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस उपकरण का इस्तेमाल सूखे इलाकों में किया जा सकेगा। यह उनके लिए स्वच्छ पानी का एक बेहतरीन जरिया साबित होगा।
20-30%- हवा में इतनी नमी पर करता है काम
2.3लीटर- 12 घंटे में हवा से निकालता है इतना पानी
88.4 करोड़- वैश्विक आबादी जिसे मयस्सर नहीं साफ पानी
8.4 लाख- गंदे पानी से होने वाली बीमारियों के चलते सालाना होने वाली मौतें
1.8 अरब- 2025 तक पानी की तंगी झेलने वाली दुनिया की आबादी
ऐसे करेगा काम
-डिवाइस के ऊपरी हिस्से पर सोलर सेल मौजूद हैं।
-पैनल के नीचे एक कंडेंसर प्लेट लगाई गई है
-इनके बीच धात्विक आयनों से बने यौगिक धूल के कणों के तौर पर मौजूद रहते हैं।
-जैसे ही वातावरण में शुष्क हवा रूफटॉप और कंडेंसर प्लेट के बीच से होकर गुजरती है। हवा में मौजूद पानी के अणु धात्विक आयनों के अंदरूनी हिस्से में चिपक जाते हैं।
-ऊपर से आती गर्मी धात्विक आयनों को गर्म कर देती है
-इससे पानी के अणु कंडेंसर में पहुंच जाते हैं।
-कंडेंसर का तापमान बाहर के तापमान के बराबर रहता है
-इससे पानी भाप बनकर कलेक्टर में गिर जाता है।
-जेएनएन
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