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अगर हुई क्षुद्र ग्रह और धरती की टक्कर तो हो सकता है ये नुकसान

क्षुद्र ग्रह के पृथ्वी से टकराने पर उत्पन्न तेज हवाओं, भूकंप, वायुदाब, सुनामी जैसी आपदाओं से औसतन करीब तीन लाख मौतें होने की आशंका है। यह शोध जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स नामक अमेरिकी जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 21 Apr 2017 01:01 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jul 2017 10:48 AM (IST)
अगर हुई क्षुद्र ग्रह और धरती की टक्कर तो हो सकता है ये नुकसान
अगर हुई क्षुद्र ग्रह और धरती की टक्कर तो हो सकता है ये नुकसान

क्षुद्र ग्रह की पृथ्वी से टकराने की आशंकाएं खड़ी होती रहती हैं। बुधवार को भी 2014-जे025 नामक क्षुद्र ग्रह पृथ्वी से 18 लाख किमी की दूरी से गुजरा। इन क्षुद्र ग्रहों की धरती से संभावित टकराहट के असर का अब तक कोई पुख्ता आकलन नहीं हो सका है। अब यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन के शोधकर्ताओं ने पहली बार इसकी भयावहता का आकलन किया है। उनके अनुसार क्षुद्र ग्रह के पृथ्वी से टकराने पर उत्पन्न तेज हवाओं, भूकंप, वायुदाब, सुनामी जैसी आपदाओं से औसतन करीब तीन लाख मौतें होने की आशंका है। यह शोध जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स नामक अमेरिकी जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

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50 हजार बार कराई टक्कर

शोधकर्ताओं ने कंप्यूटर मॉडल से पृथ्वी और अलग अलग आकार के क्षुद्र ग्रहों की टक्कर 50 हजार बार

कराईं। इन क्षुद्र ग्रहों का व्यास 15 मीटर से 400 मीटर तक था। इसी से नुकसान का आंकड़ा निकला। यह

शोध टोक्यो में होने वाली इंटरनेशनल अकादमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स प्लैनेटरी डिफेंस कांफ्रेंस में पेश करेंगे।

आकार है अहम

पृथ्वी पर 18 मीटर व्यास या इससे बड़े क्षुद्र ग्रह के टकराने पर ही लोग हताहत होंगे। 56 मीटर व्यास के क्षुद्र ग्रह के टकराने पर ही पृथ्वी पर आपदाएं शुरू होंगी। बढ़ सकता है आंकड़ा शोधकर्ताओं के अनुसार क्षुद्र ग्रह के आबादी वाले स्थान पर टकराने से मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है। यह आंकड़ा एक करोड़ तक भी जा सकता है।

नहीं है कोई खतरा

प्रत्येक 1500 साल में 60 मीटर व्यास और प्रत्येक एक लाख साल में चार सौ मीटर व्यास के क्षुद्र ग्रह पृथ्वी से टकराते हैं। अंतरिक्ष में एक किमी से बड़े क्षुद्र ग्रह भी मौजूद हैं। लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार यह प्रत्येक पांच लाख साल में एक बार ही पृथ्वी से टकराते हैं। इसलिए इनसे खतरा नहीं है। हालांकि ऐसी एक घटना हो चुकी है। 15  फरवरी, 2013 को रूस के चेल्याबिंस्क शहर के ऊपर 17 से 20 मीटर बड़ा उल्कापिंड गिरा। इससे भवनों के शीशे टूटकर हवा में बिखरे और एक हजार से अधिक लोग घायल हुए थे।

तेज हवाओं से 48 फीसद मौतें

कुल मौतों में तेज हवाओं से होने वाली मौतों की हिस्सेदारी 48.83 फीसद होगी। गर्मी से 30 फीसद, सुनामी से 20 फीसद, भूकंप से 0.17 फीसद और ज्वालामुखी विस्फोट व उड़ते कचरे से संयुक्त रूप से एक फीसद मौतें होंगी।

बुधवार को गुजरा बड़ा क्षुद्र ग्रह

बुधवार को भारतीय समयानुसार शाम 5:50 बजे 1.40 किमी बड़ा 2014-जे025 या द रॉक नामक क्षुद्र ग्रह पृथ्वी के करीब से गुजरा। 2004 के बाद से पृथ्वी के करीब से गुजरने वाला यह सबसे बड़ा क्षुद्र ग्रह था। अब यह 2600 के बाद ही पृथ्वी के पास से गुजरेगा। 2027 में आठ सौ मीटर बड़ा 1999 एएन10 नामक क्षुद्र ग्रह 3.80 लाख किमी की दूरी से गुजरेगा। इसकी तस्वीरें नासा ने जारी की हैं।

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