Move to Jagran APP

जड़ों से जुड़े रहना है जरुरी

ऋषि विश्वामित्र और अप्सरा मेनका की पौराणिक प्रेम कथा को आधुनिक संदर्भ में दिखा रहे हैं सूरज बड़जात्या अपने धारावाहिक ‘पिया अलबेला’ में। उसमें केन्द्रीय किरदार निभाने का मौका मिला है दिल्ली की शीन दास को.....

By Srishti VermaEdited By: Published: Thu, 16 Mar 2017 02:24 PM (IST)Updated: Thu, 16 Mar 2017 02:39 PM (IST)
जड़ों से जुड़े रहना है जरुरी
जड़ों से जुड़े रहना है जरुरी

ऋषि विश्वामित्र और अप्सरा मेनका की पौराणिक प्रेम कथा से प्रेरित है जी टीवी पर प्रसारित राजश्री प्रोडक्शंस का शो ‘पिया अलबेला’। इसमें एक ओर जहां एकांत पसंद नायक नरेन अध्यात्म में डूबा है, वहीं दूसरी ओर बी. कॉम कर रही नायिका पूजा स्वभाव से मिलनसार और आत्मविश्वास से परिपूर्ण है। पूजा की भूमिका निभा रहीं शीन दास का यह पहला शो है। दिल्ली से ताल्लुक रखने वाली शीन दास के पिता इंजीनियर जबकि बहन सीए हैं। मां योग सिखाती हैं।

loksabha election banner

विचारों का सम्मान जरूरी
शीन कहती हैं, ‘शो से पहले ऋषि विश्वामित्र और मेनका के बारे में मुझे सतही जानकारी थी। सूरज जी ने मुझे उनकी कहानी के दूसरे पहलू से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि मेनका ऋषि विश्वामित्र को रिझाने आई थीं, लेकिन उन्हें अपना दिल दे बैठीं। प्रेम को लेकर उनकी कोई अपेक्षाएं नहीं थीं। हमारे शो में उस कहानी को रूपक के तौर पर लिया गया है। शो में पूजा और नरेन अलग विचारों के हैं। उसके बावजूद वे कैसे मिलते हैं देखना दिलचस्प होगा। मैं मानती हूं कि सभी का अपना दृष्टिकोण होता है। हमें दूसरे की विचारधारा का सम्मान करना चाहिए। वरना आप अकेले रह जाएंगे। अलग विचारधारा से ही विविधता आती है।’

एक्टिंग में पहला ब्रेक
राजश्री प्रोडक्शंस से जुड़ाव के सवाल पर शीन कहती हैं, ‘मैंने सूरज जी की ज्यादातर फिल्में देखी हैं। उनके शो से जुड़ना मेरे लिए सपना सच होने जैसा था। शो के लिए मैंने ऑडिशन दिया था। शो मिलने पर मैं जितनी उत्साहित थी उतना नर्वस भी। सूरज बड़जात्या से मुलाकात के बाद मैंने पाया कि वह बहुत सरल, सहज और जमीन से जुड़े इंसान हैं। मैं हमेशा से अभिनेत्री बनना चाहती थी। मेरे पापा खुद थिएटर से जुड़े रहे हैं, पर उन दिनों में उसमें कॅरियर का स्कोप अधिक नहीं था। बहरहाल, जब मैंने अभिनय की इच्छा जताई तो माता-पिता ने सहर्ष सहमति दी। हालांकि वे चाहते थे कि मैं पढ़ाई पूरी करूं। मैंने इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी मास मीडिया का कोर्स किया। उसके बाद मैंने मॉडलिंग शुरू की। मिस दीवा यूनिवर्स प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली से मुंबई आने का संयोग बना। एक्टिंग में रुचि तो हमेशा से थी। ऑडिशन देना शुरू किया और बात बन गई।’

टीवी की शौकीन
शीन बचपन से ही टीवी की शौकीन रही हैं। वह बताती हैं, ‘सारा भाई वर्सेज सारा भाई’, ‘आई लव यू जिनी’, ‘तू तू मैं मैं’ मेरे फेवरेट शोज हुआ करते थे। अब शो की शूटिंग में व्यस्त हूं। लिहाजा टीवी देखने का मौका नहीं मिलता। पूजा के किरदार में रोमांस, डांस और कॉमेडी सभी कुछ करने का अवसर मिला है। मैंने एक्टिंग का कोई कोर्स नहीं किया है, इसलिए सभी की अपेक्षाओं पर खरे उतरना चुनौती थी। मुझे सूरज सर ने किरदार की बारीकियां समझाईं। मैंने भी अपना सौ फीसदी दिया है।’

जड़ों से जुड़े रहना है
माता-पिता से उन्हें क्या सीख मिली जो एक्टिंग कॅरियर में मददगार साबित हुई? इसके जवाब में शीन कहती हैं, ‘माता-पिता ने हमेशा यही सीख दी कि अपने लक्ष्य से डिगना नहीं। अपनी जड़ों से जुड़े रहना। यह मत भूलना कि तुम कहां से आई हो। सभी का आदर-सत्कार करना। हमेशा सबके साथ अच्छा बर्ताव करना। उतार-चढ़ाव जिंदगी का हिस्सा हैं। इनके बिना असफलता और सफलता का स्वाद कैसे पता चलेगा। गिर के उठने में ही शान होती है। उनकी ये सीख मैं हमेशा याद रखती हूं।’

प्रस्तुति- स्मिता श्रीवास्तव

यह भी पढ़ें : जो करें, दिल से करें : साहिल वैद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.