बच्चों में माइग्रेन के इलाज का खोज लिया गया ये नया तरीका
नई तकनीक के तहत असर तुरंत होता है और कई महीने तक बरकरार रहता है। मरीज को कोई अन्य दवा लेने की जरूरत भी नहीं रह जाती।
वैज्ञानिकों ने बच्चों में माइग्रेन के इलाज का नया तरीका खोज लिया है। इलाज के अन्य तरीकों की तुलना में इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। माइग्रेन युवाओं में तेजी से फैल रहा है। दुनिया में 12 साल से ज्यादा उम्र के 12 फीसद लोग माइग्रेन से पीडि़त हैं। इसमें सिर के आधे हिस्से में भयंकर दर्द होता है।
अमेरिका के फोएनिक्स चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने इस नई तकनीक को फीनोपलाटीन गैंग्लिओन (एसपीजी) ब्लॉक नाम दिया है। एसपीजी नाक के पिछले हिस्से में पाए जाने वाला नाडि़यों का गुच्छा है, जिसे माइग्रेन के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
नई तकनीक में नाक के रास्ते छोटी और लचीली नलिका (कैथेटर) के माध्यम से एसपीजी को चेतनाशून्य कर दिया जाता है। इसका असर तुरंत होता है और कई महीने तक बरकरार रहता है। ऐसे में मरीज को कोई अन्य दवा लेने की जरूरत भी नहीं रह जाती।
-पीटीआई
अगर आपके बच्चे हैंड सैनिटाइजर का कर रहें इस्तेमाल तो हो जाएं सावधान