प्रीमैच्योर बेबी का स्लीपिंग पैटर्न- जरुर ध्यान रखें इन बातों का
प्रीमैच्योर बेबी को लेकर पेरेंट्स कुछ ज्यादा केयरफुल रहते हैं लेकिन बावजूद इसके कुछ चीजें हैं जिनेक बारे में अक्सर वे जागरुक नहीं होते हैं। क्या हैं ये-
प्रीमैच्योर बेबी होने पर कई सावधानियां बरतनी पड़ती है। समय से पहले जन्म ले लेने पर उन्हें अन्य नॉर्मल बच्चों की अपेक्षा एक्स्ट्रा केयर की जरुरत पड़ती है। उनके नींद से लेकर ओवरऑल स्वास्थ्य को लेकर काफी केयरफुल रहना पड़ता है। बहुत सारे पेरेंट्स ऐसे बच्चों के केयर को लेकर अनअवेयर रहते हैं कि उनकी देखभाल कैसे करनी है। ऐसे बेबी को कितने नींद की आवश्यकता पड़ती है ये भी एक बहुत बड़ा इश्यु है जिसके बारे में बहुत से लोगों को पता नहीं होता है। यहां हम आपको बता रहे हैं प्रीमैच्योर बेबी के स्लीपिंग पैटर्न के बारे में, उन्हें लेकर कौन-कौन सी बातें ध्यान में रखनी चाहिए।
एक बार समय पूरा कर लेने पर वे नॉर्मल स्लीपिंग में आ जाते हैं
क्या प्रीमैच्योर बेबी अन्य बेबी की अपेक्षा ज्यादा नींद लेते हैं। हां, क्योंकि वे अन्य दूसरे बच्चों के कंपेयर में प्रेगनेंसी टर्म के अनुसार कुछ समय पहले ही इस दुनिया में आ जाते हैं। वे कुछ-कुछ समय के लिए ही स्लीपिंग मोड में जाते हैं लेकिन ऐसा वे बार बार करते हैं। वे कुछ समय के लिए जागते हैं और फिर से सो जाते हैं। एक बार वे प्रेगनेंसी टर्म के अनुसार समय पूरा कर लेते हैं फिर वे अपने नॉर्मल स्लीपिंग में आ जाते हैं।
रात के समय उन्हें ज्यादा फीडिंग की जरुरत होती है
उन्हें रात के समय ज्यादा पोषण की जरुरत पड़ती है। ऐसे बच्चों के पहले कुछ महीनों में हर तीन घंटे में खाने की जरुरत पड़ती है। इससे उनमें डिहाइड्रेशन का खतरा कम हो जाता है।
ऐसे बच्चों को पीठ के बल सोने देना चाहिए ना कि पेट के बल
अन्य बच्चों के जैसे ही प्रीमैच्योर बेबी को भी पीठ के बल सोने की आदत लगानी चाहिए। ये ध्यान रखें कि उनका बिस्तर काफी कोमल और आरामदायक हो। उनके बेड से सारे खिलौने, तकिये और ब्लैंकेट हटा कर रखें। कभी कभी इस तरह की हरकतों से प्रीमैच्योर बेबी की डेथ भी हो जाती है।
अपने कमरे में ही लेकिन उन्हें अलग बेड पर सुलायें
पहले कुछ महीनों के लिए उनके लिए वही कमरा सबसे सुरक्षित होता है जहां उनके पेरेंट्स का कमरा होता है। उन्हें अपने साथ बड़े बेड पर सुलाने की बजाए उनके लिए अलग से तैयार किये गए बेड पर सुलायें। समय-समय पर उन्हें चेक करते रहें। उनका बेड बिल्कुल अपने बेड के पास ही रखें ताकि रात के समय में उसे किसी भी तरह की परेशानी हो तो आप फौरन उसके लिए मौजूद हों।
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