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प्रोडक्ट डिजाइनिंग मेक योर मार्क

बच्चों के खिलौने, युवाओं के स्मार्टफोन, रसोई के इलेक्ट्रिक किचन यूटेंसिल्स से लेकर ड्राइंग रूम के स्टाइलिश एवं स्मार्ट फर्नीचर्स तक, आज जिधर भी नजर दौड़ाएं, टेक्नोलॉजिकल इनोवेशंस की एक से बढ़कर एक मिसालें देखने को मिल जाती हैं। फिर चाहे वह कोई गैजेट हो, डिजाइनर वॉच या होम अप्लायंसेज।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2015 01:54 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2015 01:57 PM (IST)
प्रोडक्ट डिजाइनिंग मेक योर मार्क

बच्चों के खिलौने, युवाओं के स्मार्टफोन, रसोई के इलेक्ट्रिक किचन यूटेंसिल्स से लेकर ड्राइंग रूम के स्टाइलिश एवं स्मार्ट फर्नीचर्स तक, आज जिधर भी नजर दौड़ाएं, टेक्नोलॉजिकल इनोवेशंस की एक से बढ़कर एक मिसालें देखने को मिल जाती हैं। फिर चाहे वह कोई गैजेट हो, डिजाइनर वॉच या होम अप्लायंसेज। ऐसे में कई बार आप सोचते होंगे, आखिर कौन है इन्हें डिजाइन करने वाला, इनका क्रिएटर? ये काम हैं प्रोडक्ट डिजाइनर्स के, जो अपनी इमेजिनेटिव पावर और एस्थेटिक सेंस की बदौलत टेक्निकल प्रोडक्ट्स बनाते हैं। दरअसल, इंजीनियरिंग का एडवांस ब्रांच है प्रोडक्ट डिजाइनिंग, जिसमें इन दिनों युवाओं का अच्छा रुझान देखा जा रहा है।

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वर्क प्रोफाइल

प्रोडक्ट डिजाइनर्स कॉमर्शियल मैन्युफैक्चरिंग फम्र्स के लिए आर्टिकल्स, प्रोडक्ट्स, मैटीरियल्स डिजाइन करते हैं। कोई भी चीज डिजाइन करने से पहले ये उसकी विजुअल अपील और प्रैक्टिकल यूज का पूरा ध्यान रखते हैं। एक प्रोडक्ट डिजाइनर को कार, होम अप्लायंस, कंप्यूटर, मेडिकल इक्विपमेंट, ऑफिस या रिक्रिएशनल इक्विपमेंट, खिलौने आदि कुछ भी डिजाइन करने पड़ सकते हैं। उन्हें मार्केट रिसर्चर्स, एडवरटिजमेंट टीम और प्रोडक्शन मैनेजर्स से इंटरैक्ट करने के अलावा ग्राफिक डिजाइनर्स के साथ काम करना होता है।

बेसिक स्किल्स

प्रोडक्ट डिजाइनर को आर्टिस्टिक होने के साथ लॉजिकल थिंकर होना भी जरूरी है। आपके पास आउट ऑफ बॉक्स आइडियाज होंगे, तो अलग पहचान बना सकेंगे। इसी तरह ऑब्जर्वेशन स्किल और विजुअल इमैजिनेशन बेहतरीन होनी चाहिए। आपको ड्रॉइंग के माध्यम से अपने आइडियाज को एक्सप्रेस करना, कंज्यूमर गुड्स के प्रोडक्शन और मार्केटिंग की समझ होनी चाहिए।

एजुकेशनल क्वालिफिकेशन

अगर आपके पास आर्किटेक्चर या इंजीनियरिंग में डिग्री होगी, तो आप आइआइटी से इंडस्ट्रियल डिजाइनिंग में मास्टर्स कर सकते हैं। इससे करियर ग्रोथ अच्छी रहेगी। वैसे, साइंस स्ट्रीम से बारहवीं करने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन या आइआइटी से इंडस्ट्रियल डिजाइन का कोर्स कर, प्रोडक्ट डिजाइनिंग की फील्ड में आ सकते हैं। हां, इसके लिए जेइइ एग्जाम क्लियर करना होगा। प्रोडक्ट डिजाइनर्स सेरामिक और फर्नीचर डिजाइन में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं।

मार्केट में अपॉच्र्युनिटीज

मैन्युफैक्चरिंग फम्र्स के डिजाइन डिपार्टमेंट में प्रोडक्ट डिजाइनर्स की अच्छी मांग होती है। आप इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट डिजाइनर, वॉच डिजाइनर, फुटवियर डिजाइनर, डिजिटल डिजाइनर आदि के रूप में करियर शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा, चाहें तो कंसल्टिंग फम्र्स में काम कर सकते हैं। जो लोग सेरामिक्स में स्पेशलाइजेशन रखते हैं, उनके लिए टेबल वेयर, सैनिटरी वेयर, पॉटरी, डेकोरेटिव पोर्सलिन जैसी इंडस्ट्रीज में अनेक मौके हैं। एलजी, होन्डा, जनरल मोटर्स जैसी कंपनियां समय-समय पर प्रोडक्ट डिजाइनर्स को हायर करती रहती हैं। इस समय जब मेक इन इंडिया पर सरकार का इतना जोर है, तो इंडियन प्रोडक्ट डिजाइनर्स की वैल्यू और भी बढ़ जाती है।

टैलेंट की डिमांड

इंडिया में टाटा इएलएक्सएसआइ, आइटीसी, नोकिया, सैमसंग, एलजी, गोदरेज, वर्लपूल, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों आदि में हमेशा अच्छे प्रोडक्ट डिजाइनर्स की तलाश रहती है। मार्केट में टैलेंटेड डिजाइनर्स की कमी को देखते हुए, इस फील्ड में ग्रोथ की बहुत संभावना है। इसके अलावा, एंटरप्रेन्योरशिप में जाना लंबे समय के लिए फायदेमंद हो सकता है।

कौमुदी पटेल, असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रोडक्ट डिजाइनिंग, आइआइटी कानपुर

प्रमुख इंस्टीट्यूट्स

इंडस्ट्रियल डिजाइन सेंटर, आइआइटी बॉम्बे

http://www.idc.iitb.ac.in/

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद

www.nid.edu/

एमआइटी इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पुणे

www.mitid.edu.in

सिंबायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पुणे

http://sid.edu.in/

इंटरैक्शन : अंशु सिंह


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