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खोया हुआ कम गुझिया में मिली रम

गुझिया की मिठास अब और जायकेदार हो गई है। खोया, बेक, चॉकलेट गुझिया के सुस्वादों के बाद अब इस पारंपरिक जायके पर और एक्सपेरिमेंट होने लगे हैं।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 11 Mar 2017 03:15 PM (IST)Updated: Sat, 11 Mar 2017 03:34 PM (IST)
खोया हुआ कम गुझिया में मिली रम
खोया हुआ कम गुझिया में मिली रम

परंपराओं व मान्यताओं की दहलीज से निकलकर होली अब आधुनिकता के नए रंग ओढ़कर नई पीढ़ी को रंग मस्ती में सराबोर कर रही है। बदलाव की बयार में इस त्योहार को मनाने का अंदाज भी बदल गया है। रंग, गीत व गुझिया आज भी हैं लेकिन उनके स्वरूप बदल गए हैं।

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रंग और रंगीन हो गए हैं। होली के गीत फाग से हट अब खालिस बॉलीवुड मिजाजी हो गए हैं। गुझिया की मिठास अब और जायकेदार हो गई है। खोया, बेक, चॉकलेट गुझिया के सुस्वादों के बाद अब इस पारंपरिक जायके पर और एक्सपेरिमेंट होने लगे हैं। इस बार गुझिया को रम के साथ ट्राई किया जा सकता है। होली के बदलते स्वरूप रेस्त्रां के मेन्यू तक पहुंच गए हैं।

गुझिया-रम का स्वाद

मैदा, सूजी व खोये क गुझिया अब रम, खजूर व फलों से भर गई है। सेक्टर 29 स्थित प्रैंक्सटर्स  कैफे के चीफ

एक्जेक्यूटिव शेफ हरअंगर्द ंसह के मुताबिक कैफे में सबकुछ आधुनिक होता है लेकिन परंपराओं के निर्वाह के लिए व परंपरागत चीजों के साथ प्रयोग किए जाते हैं। होली के एक दिन पहले यानी रविवार को मेन्यू भी होली के रंगों में रंगा है। इसके लिए उन्होंने गुझिया के साथ प्रयोग करते हुए उसमें खजूर व रम को भरा है। उनके मुताबिक होली व गुझिया का साथ सदियों से है ऐसे में इसमें फ्यूजन करते हुए उसी आकार में बेहतरीन स्वाद इजाद किया है। निश्चित ही लोगों को ये नया प्रयोग बहुत पसंद आने वाला है। आज और कल के लिए बहुत सारी बुकिंग हो गई हैं। खासकर युवाओं ने ऑफिस के बाद यहीं पार्टी की तैयारी की हुई है।

फलों के रंगों में रंर्गी  ड्रिंक्स

होली के अवसर पर शहर के विभिन्न रेस्त्र्रां  ड्रिंक्स को भी रंगीन बनाने की तैयारी में हैं। कैफे इर्न ड्रिंक्स को फलों के रंगों में रंगकर पेश करेंगे। वेयरहाउस कैफे के मैनेजर साहिल सांभी के मुताबिक वे बीयर को स्ट्रॉबैरी के फ्लेवर से रंगीन बनाएंगे। इसके अलावा प्रैंक्सटर्स कैफे में कीवी, स्ट्रॉबैरी, एप्पल, मैंगो व पाइनएप्पल  फ्लेवर र्ड्रिंक सर्व की जाएंगी। मॉलीक्यूल कैफे के संचालक साहिल शर्मा के मुताबिक गुलार्बी ड्रिंक, ठंडाई व स्ट्रॉबैरी बीयर होली के एक दिन पहले के आयोजन में सर्व की जाएगी।

बॉलीवुड का तड़का बरकरार

गलियों की जगह होली का जश्न रेस्त्रां पहुंचा, गुझिया बदली, भांग की जगह ड्रिंक्स बदली लेकिन कुछ बरकरार है तो

बॉलीवुड के सत्तर के दशक के होली के गाने। आज भी वही गाने होली की पार्टी की शान बने हुए हैं। विभिन्न कैफे में होली के पुराने गानों को नए तड़के के साथ प्राथमिकता दी जा रही है। इस बार भी यही तैयारियां हैं। पुराने व नए गानों के विशेष गीतों का संग्रह बजाया जाएगा। वेयरहाउस कैफे के मैनेजर साहिल जोशी के मुताबिक इन गानों का क्रेज ही अलग है। आज भी होली के वही अमिताभ बच्चन के गीत लोगों को मौजमस्ती में सराबोर कर देते हैं।

गोलगप्पे के साथ गुझिया का स्वाद

होली के मौके पर शहर के कुछ रेस्त्रां भी खास मेन्यू परोसने की तैयारी में है। कनॉट प्लेस स्थित आर्डर रेस्त्रां में खास तरह के ड्रिंक्स परोसने की तैयारी चल रही है। जामे शरीन नाम के इस जश्न में मदिरा ए सुल्तानी, झारबर आम पन्ना, आलू की शराब, लता मोजितो, जलजीरा गन्ने की शराब, सेब संतरा खसखस का शरबत, नवाबी ठंडाई, नवाबी आम पन्ना शामिल हैं।

वही, राजेन्द्र प्लेस के इमली रेस्त्रां में भी दिल्ली के गोल गप्पे के साथ गुझियों का स्वाद लेने का मौका मिलेगा। रेस्त्रां के संचालक वरुण बताते हैं कि इमली में होली के मौके पर परोसे जाने वाले जायके शामिल किए गए हैं। इसमें दही वड़े, पालक पापड़ी चाट भी तैयार की जाएगी।

होली ऐसा त्योहार है कि जिसका चार्म व क्रेज नई पीढ़ी में थोड़ा कम हो रहा है। नई पीढ़ी को परंपराओं से जोड़ने के लिए हम कैफे में इस तरह की विशेष व्यवस्था करते हैं। ऐसे में होली हो या दीवाली अब हमने हर अवसर पर परंपराओं को आधुनिकता के साथ इन्μयूज करना शुरू कर दिया है व युवा इसे एंज्वाय कर रहे हैं।

- साहिल सांभी, मैनेजर, वेयरहाउस कैफे

हमने परंपराओं को बेस बनाकर स्वाद के साथ कई प्रयोग किए हैं। समय समय पर मेन्यू में बदलाव किया है और पारंपरिक डिश ड्रिंक में आधुनिकता का रंग डाला है। हमारे यहां होली के एक दिन पहले की शाम रंगों के त्योहार के नाम रहेगी। रंगबिरंगी ड्रिंक व नए स्वाद की गुझिया लोगों को पसंद आएगी।

- हरअंगर्द ंसह, चीफ एक्जिक्यूटिव शेफ, प्रैंक्सटर्स

होली को युवा पीढ़ी अगर सबसे ज्यादा एंज्वाय करती है तो वह है होली के गीतों से। हमने युवाओं की इसी रग को पकड़ते हुए उन्हें इस त्योहार से जोड़ने के लिए होली के गीतों को बचाने के लिए सत्तर के दशक से लेकर अबतक के

गीतों का संग्रह तैयार कर लिया है। इसके अलावा खान पान में बीयर को रंगीन बना दिया गया है।

- साहिल शर्मा, सहसंचालक, मॉलीक्यूल

प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम


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