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क्या आपको पता है आपका बेबी खुली आंखों में क्यों सोता है

खुली आंखों में सोना छोटे बच्चों में आम बात है। लेकिन कभी-कभी लंबे समय तक ये आदत पेरेंट्स को परेशान कर देती है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 11 Feb 2017 02:54 PM (IST)Updated: Sat, 11 Feb 2017 03:48 PM (IST)
क्या आपको पता है आपका बेबी खुली आंखों में क्यों सोता है
क्या आपको पता है आपका बेबी खुली आंखों में क्यों सोता है

एक नई मां होने के नाते आप जरुर इस बात से इत्तफाक रखते होंगे। घर में नए मेहमान के आने से सभी बहुत खुश होते हैं। आपका पूरा समय उसका खयाल करने और उसके लिए कुछ बेस्ट प्लान करने में ही बीतता है। तो इस लिहाज से आपका उस नए बेबी के लिए कॉंशस होना और परेशान होना लाजिमी है।
बहुत सारी मांओं की शिकायत उनके बच्चों के स्लीपिंग पैटर्न को लेकर होती है। उनमें से बहुतों की शिकायत तो ये होती है कि उनके बच्चे खुली आंखों में सोते हैं। लेकिन आपको इस बारे में कुछ पता नहीं होता है और आप कुछ कर नहीं पाते हैं।
लेकिन बच्चे अपनी पूरी आंखें खुली करके सोते हैं, क्या आपको इसके पीछे के कारण पता हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं ऐसा क्यों होता है और इसे दूर करने के क्या टिप्स हैं।
अनुवांशिकता

शोध की मानें तो बच्चों में खुली आंखों में सोने की आदत ज्यादातर उनके परिवार से आती है। ये अनुवांशिक होता है। अगर पेरेंट्स में से किसी एक को भी ये आदत है तो यो श्योर है कि बच्चे में वो आदत आ ही जाएगी।
मेडिकल कंडीशन
दूसरा कारण ज्यादा पॉप्युलर नहीं है लेकिन फिर भी ये काफी बच्चों में पाया जाता है। कुछ डॉक्टर्स कहते हैं कि चेहरे के कुछ नसों में डैमेज की प्रॉब्लम हो जाने से बच्चों में ये आदत लग जाती है। अगर बच्चा इसी तरह से लंबे समय तक सो रहा है तो डॉक्टर्स से चेकअप जरुर करायें।
एक्सपर्ट्स का मानन है कि ये काफी हद तक सामान्य सी बात है इसलिए इसमें ज्यादा परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है।
ऐसे बच्चों का कैसे देखभाल करें
-जब वे ऐसे सो रहे हों तो धीरे से उनकी पलकों को गिराने की कोशिश करें जब तक उनकी आंखें पूरी तरह से बंद ना हो जाए।
-ऐसा तब ही करें जब आप श्योंर हो जाएं कि वे पूरी तरह से नींद के आगोश में जा चुके हैं।
अगर अपने जन्म के अगले 18 महीनों तक वे अगर इसी पैटर्न में सोते हैं तो उन्हें चाइल्ड स्पेशियलिस्ट के पास लेकर जाएं।
-जब तक ये आदत आपको ज्यादा परेशान न करे आप उन्हें स्ट्रेस ना दें और ना ही लें।
-18 महीने होने तक उनमें ये समस्या आम होती है जिससे कोई खतरा नहीं है। इस दौरान औसतन बच्चे इसी प्रकार सोते हैं औऱ वे इसी तरह से सूकून की नींद सोते हैं।
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