आर्टस में ऑप्शन अनलिमिटेड
10+2 का एग्जाम खत्म हो चुका है। क्या आपने सोचा है कि आगे किस स्ट्रीम में जाना है - साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स या फिर कुछ और। पिछले अंक में हमने साइंस स्ट्रीम में ऑप्शंस के बारे में जानकारी दी थी। इस सीरीज में हम आर्ट्स स्ट्रीम के बारे में जानेंगे और आपको बताएंगे कि क्यों यह स्ट्रीम भी हॉट होती जा रही है.. पिछले कुछ दशकों में ए
10+2 का एग्जाम खत्म हो चुका है। क्या आपने सोचा है कि आगे किस स्ट्रीम में जाना है - साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स या फिर कुछ और। पिछले अंक में हमने साइंस स्ट्रीम में ऑप्शंस के बारे में जानकारी दी थी। इस सीरीज में हम आर्ट्स स्ट्रीम के बारे में जानेंगे और आपको बताएंगे कि क्यों यह स्ट्रीम भी हॉट होती जा रही है..
पिछले कुछ दशकों में एक दौर ऐसा भी आया था, जब स्टूडेंट्स जॉब मार्केट की स्थिति को देख कर यह सोचने लगे थे कि साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम में ही सक्सेसफुल करियर बनाया जा सकता है, लेकिन आज आर्ट्स सब्जेक्ट में भी करियर के भरपूर ऑप्शंस हैं। आपको बता दें कि आर्ट्स के स्टूडेंट्स सिविल सर्विसेज, रेलवे, बैंकिंग, टीचिंग, लॉ, बीपीओ सहित अन्य सेक्टर्स में भी शानदार करियर बना सकते हैं। इस स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए इकोनॉमिक्स, हिंदी, अंग्रेजी, सोशियोलॉजी, साइकोलॉजी, हिस्ट्री, ज्योग्राफी, फिलॉसफी जैसे सब्जेक्ट्स पहले से ही हॉट रहे हैं। आइए जानें 10+2 के बाद आर्ट्स स्ट्रीम का कौन-सा कोर्स आपके फ्यूचर को ब्राइट बना सकता है..
लॉ : ब्राइट है फ्यूचर
10+2 के बाद आर्ट्स स्टूडेंट्स के लिए लॉ पसंदीदा स्ट्रीम है। बारहवीं के बाद पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स या फिर ग्रेजुएशन के बाद तीन वर्षीय एलएलबी कोर्स में एडमिशन लिया जा सकता है। देश के टॉप 14 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज में कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट यानी क्लैट के माध्यम से एंट्री ले सकते हैं। इसके अलावा कई लॉ इंस्टीट्यूट्स में लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट, सिंबॉयोसिस सेंटर फॉर इंफॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी, यूएलएसएटी आदि एंट्रेंस टेस्ट के जरिए एडमिशन लिया जा सकता है। कोर्स के दौरान अपने इंट्रेस्ट के हिसाब से स्टूडेंट्स सिविल लॉ, क्रिमिनल लॉ, कॉरपोरेट लॉ, टैक्सेशन लॉ, लेबर लॉ, स्पेस लॉ, साइबर लॉ, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट, इंटरनेशनल लॉ, ह्यूमन राइट्स लॉ आदि में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। एलएलबी के बाद आप चाहें, तो पोस्टग्रेजुएट कोर्स यानी एलएलएम भी कर सकते हैं। वैसे, लॉ स्टूडेंट्स के लिए एलपीओ भी करियर का बेहतरीन प्लेटफॉर्म है।
मैनेजमेंट : बनें बिजनेस गुरु
आमतौर पर स्टूडेंट्स में यह धारणा रहती है कि बीबीए या एमबीए जैसे कोर्स कॉमर्स बैकग्राउंड वालों के लिए ही हैं, लेकिन 10+2 आर्ट्स के स्टूडेंट्स भी बीबीए यानी बैचलर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, बीबीएम यानी बैचलर इन बिजनेस मैनेजमेंट और बैचलर इन बिजनेस स्टडीज में एडमिशन लेकर बिजनेस गुरु बन सकते हैं। ये तीन वर्षीय कोर्स हैं। कुछ यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट्स को सीधे एंट्री मिल जाती है, तो कुछ में एंट्रेंस टेस्ट के जरिए एडमिशन दिया जाता है। कोर्स कंप्लीट करने के बाद करियर ग्रोथ के लिए मैनेजमेंट में डिप्लोमा या फिर एमबीए भी कर सकते हैं। इसमें कुछ स्पेशलाइज्ड फील्ड भी हैं, जैसे-फाइनेंस, इकोनॉमिक्स, एकाउंटिंग, सेल्स ऐंड मार्केटिंग, क्वांटिटेटिव एनालिसिस, प्रोडक्शन ऐंड ऑपरेशन, ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट, सप्लाई चेन, प्रोडक्ट रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट, मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम आदि। बैचलर डिग्री के बाद एमबीए के टॉप इंस्टीट्यूट्स में एडमिशन के लिए मैट, कैट, एक्सएटी जैसे एग्जाम से गुजरना होगा। इस फील्ड में प्राइवेट सेक्टर्स के साथ-साथ गवर्नमेंट सेक्टर में भी शानदार करियर बना सकते हैं।
जर्नलिच्म : दिखाएं समाज को मशाल
10+2 ऑर्ट्स के स्टूडेंट्स के लिए जर्नलिज्म हॉट कोर्स के रूप में उभरा है। आप बैचलर्स इन जर्नलिच्म में एडमिशन ले सकते हैं। यह तीन वर्षीय प्रोग्राम है। कुछ इंस्टीट्यूट बारहवीं के बाद जर्नलिच्म में एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स भी कराते हैं। इसमें रिपोर्टिग, राइटिंग, एडिटिंग, फोटोग्राफी, ब्रॉडकास्टिंग आदि के बारे में सिखाया जाता है। बैचलर इन जर्नलिज्म के बाद एक वर्ष का पीजी डिप्लोमा या फिर मास्टर ऑफ जर्नलिज्म किया जा सकता है। खास बात यह है कि मास कम्युनिकेशन से संबंधित कोर्स करने के बाद आप जर्नलिस्ट के अलावा, पब्लिक रिलेशन ऑफिसर, कंटेंट राइटर, वेब कंटेंट राइटर आदि बन सकते हैं।
इंश्योरेंस : सिक्योर करियर
10+2 के बाद सिक्योर करियर की तलाश में हैं, तो इंश्योरेंस से रिलेटेड कोर्स कर सकते हैं। आप चाहें, तो 12वीं के बाद बीए (इंश्योरेंस) में एडमिशन ले सकते हैं, जिसकी अवधि तीन वर्ष है। इसके अलावा इस फील्ड में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट से लेकर डिग्री और मास्टर डिग्री कोर्स भी उपलब्ध हैं। कोर्स कंप्लीट करने के बाद इंश्योरेंस सेक्टर में करियर बनाने का रास्ता खुल जाता है।
वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी :
कैमरे में नेचर
फोटोग्राफी कम्युनिकेशन का ऐसा माध्यम है, जिसमें भाषा या शब्दों की जरूरत नहीं होती है। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी ऐसा ही फील्ड है, जहां एक तरफ जंगल का रोमांच है, तो वहीं दूसरी तरफ खतरे भी कम नहीं हैं। 12वीं आर्ट्स के बाद इस क्षेत्र में एंट्री की जा सकती है। देश में कई सरकारी और निजी संस्थान फोटोग्राफी का कोर्स कराते हैं। बीए इन फोटोग्राफी के अलावा, सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं। एक अच्छा फोटोग्राफर बनने के लिए फोटोग्राफी की बेसिक नॉलेज बेहद जरूरी है।
फैशन कम्युनिकेशन : राइट ऑप्शन
फॉरेन और डोमेस्टिक ब्रांड की बढ़ती संख्या के कारण फैशन कम्युनिकेशन प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ गई है। 12वीं के बाद फैशन कम्युनिकेशन कोर्स में एंट्री ले सकते हैं। कई संस्थानों में एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर होता है। इस कोर्स में बेसिक्स ऑफ डिजाइन, टेक्निकल ड्रॉइंग, फैशन स्टडीज, प्रिंसिपल ऑफ मार्केटिंग, फैशन स्टाइल, फैशन जर्नलिच्म और पोर्टफोलियो डेवलपमेंट के बारे में जानकारी दी जाती है। कोर्स कंप्लीट करने के बाद स्टूडेंट मार्केटिंग, मैनेजमेंट, एंटरप्रेन्योरशिप, ब्रॉडकास्ट प्रोडक्शन, फैशन जर्नलिच्म, विजुअल मर्चेडाइजिंग आदि फील्ड में करियर बना सकते हैं।
म्यूजिक : जबरदस्त है क्रेज
म्यूजिक भी अब हॉट कोर्स के रूप में उभर रहा है। कलर्स, सोनी, स्टार और जी जैसे टीवी चैनल्स पर हो रहे म्यूजिकल टैलेंट हंट शो के कारण इस फील्ड के प्रति स्टूडेंट्स का क्रेज देखते ही बनता है। 12वीं करने के बाद आप बीए इन म्यूजिक और इससे रिलेटेड डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स में एंट्री ले सकते हैं।?इस फील्ड में सिंगिंग के अलावा, रिकॉर्डिग टेक्नीशियन, म्यूजिक थेरेपी, प्रोडक्शन, प्रमोशन, मैनेजमेंट के साथ-साथ लाइव परफॉर्मेस के क्षेत्र में भी करियर की तलाश कर सकते हैं।
छू सकते हैं नई ऊंचाइयां
आज आर्ट्स स्ट्रीम में भी चमकदार करियर बनाया जा सकता है। एजुकेशन, बैंकिंग, इंश्योरेंस, लॉ, एंटरटेनमेंट जैसे सभी सेक्टर्स में ऑर्ट्स स्टूडेंट्स ने करियर की नई ऊंचाइयों को छुआ है।?स्टूडेंट्स बैचलर इन एलीमेंट्री एजुकेशन और जियोग्राफी की पढ़ाई कर इंफॉर्मेशन सिस्टम और मैप आर्ट्स में आगे बढ़ सकते हैं। टीचिंग या टाउन ऐंड अर्बन प्लानिंग के क्षेत्र में भी नाम कमा सकते हैं। कुछ एरिया में जॉब्स के लिए बैचलर के बाद पोस्ट ग्रेजुएट लेवल पर स्पेशलाइजेशन भी जरूरी है।?हालांकि स्पेशलाइजेशन का इस बात से कोई फर्क नहीं पडता कि बैचलर लेवल पर आपने क्या पढ़ा है।
परवीन मल्होत्रा
करियर काउंसलर
ऑप्शंस और भी हैं..
-बैचलर इन फैशन डिजाइनिंग
-बीए प्रोग्राम विद फंक्शनल हिंदी
-बीए अपैरल डिजाइन ऐंड मर्चेडाइजिंग
-एडवांस डिप्लोमा इन एनिमेशन
-एडवांस डिप्लोमा इन फैशन डिजाइनिंग
-एडवांस डिप्लोमा इन इंटीरियर डिजाइनिंग
-एडवांस डिप्लोमा इन मल्टीमीडिया
-एडवांस डिप्लोमा इन 3डी एनिमेशन
-डिप्लोमा इन एयर होस्टेज
-डिप्लोमा इन सोशल वेलफेयर
-डिप्लोमा इन एडवरटाइजिंग
-डिप्लोमा इन प्रमोशन एंड सेल्स मैनेजमेंट
-डिप्लोमा इन रेडियो जॉकी
टॉप आर्ट्स कॉलेज
-स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली
http://ststephens.edu
-लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन, दिल्ली
http://lsr.edu.in
-लोयॉला कॉलेज, चेन्नई
http://lo4olacollege.edu
-सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई
http://3a1iers.edu/main
-मिरांडा हाउस, दिल्ली
http://mirandahouse.ac.in
-मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज, चेन्नई
http://mcc.edu.in
-श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली
http://srcc.edu
-फग्र्युसन कॉलेज, पुणे
http://fergusson.edu
-हिंदू कॉलेज, दिल्ली
http://hinducollege.org
-क्राइस्ट कॉलेज, बेंगलुरु
http://christuni1ersit4.in