तो इन कारणों की वजह से आपके बच्चे बोलते हैं झूठ
पेरेंटिंग में एक बड़ी समस्या ये भी आती है जब बच्चे झूठ बोलना शुरु कर देते हैं। लेकिन बच्चों का झूठ बोलना तब तक चिंता का विषय नहीं है जब तक उनकी आदत ना बन जाए।
क्या इस बात को सोच सोच कर परेशान हो रहे हैं कि आपका बच्चा झूठ क्यों बोलता है। फिर तो आप इस बात से और भी चिंतित होंगे जब आपका बच्चा छोटी उम्र से ही झूठ बोलना शुरु कर दे।
ये सही है कि हममें से सभी को झूठ बोलने की आदत होती है और ये हर शख्स के स्वभाव में होता है। ये अलग बात है कि ये अलग अलग स्थिति और परिस्थितियों में होता है। मसलन, जब हम किस ऑकवर्ड सिचुएशन से बाहर निकलना चाहते हैं तो सफेद झूठ बोल देते हैं, किसी अपनों को किसी प्रॉब्लम से बाहर निकालना हो तो हम वहां झूठ बोल देते हैं। लेकिन बच्चों के केस में ऐसा नहीं होता है। वे सिचुएशन की नजातक को हमारी तरह समझते नहीं है और किसी भी मौके पर झूठ बोलते हैं। आइए जानते हैं वे आखिर झूठ क्यों बोलते हैं और उन्हें ऐसे में कैसे हैंडल किया जा सकता है।
दिमागी विकास ना होना
जैसे-जैसे आपके बच्चे बड़े होते जाते हैं शरीर के साथ उनका मानसिक विकास भी होता है। वे धीरे धीरे मैच्योरिटी की तरफ बढ़ते हैं। इस दौरान वे बातों को तोड़ना मरोड़ना सीख जाते हैं। उन्हें गलत तरीके से कैसे पेश करना है ये भी अच्छे से सीख जाते हैं। लेकिन उनका दिमाग इन गलतियों को याद करके उनसे सबक लेने को मैच्योर नहीं हुआ होता है। यही वजह होती है कि वे अगली बार भी झूठ बोल देते हैं क्योंकि उन्हें अपने पिछले स्टेटमेंट याद नहीं रहते। इसका मतलब ये है कि वे झूठ इसलिये बोल रहे हैं क्योंकि वे ऐसा करना सीख रहे हैं। उनकी भाषा भी इस दौरान विकसित होती रहती है। वे झूठ और सही में अंतर नहीं कर पाते। उनके दिमाग में जो आता है, झूठ औऱ गलत समझे बिना वे तत्काल बोल देते हैं।
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किसी चीज के लिए विश कर रहे हों
बच्चे दुनिया के अनुसार अपने आप को गाइड करते हैं। उनकी लाइफ में फैंटेसी और वास्तविकता के बीच एक बारीक लाइन होती है। हो सकता है झूठ बोलना उनकी सपनों की सोच का एक भाग हो। वे एक बार अपने फ्रेंड को हर्ट कर सकते हैं लेकिन दूसरे ही पल वे ये कामना भी करते है कि आगे से वो ये नहीं करेंगे। इसलिए अगर आप उनसे इस घटना के बार में पूछेंगे तो वे इन्कार करेंगे क्योंकि वे अपने मन में अपनी गलती मान चुके होते हैं, आगे से ऐसा करना नहीं चाहते और उस घटना को भी याद नहीं करना चाहते।
पेरेंट को अपनी किसी बात से खुश कर रहे हों
वह इसलिए भी झूठ बोल सकते हैं कि हो सकता है कि वे आपको किसी बात को लेकर खुश कर रहे हों। अगर उन्होंने घर का कुछ नुक्सान कर दिया है तो वे इसके बारे में निश्चित रुप से झूठ बोलेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि वे आपको नाराज नहीं करना चाहते और आपको गुस्से में नहीं देखना चाहते। इसके पीछे उनका मकसद आपको धोखा देना नहीं बल्कि सिंपल रुप में आपकी नजर में अच्छे बने रहना चाहते हैं।
आपकी डांट का डर हो
अगर उन्होंने अपनी गलतियों को एक्सेप्ट कर लिया है तो आप उसे सजा देंगे। परिणामस्वरुप इसके बाद से वे अपनी गलती नहीं मानेंगे क्योंकि उनके मन में आपके प्रति डर बन जाएगा। क्योंकि एक बार में ही उन्हें सीख मिल गई कि सच बोलने से उन्हें तकलीफ ही मिली है। तो वे अगली बार से सिचुएशन से निकलने के लिए आसानी से झूठ बोल देंगे।
आपके रियेक्शन को लेकर जिज्ञासु
वे झूठ बोलकर आपका रियेक्शन देखना चाहते हैं फिर वे इसी के अनुसार अगली बार से भी रियेक्ट करेंगे। झूठ बोलना उनका इंटेंशन नहीं होता है। वे बस सिचुएशन से बाहर निकलने के लिए ऐसा करते हैं।
कैसे हैंडल करें
-अपनेआप से इमानदार रहें। उन्हें सच का महत्व समझायें और उदाहरण के साथ झूठ बोलने से होने वाले गलत परिणाम भी बतायें।
-उन्हें एहसास करायें कि झूठ बोलने के बाद वे अंदर से कैसा महूसस करते हैं। अगर उन्होंने झूठ बोलकर कोई प्रॉमिस तोड़ी है तो उनसे पूछें वे कैसा महसूस करते हैं।
-अगर वे झूठ बोल कर कुछ गलतियां करते हैं तो सजा के तौर पर उनके खेलने के समय से एक घंटे का समय कम कर दें। लेकिन वहीं अगर आप उन्हें इसके बजाए उन्हें स्वीट ट्रीट देंगे तो वे दोनों घटनाओं के बारे मे समझ नहीं पायेंगे। इसलिए उन्हें उनकी गलतियों का एहसास दिलाना भी जरुरी है।