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लेटकर न पढ़ें

अगर आपको लेट कर पढ़ने की आदत है, तो इसे कैजुअली न लें। इससे पहले कि यह आपकी हैबिट में शामिल जाए, बेहतर होगा कि आप राइट पोश्चर में रीडिंग शुरू कर दें..

By Edited By: Published: Wed, 12 Jun 2013 10:57 AM (IST)Updated: Wed, 12 Jun 2013 12:00 AM (IST)
लेटकर न पढ़ें

टफ कॉम्पिटिशन के इस दौर में स्टूडेंट्स को कई-कई घंटे लगातार स्टडी करनी पडती है, जिसके चलते कई बार उन्हें थकान महसूस होने लगती है। जिस पोश्चर में आराम मिलता है, उसी में स्टडी करने लगते हैं। लेट कर पढना सभी को अच्छा लगता है, लेकिन इसका बैड इफेक्ट हमारी आंखों पर पडता है और वे वीक हो जाती हैं। स्टडी का प्रॉपर तरीका क्या है, इसे जानना बहुत जरूरी है। क्योंकि आंखें बहुमूल्य हैं।

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प्रॉब्लम की शुरुआत

हम जब थकते हैं, तो सोचते हैं कि कुछ देर लेटकर रिलैक्स कर लिया जाए। लगातार पढते रहने के दौरान भी कुछ ऐसा ही मन करता है। बच्चे हों या बडे सभी रिलैक्स होने के लिए कभी-कभी लेटकर पढने लगते हैं। लेकिन कुछ देर का यह रिलैक्स अगर हैबिट में शामिल हो जाए तो यह काफी डेंजरेस हो जाता है। लेटकर पढने से किताब एक शार्प एंगल आंखों पर बनाती है, जिससे आंखों पर स्ट्रेस पडने लगता है। इस पोजीशन में पर्याप्त लाइट भी आंखों को नहीं मिलती है। नतीजतन आंखें धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं।

प्रॉपर लाइट

स्टडी हमेशा प्रॉपर लाइट में ही करनी चाहिए। कम लाइट या फिर बहुत ज्यादा लाइट होने से आंखों पर जोर पडने लगता है और उनकी मसल्स की एक्स्ट्रा एनर्जी खत्म होनी शुरू हो जाती है। प्रॉपर लाइट की कमी ही आई साइट के वीक होने का मेन रीजन मानी जाती है।

राइट पोजीशन

स्टडी के समय आंखों और हमारी किताब के बीच का डिस्टेंस न तो अधिक होना चाहिए और न ही बहुत कम। हमारी पोजीशन इस तरह की होनी चाहिए कि लाइट हमारे सामने से किताब पर आए और हमारी शेड किसी भी सूरत में बुक या कॉपी पर न पडे। कई बार ऐसा होता है कि जब सन लाइट या फिर ट्यूबलाइट में स्टडी करते हैं, तो हमारी शेड किताब पर पडती है। इससे लाइट कम हो जाती है और आंखें स्ट्रैच्ड होने लगती हैं। इन चीजों से बचना चाहिए।

रिलैक्सेशन भी जरूरी

अधिक देर तक लगातार स्टडी करने से हमारी आंखें थक जाती हैं। ऐसे में जब हम स्टडी करते हैं, तो हमें ठीक से याद भी नहीं होता है। इसलिए जरूरी है कि थोडी-थोडी देर में आंखों को आराम दिया जाए। तकरीबन हर दो घंटे में आंखों को 5 से 10 मिनट बंद कर लें। आंखों की थकावट दूर होना शुरू हो जाएगी। साबुन से हाथ धोने के बाद ठंडे पानी के छीटों से आंखें धोएं। थकान दूर होने के साथ आंखें बीमारियों से भी बची रहेंगी।

ले प्रॉपर नींद

लगातार रीडिंग करते समय अगर नींद आने लगे तो थोडी देर सो लेना बेहतर रहेगा। आंखों को थकान से बचाने के लिए छ: से आठ घंटे की नींद जरूरी है। इतनी नींद पूरे दिन की आंखों की थकान को दूर कर देती है। सुबह जब उठें तो आंखों को साफ पानी से धोएं। पॉमिंग जैसी कुछ एक्सरसाइज भी कर लें। इसमें आप किसी योगा एक्सपर्ट या फिर आखों के डॉक्टर से एडवाइज ले सकते हैं।

फ्रेम का रोल

जिनकी आई साइट वीक है, उन्हें हमेशा चश्मा लगाना चाहिए। चश्मे का फ्रेम हल्का रखें ताकि आंखों पर टेंशन न हो। आई साइट चेक कराते रहें। जो लोग कॉन्टेक्ट लेंस लगाते हैं, उन्हें चाहिए कि लैंस लगाते और निकालते समय हाथ अच्छी तरह साफ कर लें। लैंस को भी अच्छे लिक्विड में रखें।

शरद अग्निहोत्री


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