होली पर होने वाले खतरे से ऐसे दूर रखें बच्चों को, अपनायें ये टिप्स
होली सेलिब्रेशन का समय है। इस दौरान आपको बस इन बातों का ध्यान रखना है। तैयार करें अपने बच्चों को और खुल कर सेलिब्रेट करने दें उन्हें रंगों का ये त्यौहार।
होली में सबसे ज्यादा अगर कोई एक्साइटेड नजर आता है तो वो हैं बच्चे। होली शुरु होने के एक सप्ताह पहले से ही उनका उत्साह देखते ही बनता है। नई पिचकारियां खरीदने से लेकर खाने के सामानों तक उनका उत्साह चरम पर होता है। उन्हें इस मस्ती भरे त्यौहार का बेसब्री से इंतजार होता है। लेकिन इन सब खुशियों के अलावा इस त्यौहार के कई नुकसान भी हैं। त्यौहार के समय ही बच्चों के साथ कई ऐसे एक्सीडेंट हो जाते हैं जिससे उबर पाना कभी-कभी काफी मुश्किल हो जाता है। खैर परेशान होने की जरुरत नहीं है। यहां हम आपको बता रहे हैं आप उन्हें इस होली कैसे सेफ और सुरक्षित रख सकते हैं।
उन पर अपनी नजर बनाये रखें - जब बच्चे अपने फ्रेंड्स के साथ होली खेल रहे हों तो उन पर एक नजर बनाये रखें। ध्यान रखें कि वे बड़े बर्तन का इस्तेमाल ना करें। इससे उनके गिरकर इंजर्ड होने का खतरा बना रहता है।
नॉन-टॉक्सिक कलर का करें इस्तेमाल - नेचुरल कलर का करें इस्तेमाल। इसमें हानिकारक तत्वों के मिले होने की आशंका न के बराबर होती है। इसके अलावा ये बच्चों के स्किन से आसानी से छुड़ाया भी जा सकता है।
वॉटर बलून बैन करें- वॉटर बलून से बच्चे खुद को भी नुक्सान पहुंचा डालते हैं। वे एक दूसरे के उपर फेंक कर आंख, कान और फेस को डैमेज करने का खतरा मोल ले सकते हैं। इसके अलावा उन्हें पिचकारी एटिकेट्स भी सिखायें। जैसे कि उन्हें किस दिशा में और बॉडी के किन-किन पार्ट्स पर कलर नहीं लगाना है।
जेल वाले कलर प्रेफर करें- अगर आप सिंथेटिक कलर का इस्तेमाल करते हैं तो जेल कलर को प्राथमिकता दें। ये स्किन पर सॉफ्ट होता है साथ ही धोने में भी आसान होता है। इसके अलावा भी इसमें सांस के द्वारा अंदर लेने का भी खतरा कम रहता है।
कलर को मुंह से दूर रखें- ध्यान रखें कि वे कलर को मुंह में ना लेने पायें। क्योंकि केमिकल वाले कलर उनके बॉडी में रियेक्शन कर उन्हें नुक्सान पहुंचा सकते हैं। उन्हें उल्टियां और पॉइजनिंग भी शुरु हो सकती है। फुल स्लीव कपड़े पहनायें ताकि उनकी नाजुक त्वचा इसके संपर्क में ना आने पाये।
आंखों को रखें सुरक्षित- ज्यादा से ज्यादा पानी का इस्तेमाल करके आंखों से कलर को हटायें। इस दौरान आंखों को रगड़ें नहीं। अगर उनकी आंखों में कोई बदलाव नजर आता है तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।
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