क्वालिटी संस्थान की अब भी है डिमांड
आज सब कुछ बदल रहा है। लोग बदल रहे हैं, प्रोफेशन बदल रहा है और उसी के अनुरूप स्किल्ड की मांग भी बदल रही है। इन दिनों भारत में कई संस्थान खुल चुके हैं, लेकिन इन संस्थानों से पढने के बाद भी स्टूडेंट्स बेहतर कॅरियर नहीं बना पा रहे हैं। संस्थान चयन में किस तरह की सावधानी है जरूरी और स्टूडेंट्स कैसे करें बेहतर कॅरियर का चयन, इस संबंध में हमने बात की जीएलए यूनिवर्सिटी,मथुरा के चांसलर नारायण दास अग्रवाल से। पेश हैबातचीत के प्रमुख अंश..
स्टूडेंट्स अच्छे संस्थान का चयन कैसे करें?
अच्छा संस्थान अच्छे स्टूडेंट्स और बेहतर फैकल्टी से बनता है। अगर आपकी फैकल्टी बेहतर होगी, तो स्टूडेंट्स को इसका फायदा मिलेगा ही। स्टूडेंट्स को सलाह है कि वह ऊंची इमारत और प्लेसमेंट के सौ प्रतिशत दावे को देखकर संस्थान का चयन न करें, बल्कि उस संस्थान में पढ रहे स्टूडेंट्स से बातचीत करके पढाई का स्तर जानें, फैकल्टी में किस तरह के लोग हैं, की भी जानकारी लें। यदि आप ये सब जानकारियां लेने के बाद संस्थान का चयन करते हैं, तो परिणाम बेहतर मिलेंगे।
आपके संस्थान का कौन सा कोर्स सबसे बेहतर है और क्यों?
हमारे संस्थान में सभी कोर्स वर्तमान कॉर्पोरेट डिमांड के अनकूल हैं। पर इसमें बीटेक का कोर्स सबसे खास है। इसका प्रमुख कारण यह है कि आज हमारे बीटेक स्टूडेंट्स को विभिन्न कंपनियां द्वारा हाथों हाथ लिया जा रहा है। इसके अलावा संस्थान में आईआईटी, एनआइटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के योग्य शिक्षक भी पढाने आते हैं, जिससे हमारे संस्थान में शिक्षा का स्तर दूसरों से कहीं ऊपर पंहुच जाता है।
बाजार के अनुरूप आप स्टूडेंट्स को किस तरह डेवलप करते हैं?
सबसे पहले हमारा फोकस सिलेबस पर होता है। विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों और प्रोफेशनल्स के माध्यम से सबसे पहले बाजार में किस तरह की स्किल की डिमांड है, उसे देखते हैं। उसके बाद उसी के अनुरूप सिलेबस तैयार करते हैं। इसका फायदा यह होता है कि स्टूडेंट्स को उन्हीं क्षेत्रों पर फोकस करने का मौका मिलता है, जो उनकी जरूरत होती है। कैंपस प्लेसमेंट के समय इस तरह के स्टूडेंट्स को कंपनियां खास तवज्जो देती हैं।
जेआरसी टीम