डेवलप रेडी टु रन कैपेबिलिटी
सक्सेस के लिए स्टूडेंट्स को क्रिएटिव और इनोवेटिव अप्रोच अपनानी होगा। यह कहना है दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. पी.बी. शर्मा का
एजुकेशन से प्रोग्रेस
आज कंट्री ने जो ग्रोथ की है, उसके पीछे हमारी एजुकेशन ही है। सन 1950 में हम हर फील्ड में बाकी देशों से बहुत पीछे थे। कारण सिर्फ एक था कि अपने यहां केवल 30 यूनिवर्सिटी और लगभग 700 कॉलेज ही थे। धीरे-धीरे एजुकेशन पैटर्न की ओर ध्यान देना शुरू किया गया और रिजल्ट के रूप में आज हमारे सामने 635 यूनिवर्सिटीज एवं लगभग 35,500 कॉलेज हैं। स्टूडेंट इनका बेनिफिट उठाएं और अच्छी एजुकेशन लेकर जॉब की फील्ड में एंट्री करें।
इंप्रूव क्वॉलिटी
हमारे यूथ्स कंट्री को टेक्निकल फील्ड में चीन और जापान के बराबर लाकर खडा कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए हमें अपनी टेक्निकल एजुकेशन क्वॉलिटी को इंप्रूव करना होगा। हमारा मेन फोकस प्रॉफिट से ज्यादा क्वॉलिटी पर होना चाहिए। अच्छी बात यह है कि कंट्री में कई इंस्टीट्यूट्स इसी मोटिव के साथ एजुकेशन सेक्टर में काम करते हुए आगे बढ रहे हैं।
फोकस ऑन टेक्निकल फील्ड
हमने टेक्नोलॉजी की फील्ड में काफी ग्रोथ की है। इससे रिलेटेड हर सेक्टर में आगे भी बढ रहे हैं। टेक्निकल एजुकेशन पर ध्यान भी काफी दिया जा रहा है और स्टूडेंट्स का रुझान भी इस ओर है। 1990 में जहां केवल 66,600 के करीब स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग की एजुकेशन ले रहे थे, वहीं आज तकरीबन 22 लाख स्टूडेंट्स इसमें एजुकेशन हासिल कर रहे हैं। इतनी बडी संख्या सिर्फ इसलिए है कि इसमें स्कोप और फ्यूृचर है, लेकिन यह उन्हीं लोगों के लिए है, जिनके पास फील्ड की नॉलेज और उससे रिलेटेड टैलेंट है।
इनोवेटिव अप्रोच
फील्ड इंजीनियरिंग की हो या फिर कोई और, स्टूडेंट को सक्सेस के लिए क्रिएटिविटी और इनोवेटिव अप्रोच अपनानी होगी। जब तक आपमें यह नहीं आएगी, तब तक सक्सेस से आप दूर ही रहेंगे। आगे बढना है, तो कुछ तो नया करना ही पडेगा। किसी भी फील्ड में हों, प्रोग्रेसिव अप्रोच रखें। शुरुआत में मिलने वाली छोटी-छोटी सक्सेस ही आगे बडी अचीवमेंट दिलाती हैं। इस बात को कभी न भूलें।
रेस्पॉन्सिबिलिटी फॉर नेशन
मेरे हिसाब से अच्छी क्वॉलिफिकेशन का बेटर रिजल्ट तभी सामने आ सकता है, जब हम अपनी नॉलेज से सोसायटी की मेजर प्रॉब्लम्स को न केवल समझें, बल्कि उन्हें सॉल्व करने की भी हमेशा कोशिश करते रहें। आखिर नेशन के प्रति हमारी भी तो कोई जिम्मेदारी बनती है। भला इसमें पीछे क्यों रहें? सभी स्टूडेंट्स इस बात को समझें। नेशन से बडा हमारे लिए कोई नहीं है। फील्ड चाहे कोई भी हो, लक्ष्य नेशन का डेवलपमेंट ही होना चाहिए।
रेडी-टु-रन अप्रोच
आज इंडस्ट्री को रेडी-टु-रन प्रोफेशनल्स चाहिए। जिनके पास यह कैपेबिलिटी है, वे तेजी से ग्रोथ करते जाएंगे। इस तरह की क्वॉलिटी के लिए स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री से रिलेटेड स्किल्स को डेवलप करना होगा। इंस्टीट्यूट्स भी इसमें मेजर रोल अदा कर सकते हैं। इंडियन गवर्नमेंट ने इस दिशा में सार्थक कदम उठाते हुए नेशनल स्किल मिशन की शुरुआत की है। इसके अच्छे रिजल्ट निश्चित रूप से सामने आएंगे।
समझें इंपॉर्टेस
इंजीनियरिंग सेक्टर में कंट्री का फ्यूचर ब्राइट है। हालांकि हमें एडवांस टेक्नोलॉजी का पूरा उपयोग इसकी एजुकेशन क्वॉलिटी को इंप्रूव करने के लिए करना होगा। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि इंजीनियरिंग की एजुकेशन ले रहे या लेने जा रहे स्टूडेंट्स को इसकी इंपॉर्टेस समझनी होगी। स्टूडेंट्स यह भी जानें कि अपनी टेक्निकल एजुकेशन से वे बहुत सी प्रॉब्लम्स को सॉल्व कर सकते हैं।
इंटरैक्शन : शरद अग्निहोत्री