आइडिया से करें स्टार्ट-अप का आगाज!
देश और दुनिया में इन दिनों स्टार्ट-अप्स की धमक देखी-महसूस की जा रही है। इन सबके पीछे है कुछ अलग करने की धुन रखने वाले युवाओं का टैलेंट, जो बंधी-बंधाई नौकरी की बजाय अपने मन के काम में पहचान और पैसा बनाना चाहते हैं।
देश और दुनिया में इन दिनों स्टार्ट-अप्स की धमक देखी-महसूस की जा रही है। इन सबके पीछे है कुछ अलग करने की धुन रखने वाले युवाओं का टैलेंट, जो बंधी-बंधाई नौकरी की बजाय अपने मन के काम में पहचान और पैसा बनाना चाहते हैं। हम सबने देखा है कि कैसे फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और अन्य स्टार्ट-अप कंपनियों ने कुछ ही सालों में अपनी कामयाबी से स्थापित कॉरपोरेट घरानों को भी हैरान कर दिया। इन घरानों को जहां अपने बिजनेस को बुलंदियों तक पहुंचाने में दशकों से भी ज्यादा का समय लगा, वहीं स्टार्ट-अप कंपनियां चंद वर्षों में ही यह ऊंचाई छूने लगी हैं। हालांकि सभी के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता, लेकिन ज्यादातर स्टार्ट-अप्स की कामयाबी युवाओं को आगे आने के लिए प्रेरित कर रही हैं। आइआइएम, आइआइटी, एनआइटी या इनके समकक्ष संस्थानों से निकलने वाले अधिकतर युवाओं को बड़ी कंपनियों में बेहतर पैकेज आसानी से मिल जाता रहा है, पर अब इनमें से तमाम नौकरी की राह पर चलने की बजाय खुद के काम को अंजाम देना चाहते हैं। जो नौकरी ज्वाइन कर भी रहे हैं, उनमें से भी कई कुछ साल बाद अनुभव और पैसा जुटाकर अपनी पसंद का काम शुरू करने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। इसके पीछे उनका कोई न कोई जोरदार आइडिया होता है।
हालांकि ऐसा नहीं है कि आइडिया रखने वाला हर इंसान स्टार्ट-अप शुरू कर सकता है। हो सकता है कि आपके पास तमाम आइडिया हों और आप इसे लेकर उत्साहित भी बहुत हों, लेकिन मन ही मन खुश होने और सपने देखने से कभी कामयाबी की सीढिय़ां नहीं चढ़ी जा सकतीं। आइडिया को अमली जामा पहनाने के लिए उससे जुड़ी तमाम बातों पर ध्यान देना होता है। सिर्फ आइडिया लेकर ही आप पैसे नहीं कमा सकते। आपको उसे बेचना भी आना चाहिए। अगर आप खुद उस पर काम करना चाहते हैं, तो उसके लिए धन जुटाने से लेकर, टीम बनाने और मार्केटिंग स्ट्रेटेजी तक पर धैर्य के साथ कारगर योजना बनानी होगी। हर पहलू पर व्यावहारिक नजरिया आपको कामयाबी की ओर ले जा सकता है। हां, हो सकता है कि आप जैसा सोच रहे हों, वैसा रिस्पॉन्स न मिले। ऐसे में घबराने या हताश होने की बजाय पीछे मुड़कर अपने प्रयासों की एनालिसिस करें कि आखिर कमी कहां रह गई? कमजोरियों-कमियों को समय रहते दूर करें और फिर कोशिश करें। हां, अगर आप दूसरों की मदद चाहते हैं, तो अपने आइडिया से दूसरों को कनविंस करें। आप और आपकी योजना से प्रभावित होने और उसमें स्कोप होने की उम्मीद दिखने पर ही कोई भी पैसा लगाने की पहल करेगा। यह शिकायत कभी न करें कि मेरे पास आइडिया तो है, पर कोई पैसा देने या लगाने को तैयार नहीं है। अगर आपको लगता है कि आपके पास दमदार आइडिया है, तब भी अतिशय उत्साहित होने की बजाय उस पर व्यावहारिक नजरिए के साथ आगे बढ़ें। असफलता से न डरें। उससे सीखें। कमियों को दूर कर कामयाबी की ओर बढ़ें...।
संपादक
दिलीप अवस्थी