बच्चों को जरूर सिखाये शिष्टाचार बनाये एक बेहतर नागरिक
बच्चों में सामाजिक शिष्टाचार की आदत डालना काफी जरुरी होता है। उन्हें बड़ों की रेस्पेक्ट कैसे करना है ये सिखाना पेरेंट्स के लिए एक बड़ा टास्क होता है।
पेरेंटिंग में काफी चीजों की रिक्वायरमेंट होती है। पेरेंट्स को जरुरत होती है अपने बच्चों में ये आदत डालने की जिससे वे बचपन से ही बड़ो की इज्जत करने की भावना आ जाए। उनमें ऐसी मैनर्स और शिष्टाचार डालने की जरुरत होती है। अपने से बड़ो की रेस्पेक्ट कैसे करनी है बच्चो को ये सिखाना भी पेरेंट्स के लिए एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है।
उन्हें रेस्पेक्ट करने के महत्व का एहसास करायें
अगर आप खुद इस शिष्टाचार के महत्व को अच्छे से नहीं समझेत है तो उन्हे सिखाना का कोई मतलब नहीं बनता है। क्योंकि कोई भी काम जब तक आप खुद नहीं करते है आप उसके महत्व को नहीं समझते हैं। हम सब एक सामाजिक प्राणी हैं और हम सबको शांति से लाईफ जीने के लिए प्यार और रेस्पेक्ट की जरुरत होती है। जब आप अपने बच्चों को ये स्किल सिखाते हैं तब इन बातों को दिमाग में रखना बहुत जरुरी है।
धैर्यवान रहें और प्यार करें
इस पूरे प्रॉसेस के दौरान आप धैर्यवान रहने की जरुरत है साथ ही इस दौरान आपको लविंग होना चाहिए। बिना शर्त प्यार करना एक अच्छी पेरेंटिंग के लिए बहुत जरुरी होता है। जब कोई भी शिष्टाचार आप उन्हें प्यार और धैर्य के साथ सिखायेंगे तो बच्चे उन्हें जल्दी सीखेंगे।
कंसिस्टेंट रहें
कोई भी आदत एक दिन में नहीं बन जाती। खासकर बच्चों को समय समय पर याद दिलाते रहना चाहिए कि उन्हे क्या और कैसे करना है। इसलिए जब भी आप उन्हें बड़ों की इज्जत करना सिखायें उन्हें हर वक्त किसी नए इंसान से मिलाते समय ये अवश्य याद दिलायें। इसेक कुछ समय बाद उनकी खुद ब खुद आदत बन जाएगी और उन्हें याद दिलाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
धैर्य के साथ उन्हें ऑब्जर्व करें
हर वक्त बच्चों को ये सिखाना कि उन्हें क्या और कैसे और कब करना है, उन्हें इरिटेट कर सकता है। अगर आप सही में उन्हें सिखाना चाहते हैं, उन्हें खुद के लिए कुछ समय दें। ऑब्जर्व करें कि वे आपकी बात सुन भी रहे हैं या नहीं। अघर आप पाते हैं कि वे आपकी सिखायी बातों पर अमल नहीं कर रहे हैं तो उनके साथ सख्ती से पेश आने के बजाय उन्हें प्यार से रिमाइंड करायें।
उन्हें अपने तरीके से सोशल होने का मौका दें
उन्हें ऐसी जगह लेकर जायें जहां वे बड़ों से इंटरैक्ट कर सकें। कभी कभी उनके कुछ व्यवहार आपको बता देंगे कि वे किस दिशा में प्रोग्रेस कर रहे हैं। आपका प्राइम फोकस इस बात पर होना चाहिए कि वे बड़ों के साथ कैसे पेश आ रहे हैं लेकिन इस बात पर भी ध्यान देना उतना ही जरुरी है कि वे दूसरे बच्चों के साथ कैसे पेश आ रहे हैं।
प्रोत्साहित करें
जब वे आपकी बात सुन रहे हों उन्हें हमेशा प्रोत्साहित करें। आपका ये व्यवहार उनमें पॉजीटीव उर्जा का संचार करने में मददगार साबित होगा और वे आपसे पॉजीटीव रियेक्शन पाने के लिए हमेशा अच्छा करने की कोशिश करेंगे।
उनके लिए एक उदाहरण बनें जिसे देखकर वे आपको फॉलो करें
बच्चों की आदत होती है किसी भी चीज की नकल उतारने की खास करके वे अपने पेरेंट्स की नकल जरुर उतारते हैं। वे इतने शार्प माइंडेड होते है कि आपकी गलतियों को भी बड़ी जल्दी से पकड़ लेते हैं। अगर आप उनके प्रेजेंस में किसी दूसरे के साथ बड़े रफली पेश आते हैं तो ये आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। खुद भी अच्छे बिहेवियर दिखाकर उनके सामने एक अच्छा उदाहरण सेट करें।
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