क्या आपका बच्चा भी बनता जा रहा है लालची तो ऐसे छुड़ाये उसकी आदत
कभी कभी जब किसी रिलेटिव के यहां जाना हो तो तो वे कोई खिलौने को लेकर या किसी खाने के सामान को लेकर लालची हो जाते हैं और उन्हें पाने के लिए गलत हरकतें करना शुरु कर देते हैं।
पेरेंट्स के लिए सबसे बड़ी परेशानी की बात तब होती है जब वे अपने बच्चे को किसी चीज को लेकर लालची होते देखते हैं। कभी कभी जब किसी रिलेटिव के यहां जाना हो तो तो वे कोई खिलौने को लेकर या किसी खाने के सामान को लेकर लालची हो जाते हैं और उन्हें पाने के लिए गलत हरकतें करना शुरु कर देते हैं। कभी कभी वे अपने पास सारे सामान होते हुए भी दूसरे बच्चों के पास कुछ ऐसा सामान देखकर लालची हो जाते हैं जो उनके पास नहीं होता है।
ऐसे में उन पर कभी भी जोर से चिल्लायें नहीं। चिल्लाने से उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है और उनमें ये आदत ऐसी ही बनी रहती है। जानते हैं कैसे बनते है बच्चे लालची...
टेलीविजन देखकर
टेलीविजन पर आने वाले विज्ञापन बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं। विज्ञापन देखकर ही बच्चों में लालचीपन की भावना सबसे ज्यादा बढ़ती है। उन्हें विज्ञापनों की सच्चाई से अवगत करायें।
घर के बड़े बुजुर्ग के कारण
कभी कभी घर के बड़े बुजुर्ग बच्चों को हर रोज उनकी पसंद की चीजें देकर उनकी आदत बिगाड़ देते हैं। इस वजह से उनकी आदत बन जाती है और परिणामस्वरुप वे लालची बन जाते हैं और उन्हें किसी दिन ये नहीं मिलता है तो वे गलत रास्ता अख्तियार कर लते हैं। ऐसे में रिश्तों की अहमियत भी कम आंकने लगते हैं। वे सामानों से रिश्तों की अहमियत को आंकते हैं।
पेरेंट्स
किड्स के सबसे करीब जो होते हैं वो होते हैं उनके पेरेंट्स। एक बार में ज्यादा से ज्यादा सामान उनके लिए खरीद कर ना दें।
अगर उनकी ये आदत करना चाहते हैं दूर तो अपनायें ये टिप्स-
-लालचीपन के परिणामों को उन्हें बतायें। उन्हें बताएं कि अगर वे खिलौनों को बचा कर रखेंगे तो एक दिन चैरिटी वाले आकर उनसे छीनकर वे खिलौने लेकर चले जायेंगे। अगर वे नए खिलौने लेकर आयेंगे तो पुराने उनसे दूर कर दिए जायेंगे।
-अपने घर के अंदर लाए जा रहे सामनों के प्रति केयरफुल रहें। इस बात को लेकर ध्यान रखें कि जब भी आप किड्स के साथ बाहर जाते हों तो उनकी जिद कभी पूरी ना करें। उनके लिए एक सीमा तय कर दें कि उन्हें क्या और कितना खरीदना है और क्या नहीं।
-जो वे लेना चाहते हैं उन्हें खुद की मेहनत से पाने का अवसर दें। उनसे उनकी जरुरत पूछें। अपने करीबियों से पूछें कि आप अपने घर में सामानों को कम कैसे कर सकते हैं और उनकी जगह किसी दूसरे सामान को कैसे रख सकते हैं।
-जब वे लालची होने लगें तो वे अपना आत्मसम्मान खोने लगते हैं। उनकी ये आदत जब बढ़ जाती है तो एक क्राइम का रुप ले लेती है। उन्हें इस बात का मतलब समझायें कि लाइफ कैसे जीना है ये इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि आपके पास कितना सामान है। लालच की आदत बच्चों को जिद्दी बनने पर भी मजबूर कर देती है।
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