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रेडियो के रग-रग में होली

रेडियो जॉकी की भी होली के अपने प्लान्स और च्वाइस होते हैं। आइए जानते हैं रेडियो की दुनिया के इन मशहूर आरजे की होली टॉक...

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 11 Mar 2017 02:40 PM (IST)Updated: Sat, 11 Mar 2017 03:04 PM (IST)
रेडियो के रग-रग में होली
रेडियो के रग-रग में होली

सुनो न दिल्ली- आर जे गिन्नी, रेडियो सिटी
टॉप 5 होली खेलें रघुवीरा...
डू मी ए फेवर लेट्स प्ले होली...
होली के दिन दिल खिल जाते...
बलम पिचकारी...
बद्री की दुल्हानिया...
मेरी चॉइस
डू मी ए फेवर लेट्स प्ले होली

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दिल्ली में एक फैशन चल पड़ा है-होली कितनी डर्टी है, मैं होली नहीं खेलती, लेकिन खेलते सब हैं। गुलाल के साथ होली शुरू होती है और गहरे कलर तक पहुंच जाती है। किसी की नई शादी होती है तो अंडे तक आ जाते हैं। आजकल लोग फार्म हाउस में एकत्र होते हैं। हॉल में अलग म्यूजिक और स्वीमिंग पूल में अलग म्यूजिक बजता है, खूब रंग चलता है। सोसायटी के गार्डेन में बेहद कूल तरीके से होली खेली जाने लगी है। अब सड़क पर होली कम खेली जाती है। होली पर रेडियो में गीतों की मस्ती के साथ हमारी प्लानिंग होती है कि हम श्रोताओं को चुलबुले अंदाज में सराबोर करते रहें। गानों के बीच होली की खूबियों को चटपटे अंदाज में बताते हैं। हल्के व आर्गेनिक रंगों से होली खेलने और पानी का कम से कम उपयोग करने, शराब पीकर गाड़ी न चलाने का मैसेज भी देते हैं।

राघव आया- आर जे राघव, रेडियो सिटी
टॉप 5
रंग बरसे भीगे चुनर वाली...
होली खेलें रघुवीरा...
होली आई रे कन्हाई...
बलम पिचकारी...
डू मी ए फेवर लेट्स प्ले होली...
मेरी चॉइस
होली खेलें रघुवीर


कानपुर का अंदाज अलग है। होली पर यहां रंग बाजी रंगबाजी के साथ मनाई जाती है। सात दिन तक पर्व चलता है। यहां का गंगा मेला सबसे खास है, जो लोग दीपावली जैसे त्योहार पर भी घर नहीं आ पाते हैं वे होली पर कानपुर जरूर आते हैं। अपनों से मिलते हैं और रंगों से प्रेम की रसधारा बहाते हैं। यही है कानपुर की होली की खास बात। ऐसे में अमिताभ बच्चन के गाने मूड बना देते हैं। कानपुर के लोगों की गानों की चॉइस डिफरेंट है। इनमें डांस की मस्ती होती है। बलम पिचकारी..., बद्री की दुल्हानिया गाने की रिक्वेस्ट आना तय है। रैप सांग बहुत बजते हैं, क्योंकि रेडियो सिटी पर बजने वाले गाने और डांस बसा है कानपुर की रग रग में...। होली पर रेडियो सिटी की प्लानिंग अनोखी है। कॉमेडी जोरदार तरीके से चलेगी। हमारे कनपुरिया चचा जो 24 घंटे मसाला खाए रहते हैं अपने अंदाज में होली मनाएंगे। गाने होंगे, गेस्ट होंगे, कवियों का होली पर हास्य होगा, स्ट्रगल करने वाले, नुक्कड़ नाटक करने वाले भी होली में रेडियो के साथ होंगे। रेडियो पर संदेश भी चलेगा कि होली गुलाल से ही खेलें। होली में फिसलने से बचें, छेड़खानी से दूर रहें और पानी कम से कम यूज करें।

मेरा वाला हिट- आर जे कोमल, रेडियो मंत्रा
टॉप 5
रंग बरसे भीगे चुनर वाली...
होली आई रे कन्हाई...
होली के दिन दिल खिल जाते हैं...
अंग से अंग लगाना...
हम पे ये किसने हरा रंग डाला...
मेरी चॉइस
रंग बरसे भीगे...,गुलाबी शाम गुलाबी शहर गुलाबी....


वाराणसी भोलेनाथ की नगरी है। यहां हर ओर रंग, गुलाल से लिपटी टोलियों की घूमती रहती है। वाराणसी के लोग होली पर रंग और भंग की मस्ती में सराबोर रहते हैं। ऐसे में श्रोताओं की चॉइस भी डांसिंग सांग की अधिक रहती है। होली के फेवरेट सांग की डिमांड बार-बार होती है, जो लेटेस्ट मूवी के गाने हैं उनकी रिक्वेट तो आनी ही है। होली पर अल्बम के पॉपुलर सांग डिमांड में होते हैं। होली के दौरान हम रेडियो पर क्रिएटिव बम्फर्स चलाते रहते हैं। जैसे भंग पीना है तो लिमिट में पिएं, कलर लगाना है तो हल्का रंग लगाए, क्योंकि गहरा रंग हार्मफुल हो सकता है। हल्के-फुल्के कॉमेडी अंदाज में कोई न कोई जानकारी श्रोताओं को देते रहते हैं, ताकि उनके चेहरे की स्माइल बनी रहे।

जोश फैक्ट्री- आर जे रॉकी, रेडियो मंत्रा
टॉप 5
होली के दिन दिल खिल...
रंग दे तू मोहे गेरुआ...
रंग बरसे भीगे चुनर वाली...
रंग दे बसंती...
रंग रंग मेरे रंग रंग में...
मेरी चॉइस
बलम पिचकारी...


हरियाणा में खासकर गांवों में देवर-भाभी के बीच छेड़छाड़ भरी होली खेलने की प्रथा रही है। यहां बेसिकली परंपरागत कोड़ा मार होली खेली जाती है, जिसका ट्रेंड भी अब कम हो रहा है। अब फिल्मी गीतों के साथ फूलों की होली खेलने का ट्रेंड चल पड़ा है। हिसार और करनाल जैसे एरिया में तो लोग फूलों की होली को प्रमुखता देने लगे हैं। अगर न्यूमैरिड कपल हो तो होली खास हो जाती है। यहां होली से रिलेटेड गानों के साथ ही प्राइवेट अल्बम के पंजाबी मिक्स पार्टी सांग की रिक्वेस्ट बहुत आती है। रंग और गुलाल के साथ लोग नाचते हुए होली एंजॉय करते हैं। होली पर रेडियो टीम बहुत कुछ डिफरेंट करती है। हम यह बताते हैं कि लोगों के घर में होली का माहौल कैसा है, रंग खेलते लोगों की बाइट लेते हैं, शेरों शायरी और हास्य कवियों को आमंत्रित करते हैं।

कसकाय मुंबई- आर जे अर्चना, रेडियो सिटी
टॉप 5
होली खेलें रघुवीरा...
बद्री की दुल्हनिया...
बलम पिचकारी...
झिंग झिंग झिंगाट ... (मराठी सांग)
धागला लागी कल... (मराठी सांग)
मेरी चॉइस
रंग बरसे भीगे...,होली खेलें रघुवीर...


मुंबई में होली का मजा इसलिए अधिक आता है, क्योंकि यहां टोलियां बनती हैं। यहां बाइक पर घूमते हुए होली खेलना और रेन डांस होली भी बहुत पापुलर है। पानी गिर रहा है, रंग उड़ रहा है और लोग डांस कर रहे हैं। उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है कि गाना कौन सा बज रहा है। किसी भाषा का बज रहा है। बस म्यूजिक थिरकने वाला होना चाहिए। अगर गंगनम स्टाइल भी बज रहा है, तो लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता है उन्हें तो होली की मस्ती में थिरकना होता है। होली के गानों के बीच रैप सांग की खूब फरमाइश होती है। इस बार मस्ती और कॉमेडी के बीच तोता और बब्बर शेर दोनों ही होली के रंग में रंगेंगे। हम गानों की फरमाइश के बीच नेचर को साथ लेकर चलेंगे। नेचुरल तरीके से रंग कैसे बनाएं, उसकी बात होगी। पानी बहुत कीमती है, होली पर कम से कम इस्तेमाल करने की बात करेंगे।

जोश फैक्ट्री- आर जे जतिन, रेडियो मंत्रा
टॉप 5
रंग बरसे भीगे चुनर वाली...
होली के दिन दिल खिल जाते...
अंग से अंग लगाना सजन...
रंग दी रंग दी प्रीत ने रंग दी...
सोनी सोनी अंखियों वाली...
मेरी चॉइस
होली खेलें रघुवीरा...,रंग बरसे भीगे...


आगरा बृज मंडल से जुड़ा है। बृज की होली पूरी दुनिया में मशहूर है। नंदगांव और बरसाना की खास लठमार होली की बात हम रेडियो पर रोचक अंदाज में करते रहते हैं। होली के रंग, परंपराओं का संगम और होली पर बजने वाले गीत-संगीत में भक्ति रस और उमंग की धारा आगरा से वृंदावन तक बहती है। फिल्मी और रैप सांग की मांग भी श्रोताओं की ओर से खूब होती है। शहर में होली खेलने के अंदाज में और गानों की फरमाइश में चेंज भी देखने में आया है। यहां तो पहले से ही होली का माहौल शबाब पर है। फेमस होली सांग के साथ ही हम श्रोताओं तक उनकी चॉइस के वे गीत पहुंचाते हैं जो हमें उपलब्ध होते हैं। मनोरंजक अंदाज में गीतों को प्रस्तुत करते हैं। होली पर बांके बिहारी मंदिर में हमारी टीम लाइव बाइट लेकर उसे श्रोताओं तक पहुंचाती है।

रूट नं. 919- आर जे हिमांशु, रेडियो मंत्रा
टॉप 5
अंग से अंग लगाना...
आज न छोड़ेंगे बस हमजोली...
होली के दिन दिल खिल जाते हैं...
असी कच्चे रंग जहे सोनिये सादी
कादी होली... (पंजाबी सांग)
होली वाले दिन बुलेट द साइलेंसर
मई ला लेया...(पंजाबी सांग)
मेरी चॉइस
बलम पिचकारी..., होली खेलें रघुवीरा...


जालंधर क्या पूरे पंजाब में खूब जोश के साथ होली खेली जाती है और श्रोता धूम- धड़ाके के गीतों की फरमाइश करते हैं। यहां तो बाइक और स्कूटरों में चार-चार युवा होली पर हल्ला मचाते निकलते हैं, लोगों को परेशान करते हैं। यही नहीं पंजाब की पुलिस भी अपने अंदाज में होली खेलती है, वह तो हुड़दंग मचाने वालों को पकड़कर लठमार होली खेलती है। होली पर यहां डांगिंस सांग अधिक पसंद किए जाते हैं। रंग और भंग का जोर रहता है। मौका कोई भी हो भांगड़ा की मस्ती हर जगह दिखाई देती है। पंजाबी बीट्स पर भांगड़ा की मस्ती देखते ही बनती है। आनंदपुर साहिब में तो होली के अगले दिन मेला लगता है, जिसे होला मोहल्ला कहते हैं। यह मेला छह दिन तक चलता है। इस अवसर पर भंग की तरंग के बीच रंगों की बरसात से माहौल रंगीन हो जाता है।

प्रस्तुति- मलय बाजपेयी


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