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आइब्रो माइक्रोब्लेडिंग वो सभी कुछ जिसे आप जानना चाहते हैं

हममें से कई लोग अपने आईब्रो के पतले होने की समस्या से खासे परेशान रहते है लेकिन अब इस परमानेंट सॉल्युशन को अपनाकर आप इससे निजात पा सकते हैं।

By Srishti VermaEdited By: Published: Mon, 06 Feb 2017 11:03 AM (IST)Updated: Mon, 06 Feb 2017 11:30 AM (IST)
आइब्रो माइक्रोब्लेडिंग वो सभी कुछ जिसे आप जानना चाहते हैं
आइब्रो माइक्रोब्लेडिंग वो सभी कुछ जिसे आप जानना चाहते हैं

आपको कहीं किसी पार्टी के लिए तैयार होना है और आपने सारी मेकअप कर रखी है लेकिन आई मेकअप करते समय अचानक से आपकी नजर आपके आईब्रो पर पड़ती हैं जो काफी पतले हैं। जिसकी वजह से आईज मेकअप के बाद भी आपकी आंखों की खूबसूरती में कोई कमी नजर आती है तो ऐसे में आप अपने आईब्रो के उपर जेल, पाउडर, आईब्रो पेन्सिल और सभी कुछ ट्राइ कर डालते हैं। इसके बाद भी यदि आपके आईब्रो काफी पतले और छिछले नजर आते हैं तो आपका परेशान होना लाजिमी है। लेकिन आपको इसके लिए परेशान होने की जरुरत नहीं है क्योंकि एक परमानेंट सॉल्युशन है जिसके बाद आप इस परेशानी से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं। ये है आईब्रो माइक्रोब्लेडिंग, इस तकनीक के द्वारा आप अपने आईब्रो के लुक को एकदम से पूरी तरह चेंज कर सकते हैं और पा सकते हैं घने और काले आईब्रो। ये एक प्रकार से फेस टैटू के जैसा ही होता है जो सुनने में जितना डरावना लगता है असल में उतना डरावना नहीं होता है। यहां हम आपको बता रहे हैं आईब्रो माइक्रोब्लेडिंग से जुड़ी वो तमाम बातें जो आपको जानना जरुरी है।

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माइक्रोब्लेडिंग एक प्रकार का टैटू है

अन्य दूसरे टैटू की तरह ही माईक्रोब्लेडिंग भी एक तरह से टैटू आर्ट है जिसमें कुछ रंगों को एक मशीन के द्वारा स्किन के अंदर इम्प्लांट कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में नेचुरल हेयर को स्किन के अंदर डाला जाता है जिसके लिए एक मशीन का प्रयोग किया जाता है। ये अन्य दूसरे टैटू की तरह हार्ड नहीं होता है। लेकिन इसके बाद भी ये एक टैटू का ही प्रकार है ज्योंकि इसमें स्किन के अंदर रंगों को इम्प्लांट किया जाता है।
तैयार रहने की जरुरत है

अगर आप ज्यादा से ज्यादा ड्रिंक करते हैं और आपको एस्पिरिन या रेटिनॉल लेने की जरुरत है। तो ट्रीटमेंट लेने के पहले एक सप्ताह तक रुक जायें। क्योंकि रेटिनॉल के असर से ट्रीटमेंट के दौरान स्किन काफी पतली हो जाती है जिससे ब्लीडिंग होने का खतरा बढ़ जाता है।
ये बहुत ज्यादा दर्द देने वाला नहीं होता है।

कुछ कुछ ट्रीटमेंट ज्यादा पेनफुल होता है। लेकिन इस तकनीक से बस थोड़ा स्क्रैच के जैसा महसूस होता है। ये आपको एहसास होता है लेकिन आप इसे बड़े ही आसानी से सह लेते हैं। माइक्रोब्लेडिंग ट्रीटमेंट में समय लगता है।
ट्रीटमेंट के बाद की देखभाल करना बहुत जरुरी है।

इसका मतलब है ट्रीटमेंट के बाद इसमें खास देखभाल की जरुरत पड़ती है। इस दौरान फेस की त्वचा में मॉइश्चर आने से बचाना चाहिए। कोशिश करें कि वर्कआउट कम करें ताकि पसीने ना उभर पायें। साथ ही पानी से चेहरे को धोना अवॉइड ही करें। ट्रीटमेंट के बाद शुरुआत में आईब्रो थोड़ा ब्लैक नजर आता है लेकिन ये रंग 30-40 पर्सेंट तक फेड हो जाता है। फर्स्ट ट्रीटमेंट के बाद आपको ऑइंटमेंट प्रोवाईड किया जाता है लेकिन शुरुआत में आपको हल्के सूजन और लालपन का सामना करना पड़ता है।

ट्रीटमेंट के परिणाम दो से तीन दिन के अंदर दिखाई दे जाता है लेकिन इसके बाद प्रत्येक छह महीने के बाद एकबार टचअप कराने की जरुरत पड़ती है। माइक्रोब्लेडिंग एक तरह से आपके स्किन ब्युटी के लिए इन्वेस्टमेंट है।
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