खाने को लेकर बच्चों के टैंट्रम से हैं परेशान तो इन ट्रिक्स को आजमायेंं
खाने के मामले में बच्चों का टैंट्रम कॉमन है। ऐसे में कौन से तरीके अपनायें कि खाने की तरफ उनका रुझान भी बढ़े और बराबर मात्रा में उन्हें प्रोटीन भी मिलता रहे।
फैमिली मील हमेशा फैमिली मेंबर्स को एक दूसरे से बॉंडिंग बनाये रखने में कारगर होता है, लेकिन बच्चों के मामले में ये थोड़ा टफ हो जाता है क्योंकि खाने के मामले में बच्चे कुछ ज्यादा ही टैंट्रम दिखाते हैं। ऐसे में कुछ ऐसा करें कि उनका मील उनके लिए ना ही सिर्फ न्युट्रीशन से भरपूर हो बल्कि टेस्टी भी हो, जो वे वास्तव में चाव से और अपनी मर्जी से खा सकें।
प्रॉपर न्युट्रीशन में सब्जियां और फल मुख्य रूप से शामिल होते हैं। DHA एक ओमेगा-3 फैटी एसिड है जो बच्चे के दिमागी विकास के लिए फायदेमंद होता है।
डॉक्टर्स के अनुसार 85 पर्सेंट दिमाग का विकास बच्चे के पहले तीन सालों में ही हो जाता है, लेकिन जैसे-जैसे उन्हें सॉलिड खाने की जरुरत पड़ती है उन्हें ज्यादा सप्लीमेंट्स और न्युट्रीशंस की जरूरत महसूस होती है।
बच्चे का न्युट्रिशन मील इम्प्रूव करने के लिए यहां कुछ प्वॉइंट्स दिये जा रहे हैं।
DHA स्रोत
DHA स्रोत वाली मील का इस्तेमाल अपनी फैमिली के लिए करें। इसके लिए आप अपनी फैमिली की मील लिस्ट में फिश, पास्ता और मिल्क जैसी चीजों को शामिल कर सकते हैं। ये कुछ ऐसी चीजेे हैं जो सभी बच्चों को पसंद आती हैं।
डेयरी प्रोडक्ट
-बच्चों को अपने मजबूत हड्डियों, मसल्स और दांंतों के लिए दो या तीन डेयरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल एक दिन में करना चाहिए। मिल्क, योगर्ट कॉमन बच्चों के फेवरेट होते है, लेकिन फोर्टिफाइड ऑरेंज जूस भी अपनाया जा सकता है।
प्रोटीन पर कॉन्सन्ट्रेट करें
-बहुत सारे बच्चों को टिपिकल प्रोटीन से भरपूर मील पसंद नहीं आता है। अंडे, फिश और मीट की जगह कुछ अलग प्रोटीन सोर्स जैसे सोया प्रोडक्ट्स और बीन प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें।
हेल्दी हैबिट्स सिखायें
-बच्चों को खाने की मात्रा बढ़ाने से बेहतर है कि उन्हें न्युट्रीशनल और हेल्दी खाने की आदत लगवायें। प्रॉपर रुटीन उनके लिए लाइफटाइम के लिए मददगार साबित होगा।
मिक्स इट अप
उन्हें स्टैंडर्ड मील देने की जगह वैराइटी दें, जिससे वे अपनी मनपसंद की चीजों को सेलेक्ट कर सकें। बच्चों को किसी भी बात के रेसिस्ट ना करें। उनके लिए प्रेफरेंस डेवलप करने में समय लगता है।