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बच्चों के विकास के लिए जरूरी है पजल गेम्स

पजल्स और इसी प्रकार के दूसरे गेम बच्चे की ओवरऑल पर्सनैलिटी के विकस में काफी सहायक होता है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Wed, 15 Feb 2017 11:53 AM (IST)Updated: Thu, 16 Feb 2017 11:35 AM (IST)
बच्चों के विकास के लिए जरूरी है पजल गेम्स
बच्चों के विकास के लिए जरूरी है पजल गेम्स

बच्चों को खाली समय में उनके फेवरेट काम में व्यस्त और एक्टिव रखना हमेशा महत्वपूर्ण होता है वरना वे अक्सर टीवी पर कार्टून देखने और वीडियो गेम खेलने में ही व्यस्त रहेंगे। ये पेरेंट्स की जिम्मेदारी है कि वे किस तरह अपने बच्चों को उनके समय का सदुपयोग करना सिखाते हैं औऱ वे उन्हें कौन कौन से गेम खेलने पर जोर देते है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास दोनों के लिए फायदेमंद है। पजल्स सॉल्विंग गेम हमेशा फन से भरा और रोचक होता है यहां तक कि उससे एजुकेशनल बेनेफिट भी काफी हैं। आपको अपने बच्चे के जन्मदिन पर पजल्स भी मिलते होंगे लेकिन क्या आपने कभी सोचा है उन्हें पजल्स क्यों दिए जाते हैं।

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मनोवैज्ञानिक भी ये मानते हैं कि एक बच्चे का दिमाग पांच साल तक विकास करता है। और इस समय इनके दिमाग पर किसी भी बात का बड़ा गहरा प्रभाव पड़ता है। वे नई नई चीजों को जानने समझने और उनका एक्सपीरीयंस लेने के लिए अपने दिमाग का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करते हैं। ऐसे में पजल्स उनके लिए एक चाबी का काम करता हैं। बच्चे अक्सर शुरुआत आसान गेम और बोर्ड कटआउट वाले पजल्स से करते हैं। यहां से वे कुछ कठिन लेवल की तरफ बढ़ते हैं।

बच्चों को पजल्स से होने वाले तीन बड़े लाभ क्या हैं-
पजल्स हमेशा कुछ ब्राइट कलर और रोचक शेप्स के होते हैं। ये बच्चों के तीन प्राथमिक स्तर पर विकास के लिए मददगार होते हैं।

शारीरिक विकास
हाथों और आंखों का समन्वय
गेम खेलने के दौरान जब वे निरंतर अपने हाथों और आंखों का उपयोग करते हैं ऐसे में उनके आंखों और हाथों के बीच समन्वय बना रहता है। कट बोर्ड पजल्स को सुलझाने के दौरान वे लगातार अपनी आंखों के अनुसार अपने हाथों को एक्टिव रखते हैं जो इनके बीच संतुलन स्थापित करने में उनकी मदद करते हैं। मोटर चलाने वाले गेम में उनके हैंड मूवमेंट में विकास होता है। इससे उनके उंगलियों के मूवमेंट और हैंडराइटिंग में मदद मिलती है।

मानसिक विकास
प्रॉब्लम सॉल्विंग पजल्स से बच्चे लॉजिकल रुप से सोचना शुरु करते हैं। वे इसे सॉल्व करने के लिए अपने दिमाग का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करते हैं। ये उनके दिमागी विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है।
अलग अलग प्रकार के शेप्स को पहचानने में उन्हें मदद मिलती है जो उनके आगे के एजुकेशन के लिए बेनिफिशियल होता है।
इससे उनके मेमोरी का भी विकास होता है। वे गेम के दौरान कलर, साइज, शेप को याद रखते हैं।
इस दौरान वे एक गोल निर्धारित करते हैं और उसे पूरा करने के लिए उसी के इर्द गिर्द वे अपनी एक्टिविटी करते हैं। वे इसके लिए अपने स्तर पर प्लान भी बनाते हैं और फिर उसी के अनुरुप गेम में अपना अपना निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। यहीं से वे छोटे गोल को प्राप्त करके बड़े गोल की तरफ बढ़ने की सीख लेते हैं।

सामाजिक विकास
गेम और पजल्स के दौरान बच्चे टीम वर्क से भी कहीं ना कहीं वाकिफ होते हैं। अगर आप उन्हें उनके ग्रुप के साथ गेम खेलने की ट्रेनिंग देंगे तो वे इसमें टीम वर्क का महत्व भी सीख पायेंगे।
जूनून
पजल्स के दौरान बच्चों में ये भावना आ जाती है कि जब तक वे अपने गेम को कंप्लीट नहीं कर लेते हैं वे उसमें लगे रहते हैं। जब एक बार वे सॉल्व कर लेते हैं इसके बाद वे खुद पर काफी प्राउड फील करते हैं और उनमें सेल्फ एस्टीम का भी विकास होता है।


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