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अग्रीमेंट विद रूममेट

नए शहर के पीजी या हॉस्टल में स्ट्रेंजर्स के साथ एक रूम शेयर करना ईजी नहींहोता। जब सवाल पॉकेट के साथ करियर का हो, तो अच्छी क्वॉलिटीज वाला रूममेट मिल जाए, फिर कहना ही क्या..

By Edited By: Published: Wed, 14 Aug 2013 10:47 AM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2013 12:00 AM (IST)
अग्रीमेंट विद रूममेट

एजुकेशन के लिए स्टूडेंट्स का दूसरी सिटीज में माइग्रेट करना बेहद कॉमन हो गया है। यहां एकोमोडेशन के लिए कॉलेज हॉस्टल, पीजी या रूम ऑन रेंट ही ऑप्शन होता है। एक रूम में एडजस्ट करना होता है, इसलिए हर कोई अपने रूममेट से कुछ एक्सपेक्ट करता है। रूम पार्टनर अगर फ्रेंडली और को-ऑपरेटिव नेचर का हो, तो हमारी बहुत सी प्रॉब्लम्स पहले ही दूर हो जाती हैं। एक अच्छा रूममेट स्टडी में तो हेल्प कर सकता है, साथ ही हमारा लाइफ टाइम फ्रेंड भी बन सकता है। प्रॉब्लम यह है कि सभी को अच्छा रूममेट चाहिए, लेकिन उसकी क्वॉलिटीज कोई डेवलप नहीं करना चाहता। क्योंकि अच्छा रूममेट बनना ईजी नहीं होता।

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गिव टाइम टु एडजस्ट

कहते हैं कि रिलेशन उसी से बेटर रह सकता है, जिनसे हमारा माइंड सेट मैच करता है। आखिर रिलेशन की शुरुआत भी वाइब्स के मिलने से ही होती है। जब हम रूम लेते हैं, तो कुछ दिनों तक रूममेट को समझने में लग जाता है। उसकी हैबिट्स और मैनर्स एक बार जान लेते हैं, तो फिर प्रॉब्लम नहींरहती। फिर भी थोडे बहुत डिफरेंसेज रह जाएं, तो कुछ तुम बदलो, कुछ हम, के फॉर्मूले को फॉलो करके फ्रेंडली माहौल बनाया जा सकता है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि एक-दूसरे को सेटल होना का पूरा टाइम दें।

नो कंप्रोमाइज फ्रॉम बैड हैबिट्स

रूममेट को लेकर होने वाली कई प्रॉब्लम्स को हम अवॉइड कर देते हैं, लेकिन कुछ चीजों से कंप्रोमाइज नहीं करना चाहिए। अगर रूम पार्टनर गलत संगत में अल्कोहल, स्मोकिंग आदि करने लगे, तो उससे डिस्टेंस बना लें। क्योंकि खुद के साथ वह आपका करियर भी स्पॉयल कर सकता है।

परमिशन लेकर शेयरिंग

एक फ्रेंडली रूममेट हमेशा आपकी हेल्प करेगा, लेकिन अगर यह फ्रेंडशिप टूथब्रश शेयरिंग तक पहुंचने लगे, तो ठीक नहीं है। ऐसा करना आपके लिए नुकसानदायक है और उसके लिए भी। ऐसे में हाइजेनिक रहना बेहतर है। रूममेट से बेस्ट रिलेशन होने चाहिए, लेकिन इतनी क्लोजनेस भी ठीक नहीं। हाइजीन का सवाल तो है ही, अगर बाकी चीजें भी शेयर करते हैं, तो पहले परमिशन जरूर लें।

सेफ्टी इज प्रॉयरिटी

रूममेट क्या कर रहा है, क्या नहीं? इसका हमेशा ध्यान रखें। उसके उन फ्रेंड्स पर आपकी नजर रहनी चाहिए, जो आए दिन उससे मिलने रूम में चले आते हैं। अगर वे उसके रिलेटिव या क्लासमेट हैं, तो ठीक है। लेकिन आउट साइडर हैं, तो सतर्क होना बेहतर रहेगा। सेफ्टी प्वाइंट ऑफ व्यू को हमेशा अपनी प्रॉयरिटी पर रखें। अगर रूममेट के किसी फ्रेंड की एक्टिविटीज संदिग्ध लगें, तो बिना किसी संकोच के साफ-साफ बात कर लें। बात न बनने पर रूममेट चेंज करने के बारे में सोच सकते हैं।

कंबाइंड स्टडी में हेल्प

अगर आप और रूममेट एक ही क्लास में पढते हैं, तो इससे कंबाइंड स्टडीज में हेल्प मिल जाती है। कोई भी कन्फ्यूजन होने पर आप उसे डिस्कस करके दूर कर सकते हैं। रूममेट अगर एजुकेशन रिलेटेड टॉपिक्स शेयर नहीं करना चाहता है, तो इसमें बुरा न मानें। आप अपनी तैयारी खुद करें और उसे अपनी प्रैक्टिस करने दें। इस बात का ध्यान रखें कि स्टडी के समय रूममेट आपको और आप रूममेट को डिस्टर्ब न करें।

आई ऑन सोशल साइट्स

अगर सोशल नेटवर्किग साइट का यूज करते हैं, तो हो सकता है कि आपके कुछ फ्रेंड्स फेसबुक पर आपके रूममेट से भी कान्टैक्ट में हों। ऐसे में रूममेट सलेक्ट करने से पहले सोशल नेटवर्क को जरूर सर्च कर लें। चेक करें कि क्या उसकी फ्रेंडलिस्ट में कुछ म्यूचुअल फ्रेंड्स हैं। साथ ही उसका उसका प्रोफाइल भी देखें, इससे उसका नेचर पता लगाने में हेल्प मिलेगी।

शरद अग्निहोत्री


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