दस सिंपल तरीके जो आपके बच्चे को कॉंफिडेंट बनाने के लिए काफी है
बच्चों को सेल्फ कॉंफिडेंट बनाना बहुत ही जरुरी होता है। इसके लिए आप कुछ सिंपल तरीकों को अपना सकते हैं।
अपने बच्चों को कॉंफिडेंट बनाने के लिए पेरेंट्स लाख तरीकेअपनाते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही तरीके कारगर साबित होते हैं। लेकिन सोचने वाली बात ये भी है कि पेरेंट्स अपने बच्चे की सेल्फ कॉंफिडेंस बिल्ड करने के लिए कितना समय दे पाते हैं।
उनके आइडिया पर कभी हंसें नहीं, चाहे वो कितना भी खराब क्यों ना हो
बड़ों की तरह, बच्चे भी चाहते हैं कि लोग उन्हें सीरीयसली लें। जब उन्हें ये फील होता है कि लोग उनका मजाक उड़ा रहे हैं तो वे गुस्सा हो जाते हैं। उनकी दुनिया को देखने की नजर हमसे अलग होती है।
कभी कभी उन्हें कंफर्ट जोन से बाहर रखें
कभी उन्हें टफ सिचुएशंस में भी डालें जिससे उनमें डिसीजन लेने की क्षमता बनती है। वे खुद मैच्योर बनते हैं कि किसी भी सिचुएशंस को किस प्रकार से हैंडल किया जा सकता है। उन्हें कभी कभी कंफर्ट जोन से बाहर भी रखें।
उन्हें म्युजिकल इन्स्ट्रुमेंट सीखने दें
उन्हें म्युजिकल इन्स्ट्रुमेंट सीखने के लिए प्रेरित करें जिससे उनका स्ट्रेस लेवल कम हो। ये न केवल उनका स्ट्रेस लेवल कम करता है बल्कि उनका सेल्फ एस्टीम भी बढ़ाता है।
उन्हें किचन में शामिल होने के लिए भी मोटिवेट करें
बच्चे खाना बनाने की अपेक्षा खाना खाने में ज्यादा इंट्रेस्ट रखते हैं। लेकिन एक बार उन्हें किचन में भी मौका देकर देखें। वे गलतिया करेंगे लेकिन काफी कुछ सीखेंगे भी।
उनकी सफलता को सेलिब्रेट भी करें
जरुरी नहीं है कि उनकी छोटी छोटी सफलता पर भी जश्न मनायें लेकिन जब वे कुछ बड़ी सफलता प्राप्त कर रहे हों ऐसे में वे अप्रीशियेशन डिजर्व करते हैं। उन्हें उनकी सफलता पर उन्हें शाबासी दें और उसका जश्न भी मनायें।
उन्हें आपसे भी कुछ सीखने का मौका दें
जरुरी नहीं है कि जो आपको आता है वो आपके बच्चे को भी आता हो। उन्हें उनके नॉलेज को व्यक्त करने की आजादी दें और उन्हें करेक्ट करते हुए उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ायें।
उनकी क्रियेटिविटी को बढ़ावा दें
बहुत सारे लोग सोचते हैं कि वे क्रियेटिव नहीं हैं क्योंकि उन्हें कभी उस दिशा में उत्साहित नहीं किया गया। अगर उनके सही क्रियेटिविटी को पहचान कर उन्हें सही दिशा में मोटिवेट किया जाए तो वे सही दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
आप भी अपने एक्शन में कॉंफिडेंस दिखायें
पेरेंट्स, बच्चों के लिए सबसे पहले रोल मॉडल होते हैं। ऐसे में ये जरुरी है कि जो हम बच्चों से चाह रहे हैं वो क्वालिटी पहले हममें खुद हो। अगर ऐसा नहीं है तो हम अपने बच्चों से कॉंफिडेंस की उम्मीद कैसे लगा सकते हैं।
उन्हें अइपने प्रॉब्लम पर खुल कर बात करने की आजादी दें
बार बार बच्चों को आंखें दिखाने की बजाए उनके साथ दोस्ताना व्यवहार रखें। उन्हें पास बैठाकर उनसे सलीके से बात करें और उन्हें उनके गुस्से का कारण पूछें साथ ही उन्हें पूछे कि उनकी क्या प्रॉब्लम है जो उन्हें परेशान कर रही है। ऐसे समय में उन्हें सुरक्षा की जरुरत महसूस होती है और एक पेरेंट्स ही हैं जो उन्हें सीक्योर फील करा सकते हैं।
उन्हें अपनी लाइफ में फेल भी होने दें
सफलता प्राप्त कर उसके साथ जश्न मनाना बहुत आसान है लेकिन असफलता से से सीख लेकर आगे बढ़ जाना थोड़ा मुश्किल होता है खास कर जब आप इस चीज के आदी नहीं होते हों। इससे आदी होने के लिए आपको इसके साथ समय समय पर एक्सपीरीयंस लेना पड़ेगा। जब आप उनके लिए कुछ करते हैं उससे ज्यादा इफेक्टिव होता है कि आप उन्हें कुछ सिखाते हैं जो उन्हें लॉंगटर्म एक सक्सेसफुल ह्युमन बीइंग बनाता है।
यह भी पढ़ें : खाने को लेकर बच्चों के टैंट्रम से हैं परेशान तो इन ट्रिक्स को आजमायेंं